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अब नो क्वारेंटाइन: घरेलू टूर्नामेंट में बायो बबल खत्म कर सकता है BCCI, अब एक कमरे में दो  खिलाड़ी ठहर सकेंगे

अब नो क्वारेंटाइन: घरेलू टूर्नामेंट में बायो बबल खत्म कर सकता है BCCI, अब एक कमरे में दो  खिलाड़ी ठहर सकेंगे

21 मिनट पहले

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अब नो क्वारेंटाइन: घरेलू टूर्नामेंट में बायो बबल खत्म कर सकता है BCCI, अब एक कमरे में दो  खिलाड़ी ठहर सकेंगे

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपने घरेलू टूर्नामेंट में कोरोना महामारी संबंधित पाबंधियां समाप्त करने जा रहा है। उसने अपने कोविड प्रोटोकॉल्स में ढील देने शुरू भी कर दिया है। इसकी शुरुआत एकांतवास क्वारेंटाइन से होने जा रही है। बोर्ड ने अप्रैल माह में शुरू होने वाले दो टूर्नामेंट के लिए क्वारेंटाइन में रहने की अनिवार्यता समाप्त की है। साथ ही ठहरने की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। एक सूत्र ने बताया कि बोर्ड ने कूच बिहार ट्रॉफी और वुमन सीनियर टी20 क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए सभी यूनिट/टीमा को मेल भेजा है। जिसमें क्वारेंटाइन और एकोडमेशन संबंधी निर्देश हैं। यदि सब ठीक रहता है ताे आने वाले समय में बाेर्ड आईपीएल समेत अपने घरेलू टूर्नामेंट बायो बबल की अनिवार्यता भी खत्म कर दी जाएगी।

सभी इकाइयों को मेल भेजा
सभी राज्य इकाइयों/टीमाें काे बीसीसीअाई की ओर से एक मेल प्राप्त हुआ है जिसमें टीमें के क्वारेंटाइन पीरियड में रहने की अनिवार्यता समाप्त की गई है। इतना ही नहीं, अब होटल के एक कमरे में एक साथ दो खिलाड़ी ठहर सकते हैं। अभी तक हर खिलाड़ी के लिए एक अलग रूम अलाट किया जाता था। नए निर्देशाें के अनुसार खिलाड़ी वेन्यू में पहुंचकर अभ्यास शुरू कर सकते हैं। अभी तक घरेलू टूर्नामेंट में टीमाें के लिए कम से कम तीन दिन का एकांतवास अनिवार्य था।

RT-PCR अब भी जरूरी
बाेर्ड ने खिलाड़ी, स्टाॅफ और ऑफिशियल के लिए अब भी RT-PCR की अनिवार्यता रखी है। टीमाें के पहुंचने के बाद खिलाड़ियाें के बार-बार काेराेना टेस्ट कराए जाएंगे। यहां बताना जरूरी है कि काेराेना के बाद ये पहले टूर्नामेंट हाेंगे, जाे क्वारेंटाइन पीरियड के बिना खेले जाएंगे।

पाबंधियाें के कारण मानसिक थकान का शिकार हाे रहे थे खिलाड़ी
पिछले तीन साल काेराेना की पाबंधियाें में गुजारने के कारण खिलाड़ी मानसिक थकान का शिकार हाे रहे थे। उन्हें हफ्ताें का समय में एक कमरे में ही गुजारना पड़ता था। इससे खिलाड़ी काे फार्म में आने में समय लगता था। उसे समय में प्रैक्टस नहीं मिलती था। वे अपने साथी खिलाड़ी से नहीं मिल सकते थे।
अब यह बदलेगा
– पहले तीन-तीन का क्वारेंटाइन अनिवार्य था। अब नहीं हाेगा, खिलाड़ी वेन्यू में पहुंचने के दूसरे ही दिन प्रैक्टिस कर सकेंगे। क्वारेंटाइन पूरा हाेने से पहले प्रैक्टिस नहीं हाेती थी।
– पहले जिम नहीं मिलता था, अब एक टीम के वर्कअाउट के बाद सैनेटाइजेशन हाेगा फिर दूसरे टीम वर्कआउट कर सकेगी।
– खिलाड़ी एक दूसरे के रूम में जा सकेंगे। पहले ऐसा नहीं था।
– गेंदबाजी के दाैरान साथी खिलाड़ी कैप हाेल्ड करते थे, अब अंपायर हाेल्ड करेंगे।

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