दोहा5 मिनट पहले
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कतर में चल रहे फुटबॉल वर्ल्ड कप में सोमवार शाम ईरानी टीम ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। टीम के सभी खिलाड़ी राष्ट्रगान के दौरान मौन रहे। जबकि इंग्लिश खिलाड़ियों ने गर्व के साथ अपना राष्ट्रगान गाया।
यह वाकया देखने को मिला इंग्लैंड-ईरान मुकाबले से पहले। जब दोनों देशों के नेशनल एंथम बजाए जा रहे थे।
दरअसल, ईरानी खिलाड़ी अपने देश में सख्त इस्लामिक ड्रेस कोड का विरोध कर रहे थे। वहां देशव्यापी प्रदर्शन चल रहा है। ऐसे में टीम ने उस प्रदर्शन का समर्थन किया। इस खबर में जानेंगे पूरा मामला…लेकिन उससे पहले हमारे इस पोल में अपनी राय दे दीजिए
फैंस भी खिलाड़ियों का समर्थन करते नजर आए।
विरोध प्रदर्शन क्यों…?
वहां महिलाओं के लिए इस्लामिक ड्रेस कोड़ काफी सख्त हैं। ईरान के कानून के मुताबिक, महिलाओं के लिए घर से बाहर निकलते वक्त सिर को हिजाब या स्कार्फ से ढकना जरूरी है। उल्लंघन करने पर कड़ी सजा के प्रावधान हैं।
FIFA का मंच क्यों चुना?
ईरानी सरकार इस प्रदर्शन को दबाना चाहती है। हजारों गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। यही कारण है कि टीम ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के मंच में अपनी सरकार का विरोध प्रदर्शन किया।
इतना बवाल क्यों है?
विरोध प्रदर्शन महसा अमीनी की मौत के बाद शुरू हुए हैं। 22 वर्षीय अमीनी को 13 सितंबर को मोरेलिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर हिजाब नियमों के उल्लंघन के आरोप था। हिरासत में ही अमीनी की मौत हो गई।
फ्रैंडली मैच में देश के सिंबल को काली जैकेट से ढंका था
ईरानी खिलाड़ी पहले भी प्रदर्शनों का समर्थन कर चुके हैं। एक फ्रेंडली मैच के दौरान खिलाड़ियों ने देश के सिंबल को काली जैकेट के साथ कवर करके विरोध जताया था। जबकि कुछ ने गोल दागने पर जश्न नहीं मनाया था। फुटबॉल के अलावा अन्य खेलों के खिलाड़ियों ने राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया था।
टीम ने देश के सिंबल को काली जैकेट से छिपाया।
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