स्पोर्ट्स डेस्क2 मिनट पहले
आप अगर क्रिकेट को फॉलो करते हैं और आपसे कोई सवाल करे कि दुनिया में स्पिन बॉलिंग को सबसे शानदार कहां के बल्लेबाज खेलते हैं? तो आपका जवाब होगा- भारत, पाकिस्तान या फिर श्रीलंका। टेस्ट और वनडे में तो ये सही है, लेकिन टी-20 क्रिकेट में ऐसा नहीं है। भारतीय बल्लेबाज तेज गेंदबाजों को तो अच्छा खेल रहे हैं, लेकिन स्पिन गेंदबाजी के सामने उनकी हालत पतली हो जा रही है। रोहित शर्मा और केएल राहुल के स्ट्राइक रेट में तो तेज गेंदबाजों की तुलना में 25% से ज्यादा की गिरावट आ गई है। आइए आपको बताते हैं कैसे…
राहुल-रोहित का स्पिनरों के खिलाफ बुरा हाल
टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज केएल राहुल और रोहित शर्मा का स्ट्राइक रेट टी-20 वर्ल्ड कप के बाद स्पिनरों के खिलाफ जान लेंगे तो आप यकीन नहीं कर पाएंगे। एक तरफ जहां तेज गेंदबाजों के खिलाफ केएल राहुल का स्ट्राइक रेट 126 का है तो वहीं, स्पिन गेंदबाजों के सामने उनका स्ट्राइक रेट गिरकर सिर्फ 86.11 का हो जाता है। यानी 31% की गिरावट आ जाती है।
कुछ ऐसा ही हाल टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा का है। रोहित ने 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप के बाद तेज गेंदबाजों की जमकर क्लास लगाई है और उनका स्ट्राइक रेट उनके खिलाफ तो 156.72 का है, लेकिन जब बात स्पिन गेंदबाजों की आती है तो वह बिल्कुल बेबस नजर आते हैं। स्पिन बॉलरों के सामने वो सिर्फ 115.87 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी कर रहे हैं।
इन दोनों से बेहतर विराट कोहली का स्ट्राइक रेट है, लेकिन वो भी बहुत धीमे हैं। उन्होंने 2021 के टी-20 वर्ल्ड के बाद 122.94 की स्ट्राइक रेट से स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाए हैं।
रोहित शर्मा एशिया कप में खेले तीनों मैच में कोई बड़ी पारी नहीं खेल पाए हैं।
एशिया की और टीमों का रिकॉर्ड भी खराब
अगर पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बल्लेबाजों का टी-20 वर्ल्ड कप के बाद स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ स्ट्राइक रेट देखें तो ये भी स्ट्रगल करते नजर आ रहे हैं। पाकिस्तान के बल्लेबाजों ने तेज गेंदबाजों के खिलाफ जहां 141.71 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं तो वहीं, स्पिन के खिलाफ उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 112.41 का है।
- बांग्लादेश के खिलाड़ी तो तेज और स्पिन दोनों के खिलाफ फ्लॉप साबित हो रहे हैं। टी-20 वर्ल्ड कप के बाद तेज गेंदबाजों के खिलाफ उनके बल्लेबाजों ने सिर्फ 117.58 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। वहीं, स्पिन के खिलाफ उनका स्ट्राइक रेट 107.14 का रहा है।
- श्रीलंका की टीम तेज गेंदबाजों के खिलाफ टी-20 वर्ल्ड के बाद 120.66 के स्ट्राइक रेट से रन बना रही है तो वहीं, स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ ये घटकर 103. 58 का हो जाता है।
- अफगान के बल्लेबाजों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। तेज गेंदबाजों के सामने उनका स्ट्राइक रेट 131.71 का रहता है तो वहीं, टी-20 वर्ल्ड कप के बाद स्पिन बॉलरों के सामने वो सिर्फ 104.32 के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे हैं।
केएल राहुल इस एशिया कप एक भी अर्धशतक नहीं लगा पाए हैं।
समस्या कहां आ रही है?
एक तरफ जहां साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजों को स्विप और रिवर्स स्विप खेलते नजर आते हैं तो वहीं, एशिया के ज्यादातर बल्लेबाज इसे खेलना ही भूल गए हैं। भारत के टॉप बल्लेबाजों को ही देख लीजिए रोहित और राहुल दुर्लभ ही ये शॉट स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ खेलते हैं।
दोनों स्पिन गेंदबाजों को सीधे बल्ले से खेलने पर जोर देते हैं। विराट का भी यही हाल है। वो भी स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ कभी-कभार हीं स्विप लगाते नजर आते हैं। इसी कारण टी-20 फॉर्मेट में जहां बॉल कम खेलनी होती है वहां ये बल्लेबाज स्पिनरों के खिलाफ स्ट्रगल कर रहे हैं।
वहीं, अगर आप सूर्यकुमार यादव और दिनेश कार्तिक जैसे बल्लेबाजों को देखेंगे तो दोनों खिलाड़ी स्वीप और रिवर्स दोनों शॉट खेलने में माहिर हैं। ऐसे में इनका स्ट्राइक रेट स्पिनरों के खिलाफ बेहतर है।
अगर क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में बल्लेबाजों को स्पिन के खिलाफ अपना स्ट्राइक रेट बेहतर करना है तो उन्हें अलग-अलग तरह के शॉट खेलने के प्रयास करने होंगे। वरना जहां स्पिन के खिलाफ एशिया के बल्लेबाजों का बोलबाला रहता था। वहां अब राह और भी मुश्किल हो जाएगी।
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