लंदन4 मिनट पहले
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आस्ट्रेलिया ने एशेज सीरीज से पहले WTC फाइनल में टीम इंडिया को हराकर ट्रॉफी पर कब्जा किया है।
ऑस्ट्रेलिया वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन बन गया है। कई टीमों के लिए चैंपियन बनना अंतिम पड़ाव होता, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए नहीं। टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल कंगारू टीम के लिए लंबे इंग्लिश समर की शुरुआत है। अब 46 दिन लंबी जंग में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया एशेज के लिए भिड़ेंगे। इंग्लैंड के लिए रवाना होने से पहले ऑस्ट्रेलिया के सामने कई सवाल थे। इनमें से कुछ का जवाब उन्हें फाइनल के जरिए मिल गया। मसलन स्मिथ ने फॉर्म हासिल कर ली।
फाइनल के शतकवीर ट्रेविस हेड पिछली बार की तरह इस बार भी रनों का अंबार लगाने के लिए तैयार दिख रहे हैं। स्कॉट बोलैंड के रूप में टीम को तीसरा पेसर मिल गया। दूसरी ओर, इंग्लैंड बैजबॉल तकनीक के साथ पूरी तरह तैयार है। वही बैजबाॅल, जिसकी मदद से इंग्लैंड ने पिछले 12 में से 10 टेस्ट जीते। मैक्कुलम के कोच व स्टोक्स के कप्तान बनने के बाद इंग्लैंड ने इसे अपनाया और उनका गेम पूरी तरह से बदल गया। ऑस्ट्रेलिया के लगातार चौथी एशेज रिटेन करने में बैजबॉल बड़ी बाधा बन सकती है।
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान कमिंस को विकल्पों से परेशानी, गेंदबाजों में अनुशासन की कमी
1. हेजलवुड के अनफिट होने का फायदा बोलैंड को मिला। फाइनल में उन्होंने कोहली और जडेजा को 3 गेंद के अंदर आउट कर मैच का रुख पलट दिया। हेजलवुड के फिट होने के बाद कप्तान कमिंस के सामने तीसरे बॉलर के रूप में बोलैंड व हेजलवुड के बीच में एक को लेने की चुनौती होगी।
2. फाइनल में स्टार्क की गेंदबाजी में रिदम की कमी नजर आई। वहीं, कमिंस अनुशासनहीन रहे। उन्होंने 9 नो बॉल की। फाइनल में जीत के बाद शायद ऑस्ट्रेलिया को नो बॉल ज्यादा न अखरे, लेकिन फॉर्म में दिख रहे रहाणे को कमिंस की नो बॉल की वजह से जीवनदान मिला था।
पैट कमिंस ने WTC फाइनल में 9 नो बॉल की।
पिछले एशेज के टॉप रन स्कोरर हेड ने डब्ल्यूटीसी में सबसे बड़ी पारी खेली थी, स्मिथ की उम्दा फॉर्म
ऑस्ट्रेलिया के हेड 2021 एशेज में टॉप स्कोरर थे। उन्होंने फाइनल में 163 रन बनाए और प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे। एशेज से पहले फॉर्म हासिल करने से आत्मविश्वास बढ़ा होगा।
स्मिथ एशेज 2021 में केवल 30 की औसत से 244 रन बना पाए थे। एक भी शतक नहीं बनाया था। इसलिए एशेज 2019 में 700+ रन बनाने वाले स्मिथ पर सवाल थे कि क्या वे इस बार इंग्लैंड में रनों का अंबार खड़ा कर पाएंगे। इसका जवाब उन्होंने भारत के खिलाफ पहली पारी में शतक लगाकर दे दिया है।
इंग्लैंड का स्कोरिंग रेट बैजबॉल तकनीक ने बढ़ाया, जिसे रोकना ऑस्ट्रेलिया के सामने बड़ी चुनौती
पिछले साल इंग्लैंड ने बैजबॉल तकनीक अपनाई। 2022 में इंग्लैंड की टेस्ट में रन रेट 4.13 थी, जो किसी भी देश से ज्यादा थी। बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजों को भी फायदा हुआ था। इंग्लैंड ने 13 में से 12 टेस्ट में विरोधी के सभी 20 विकेट झटके थे। यानी ऑस्ट्रेलिया के सामने बैजबॉल बहुत बड़ी चुनौती रहेगी।
डब्ल्यूटीसी फाइनल में देर से ही सही, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने हेड को असहज करने और आउट करने का तरीका ढूंढ निकाला। सिराज की बाउंसर के सामने हेड असहज दिखे। पहली पारी में वो बाउंसर पर ही आउट हुए। ऐसे में भारतीय तेज गेंदबाजों ने इंग्लैंड को हेड से छुटकारा पाने की कुंजी सौंपी है।
40 की उम्र में भी एंडरसन सफल क्योंकि 20 साल से एक ही रुटीन
अगले महीने 41 साल के होने वाले तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन 20 साल से एक ही रुटीन दोहरा रहे हैं। वो 18 मीटर की दूरी से भागते हुए बॉलिंग क्रीज तक 16 किमी की रफ्तार से पहुंचते हैं। क्रीज से थोड़ा पहले वे जम्प लेते हैं, अपने ऊपरी शरीर को दाएं हाथ की ओर मोड़ते हैं और फिर हाथ से 140+ की रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं। उन्होंने करियर में ये एक्शन 38,293 बार दोहराया है। साथ ही, सिर्फ अपने एक्शन में उन्होंने 700 किलोमीटर का फासला तय किया है। वे टेस्ट में तीसरे सबसे ज्यादा विकेट (685) लेने वाले गेंदबाज भी बन गए हैं।
41 साल के होने वाले तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन 20 साल से एक ही रुटीन दोहरा रहे हैं।
एक्शन में छेड़छाड़ की वजह से चोटिल हुए थे
एंडरसन के एक्शन से छेड़छाड़ की कोशिश की गई, ताकि वे 150+ रफ्तार से गेंद फेंक पाए, ऐसा नहीं हुआ। बल्कि चोटिल हो गए, जिसके बाद पुराने एक्शन पर लौटे।
एंडरसन 30 की उम्र के बाद सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने 30 साल का होने के बाद केवल 23.17 की औसत से 417 विकेट लिए हैं।
एंडरसन टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले टॉप-4 गेंदबाजों की सूची में इकलौते तेज गेंदबाज है। उन्होंने 685 विकेट अपने नाम किए हैं, जिसमें से 205 विकेट 35 की उम्र के बाद लिए हैं।
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