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भारतीय दल की सबसे छोड़ी खिलाड़ी की जीत से शुरुआत: 14 साल की अनहत ने जीता पहला CWG मैच; मैच के बाद बोलीं- मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था

भारतीय दल की सबसे छोड़ी खिलाड़ी की जीत से शुरुआत: 14 साल की अनहत ने जीता पहला CWG मैच; मैच के बाद बोलीं- मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं था
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बर्मिंघमएक मिनट पहले

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ये हैं दिल्ली की रहने वाली अनहत सिंह। उम्र 14 साल…आमतौर पर इस उम्र के बच्चे स्कूल बैग और वीडियो गेम्स के बीच रहते हैं। लेकिन, अनहत ने इस छोटी सी उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स तक का सफर तय किया है। वे बर्मिंघम में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स की सबसे छोटी खिलाड़ी हैं। अनहत ने शुक्रवार को अपना राउंड ऑफ 64 का मैच जीता है। यह सीनियर कैटेगरी में उनके करियर की पहली जीत है। ओपनिंग मैच में ने सेंट विंसेंट की जैडा रॉस को 11-5 11-2 11-0 से हराया।

जीत के बाद अनहत ने कहा कि वास्तव में यह बहुत रोमांचक और मजेदार है। यह मेरा पहला सीनियर टूर्नामेंट है, इसलिए मुझे नहीं पता था कि क्या उम्मीद करनी है, लेकिन जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ा, मैं और अधिक आश्वस्त हो गई। मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था। मेरे परिवार के बहुत सारे लोग यहां हैं और वे सभी बहुत जोर-जौर से मुझे चीयर कर रहे थे।

कोच बोले- उनमें कोर्ट की अच्छी समझ
कोच क्रिस वॉकर ने कहा कि उसके पास समस्या को सुलझाने का बहुत अच्छा कौशल है। वह बहुत स्मार्ट है। उसे कोर्ट की अच्छी समझ है और रैकेट का अच्छा उपयोग करती है। 14 साल की उम्र में, आप बस उस प्रतिभा को विकसित करने में मदद करना चाहते हैं। मैंने उसके साथ काम करते हुए जो थोड़ा समय दिया है, वह बहुत ही मजेदार रहा है। यह भविष्य के लिए बहुत रोमांचक है। वह एक प्यारी लड़की है।’

कोच ने आगे कहा कि अनाहत इस सब अटेंशन के प्रति शानदार रवैया रखती है। वह बस जर्नी का आनंद ले रही है। उसने तीसरा गेम 11-0 से जीता, उसके हारने का कोई मौका नहीं था। वह पूरी संजीदगी से खेलती है। जब वह खेल रही है, तो उसके खेल में परिपक्वता नजर आती है।

‘अनाहत को अंडर -15 स्तर पर उनके प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम में चुना गया था, जिसमें इस साल एशियाई जूनियर स्क्वैश और जर्मन ओपन में जीत भी शामिल है।’

बहन के साथ स्क्वैश खेलने जाती थी
9वीं क्लास की स्टूडेंट अनाहत जब 6 साल की थीं तो अपनी बहन के साथ स्क्वॉश खेलने जाती थी। लेकिन तब उन्हें बैडमिंटन में करियर बनाना था। बहन के साथ खेलते-खेलते अनहत को कब स्क्वॉश से लगाव हो गया, इसका उन्हें पता ही नहीं चला। 2 साल बाद 8 वर्ष की उम्र से अनहत ने खेल को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया।

अब तक 40 मेडल जीत चुकी हैं
लगातार 6 वर्षों से वे स्क्वॉश की प्रैक्टिस कर रही हैं और पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को रिप्रेजेंट कर रही हैं। अनहत ने अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 46 मेडल जीते हैं।

6 साल के करियर में जीत चुकी हैं 46 नेशनल मेडल
अनाहत ने 6 साल के करियर में 46 नेशनल सर्किट टूर्नामेंट, 2 नेशनल सर्किट खिताब, दो नेशनल चैंपियनशिप टाइटल जीते हैं। उन्होंने 8 अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं। इनमें ब्रिटिश जूनियर स्क्वैश ओपन (2019) और यूएस जूनियर स्क्वैश ओपन (2021) उनके मेजर टाइटल रहे हैं।

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