एशेज पर खतरा: कड़े क्वारेंटाइन नियमों के खिलाफ इंग्लैंड के खिलाड़ी, इस सीरीज का सामूहिक रूप से कर सकते हैं बहिष्कार
2 मिनट पहले
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इंग्लैंड के खिलाड़ी सामूहिक रूप से एशेज का बहिष्कार कर सकते हैं। मामला ऑस्ट्रेलिया में सख्त बायो-बबल और परिवार के लिए कड़े क्वारेंटाइन नियमों का है। अधिकांश खिलाड़ी ऑस्ट्रेलियन सरकार के उस बयान से चिंतित हैं, जिसमें कहा गया था कि एशेज के दौरान खिलाड़ियों के परिवार को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा। न ही उनके लिए क्वारेंटाइन नियमों में ढील दी जाएगी। खिलाड़ी चाहते हैं कि उन्हें होटल में 14 दिन के हार्ड क्वारेंटाइन से थोड़ी छूट दी जाए। हालांकि, क्वारेंटाइन से निकलने के बाद सबसे बड़ी बाधा बायो-बबल में लगने वाले प्रतिबंध की होगी।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) पहले ही इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को सूचित कर चुका है कि वह एशेज के दौरान कड़े क्वारेंटाइन नियम लागू करेगा। अगर खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया में होटलों तक सीमित कर दिया जाता है और सामान्य जीवन जीने, घूमने-फिरने की अनुमति नहीं दी जाती है तो कई खिलाड़ी सामूहिक रूप से एशेज का बहिष्कार कर सकते हैं। अगर खिलाड़ियों को गोल्फ आदि खेलने दिया जाता है, मैच के अलावा भी होटल से बाहर निकलने की मंजूरी मिल जाती है तो वे अपने परिवार के बिना भी एशेज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर सकते हैं।
इंग्लैंड के खिलाड़ी इसलिए भी परेशान हैं क्योंकि वे ऑस्ट्रेलिया के कड़े कोविड प्रोटोकॉल से वाकिफ हैं। सूत्रों के अनुसार, खिलाड़ियों को चिंता है कि अगर उनमें से एक भी खिलाड़ी कोविड पॉजिटिव आ जाता है तो सीए कड़े नियम लागू कर देगा। वे होटल रूम में सीमित हो जाएंगे। उन्हें सिर्फ ट्रेनिंग और मैच के लिए बाहर जाने की अनुमति होगी, जैसा कि सिडनी में भारत के साथ पिछले साल हुआ था।
ऑस्ट्रेलिया में हर राज्य के अपने नियम, सिडनी-मेलबर्न में खिलाड़ियों को करना पड़ सकता है कड़े प्रतिबंधों का सामना
ऑस्ट्रेलिया में अलग-अलग राज्यों में प्रतिबंध अलग-अलग होते हैं। क्वींसलैंड और साउथ ऑस्ट्रेलिया में मामले बिल्कुल नहीं है, इसलिए पहले दो टेस्ट के वेन्यू ब्रिस्बेन और एडिलेड में खिलाड़ियों को अधिक फ्री माहौल मिलेगा। लेकिन विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स में बबल में कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, जहां सिडनी और मेलबर्न टेस्ट होंगे। पर्थ में होने वाले पांचवें टेस्ट को सिडनी शिफ्ट किया जा सकता है क्योंकि वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में घरेलू यात्रियों पर ही दो हफ्ते का क्वारेंटाइन लागू है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया इस हफ्ते के अंत तक परिवार के लिए शर्तों और बायो-बबल प्रतिबंधों पर उठ रहे सवालों का जवाब देगा। इसके बाद इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड अगले हफ्ते खिलाड़ियों से मिलकर उनसे पूछेगा कि कौन ऑस्ट्रेलिया जाना चाहता है। इसके बाद एशेज के लिए इंग्लिश टीम चुनी जाएगी। पहला टेस्ट 8 दिसंबर से ब्रिस्बेन में शुरू होगा।
इंग्लिश खिलाड़ियाें से पाक दौरे के लिए पूछा भी नहीं गया
इंग्लैंड के क्रिकेटर्स यूनियन ने देश के बोर्ड के उस दावे का खंडन किया है, जिसमें ईसीबी ने कहा था कि खिलाड़ियों की वजह से पाकिस्तान दौरे को टाला गया था। यूनियन ने जोर देकर कहा कि खिलाड़ियों से पूछा तक नहीं गया था कि क्या वे पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। इंग्लैंड प्लेयर पार्टनरशिप (टीईपीपी) ने कहा कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) द्वारा उन्हें अंधेरे में रखा गया।
न्यूजीलैंड ने पिछले शुक्रवार को रावलपिंडी में पहले मैच से कुछ घंटे पहले सुरक्षा अलर्ट मिलने के बाद पाकिस्तान से दौरा रद्द कर दिया था। अगले दिन न्यूजीलैंड की टीम ने देश भी छोड़ दिया था। इसके बाद इंग्लैंड बोर्ड ने भी अपनी दोनों टीमों के पाकिस्तान दौरे को रद्द कर दिया था। तब ऐसा लग रहा था कि बोर्ड ने खिलाड़ियों से चर्चा करने के बाद दौरा रद्द किया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईसीबी ने पुरुष या महिला टीम या फिर प्लेयर्स यूनियन से किसी भी स्तर पर कोई चर्चा नहीं की थी।
उन्होंने ये तक नहीं पूछा था कि दौरा आगे बढ़ना चाहिए, खिलाड़ी पाकिस्तान दौरे के लिए तैयार हैं या नहीं। दाैरा रद्द करने के मामले में उनका इनपुट नहीं लिया गया। यूनियन या खिलाड़ी दौरे को रद्द करने के फैसले में शामिल नहीं थे। यूनियन ने ईसीबी को सूचित नहीं किया था कि खिलाड़ी पाकिस्तान का दौरा नहीं करेंगे।
ईसीबी ने कहा था कि खिलाड़ियों की मेंटल और फिजिकल हेल्थ को ठीक रखने के लिए पाकिस्तान का दौरा रद्द किया गया। लेकिन उसकी इस बात में भी संदेह नजर आ रहा है क्योंकि पिछले साल इंग्लैंड की टीम तीन टेस्ट और तीन टी20 मैच की सीरीज के लिए पाकिस्तान गई थी। उस समय वैक्सीन भी नहीं आई थी। इंग्लैंड की पुुरुष टीम को अगले महीने पाकिस्तान में दो टी20 खेलने थे जबकि महिला टीम का 5 मैच का टूर था।
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