अंडर-19 स्टार शेख रशीद की कहानी: बेटे के प्रैक्टिस के लिए पिता ने छोड़ी थी बैंक की नौकरी; खराब प्रदर्शन के बाद रशीद चले गए थे डिप्रेशन में
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11 मिनट पहले
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अंडर-19 वर्ल्ड कप में सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 96 रन से टीम इंडिया को जीत दिलाने में कप्तान यश धुल के साथ आंध्र के शेख रशीद ने अहम भूमिका निभाई। धुल ने 110 और शेख रशीद ने 94 रनों की पारी खेली। रशीद के यहां तक के सफर में उनके पिता का बड़ा हाथ रहा है। बेटे की प्रैक्टिस के लिए उन्होंने बैंक की नौकरी तक छोड़ दी थी। वहीं एक समय शेख रशीद स्टेट टीम में खराब प्रदर्शन के बाद डिप्रेशन में चले गए थे। अब एक बार फिर उन्होंने टीम के लिए महत्वपूर्ण मैच में शानदार पारी खेली। इस पारी से पहले उन्होंने एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ 90 रन की पारी खेल कर टीम को फाइनल में पहुंचाया था। रशीद के पिता शेख बलीशा ने एशिया कप में रशीद की इस पारी के बाद दैनिक भास्कर से उनके यहां तक के सफर के बारे में बताया था। चलिए हम जानते हैं रशीद को यहां तक पहुंचने के लिए किन मुसीबतों से गुजरना पड़ा।
प्रैक्टिस में दिक्कत न हो, इसलिए बैंक की नौकरी छोड़ी
बलीशा ने बताया कि वे प्राइवेट बैंक में जॉब करते थे। उन्होंने देखा कि रशीद को प्रैक्टिस करने में दिक्कत आ रही है। तब वे नौकरी छोड़ कर रशीद को प्रैक्टिस कराने लगे। बलीशा अब भी कोई जॉब नहीं कर रहे हैं। घर का खर्च पहले की सेविंग से चलता है।
नेशनल क्रिकेट एकेडमी में टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ के साथ शेख रशीद
अंडर-14 और 16 में खराब प्रदर्शन के बाद डिप्रेशन में चले गए
बलीशा ने बताया था कि रशीद का चयन पहले आंध्र प्रदेश की अंडर-14 टीम और बाद में अंडर-16 टीम के लिए हुआ। रशीद दोनों वर्गों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए, जिसके बाद वह डिप्रेशन में चले गए थे। उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया, लेकिन पिता के समझाने के बाद वे फिर से ट्रेनिंग करने लगे और आंध्र प्रदेश की टीम में जगह बनाई। इसके बाद उनके करियर का ग्राफ ऊपर चढ़ता गया और वे देश की अंडर-19 टीम में चुन लिए गए।
8 साल की उम्र में लक्ष्मण से मिले
रशीद की मुलाकात 8 साल की उम्र में टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज लक्ष्मण से हुई थी। रशीद के पिता ने बताया था कि एक घरेलू टूर्नामेंट के फाइनल में लक्ष्मण मुख्य अतिथि थे। उस समय वो टीम इंडिया के लिए खेलते थे। रशीद ने उस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था और लक्ष्मण ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया था। इसके बाद रशीद उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना लक्ष्य टीम इंडिया के लिए खेलने के लिए बना दिया।
8 साल की उम्र में वीवीएस लक्ष्मण के साथ रशीद
पड़ोसियों की खिड़कियों के कांच तोड़ते थे रशीद
बलीशा ने बताया था कि गुंटूर में जब वह रहते थे तो रशीद कॉलोनी में ही अन्य बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते थे। वे शुरू से ही बल्लेबाजी करना पसंद करते थे। कई बार वे इतनी जोर से शॉट मारते थे कि लोगों के घरों दरवाजों और खिड़कियों के कांच टूट जाते थे। लोग इसकी शिकायत उनसे किया करते थे। तब उन्होंने सोचा कि क्यों न उसे क्रिकेट की ट्रेनिंग कराई जाए। फिर रशीद को आंध्र प्रदेश क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन कराने के लिए तैयारी करवाई। बाद में रशीद का सिलेक्शन हैदराबाद में आंध्र प्रदेश की क्रिकेट एकेडमी में हो गया। जिसके बाद पूरा परिवार ही हैदराबाद शिफ्ट हो गया।
विराट कोहली हैं रशीद के फेवरेट क्रिकेटर
रशीद के पिता ने बताया कि रशीद कोहली को अपना आदर्श मानते हैं। वह उन्हीं की तरह बल्लेबाजी करना चाहते हैं। वह उनके स्टाइल को भी फॉलो करते हैं।
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