पानीपत2 घंटे पहले
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- हरियाणा के झज्जर के दीपक पूनिया और जींद की अंशु मलिक से ब्रॉन्ज की उम्मीद
पहले प्री क्वार्टर फाइनल फिर क्वार्टर फाइनल में शानदार जीत के साथ झज्जर के गांव छारा के दीपक पूनिया ने भारतीय कुश्ती में नया इतिहास रच दिया। वे ओलिंपिक के 86 किग्रा भारवर्ग के सेमीफाइनल में जगह बनाने वाले देश के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। हालांकि सेमीफाइनल में उन्हें वर्ल्ड चैंपियन अमेरिकी पहलवान के हाथों हार का सामना करना पड़ा, लेकिन कांस्य पदक की दौड़ में वे अभी भी बरकरार है। गुरुवार को वे कांस्य पदक के लिए फिर से मैदान में होंगे। परिजनों को कांस्य पदक की उम्मीद है।
टोक्यो ओलिंपिक में प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में नंबर दो की रैंकिंग के साथ मैट पर उतरे दीपक ने नाइजिरियाई पहलवान को आसानी से हरा दिया था। उनका असली दमखम तो चीन के पहलवान के साथ क्वार्टर फाइनल में देखने को मिला। शुरुआत में उन्होंने 3-1 की बढत बनाई, लेकिन चीनी पहलवान लिन ने 3-3 से वापसी की, रेफरी ने थ्रो के लिए दीपक को दो अंक दिए, लेकिन चीनी पहलवान ने इसे चुनौती दी और सफल रहे, जीत की ओर बढ़ रहे लिन ने आखिरी दस सेकेंड में पूनिया ने लिन के नीचे से घुसकर उसके पैर पकड़ लिए और हवा में उछालकर दो अंक के साथ मुकाबला जीत लिया।
महिला कुश्ती- अंशु रेपचेज राउंड खेलेंगी, ब्रॉन्ज की आस
विनेश फौगाट भी मैट पर रियो में रूके मिशन ओलिंपिक अभियान को पूरा करने उतरेगी, लेकिन उनके साथ ही जींद की अंशु मलिक के पास भी कुश्ती इतिहास में खुद का नाम दर्ज करवाने का अवसर होगा। शुरूआती दौर में जिस बुल्गारियाई पहलवान इरियाना के हाथों मिली हार से उन्हें निराशा मिली थी, बाद में उन्हीं इरियाना ने फाइनल में पहुंचने से अंशु को एक बार फिर से रेपेचेज के रूप में नए सिरे से पदक जीतने का मौका मिलेगा।
अपनी आंखों से इतिहास को बदलते देखना चाहता हूं: कोच
भारतीय टीम के चीफ कोच जगमिंदर सिंह ने टोक्यो से दैनिक भास्कर रिपोर्टर से बात करते हुए बताया कि वे मोस्को ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रहे थे, उस वक्त की कसक आज तक दिल में है, तब एक ही राउंड होता था, रवि एवं दीपक के पास पदक जीतकर इतिहास रचने का सुनहरा मौका है। आज जब फितले (दांव) में रवि फंसा था, वह मुश्किल क्षण थे, लेकिन रवि ने उसकी पकड़ ढीली कर शानदार वापसी की। रवि के लेग अटैक असरदार साबित हुए।
मिडविड और गट्टा दांव से जीते थे मुकाबला
दीपक के कोच वीरेन्द्र ने बताया कि दीपक ने जिस दांव से हारी हुई बाजी को जीतकर दिखाया, वह गट्टा दांव था, इसके बाद सिर के बल पूरी तरह से घूमा दिया। इससे पहले मिडविड ग्रिप दांव के जरिए बढ़त बनाई थी। उन्होंने कहा कि सेमीफाइनल में हार के बाद की निराशा को भूलकर दीपक कांस्य के लिए खेलेंगे।
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