ओलिंपिक के क्वालीफाइंग राउंड से बाहर हुईं मेरठ की अनु: भाला फेंक प्रतियोगिता में अपने पुराने रिकार्ड तक भी नहीं पहुंच पाईं अनु, अब प्रियंका से यूपी को आखिरी उम्मीद
मेरठ3 घंटे पहले
ओलंपिक के मानकों के अनुसार 63 मीटर भाला फेंकने वाले सर्वश्रेष्ठ 12 खिलाड़ियों को फाइनल में जगह मिलती है।
भाला फेंक प्रतियोगिता में भारत की महिला एथलीट अनु रानी (Annu Rani) ओलिंपिक क्वालीफाइंग राउंड को क्लियर नहीं कर पाईं और मुकाबले से बाहर हो गईं। टोक्यो ओलिंपिक में मंगलवार सुबह हुई भाला फेंक प्रतियोगिता में अनु फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी हैं। अनु ने 54.04 मीटर तक भाला फेंका, जो ओलिंपिक टॉप 12 लिस्ट के मानकों से भी कम है। इस तरह अनु प्रतियोगिता से बाहर हो गईं। मेरठ की आखिरी उम्मीद अब 20 किलोमीटर पैदल चाल की खिलाड़ी प्रियंका गोस्वामी से बची है।
अपने रिकार्ड तक नहीं पहुंच पाई अनु
मेरठ के बहादुरपुर गांव की बेटी अनु ने अपने शानदार प्रदर्शन के कारण ओलिंपिक में जाने का कोटा हासिल किया था। 64 मीटर तक भाला फेंकने की रिकार्ड होल्डर अनु को इसी के आधार पर ओलंपिक में भेजा गया। लेकिन टोक्यो में अनु अपने रिकार्ड से बेहद पीछे रह गईं।
7 बार अपना रिकार्ड ब्रेक कर चुकी हैं अनु
अनु 7 बार अपना नेशनल रिकार्ड ब्रेक कर चुकी हैं। उम्मीद थी कि अनु ओलिंपिक में पदक भले न लाएं लेकिन अपने रिकार्ड को जरूर ब्रेक करेंगी। अगर अनु आज अपना नेशनल रिकार्ड तक थ्रो कर पाती तो यकीनन वह क्वालीफाइंग की सूची में होती। टोक्यो में अनु अपने नेशनल रिकार्ड से 10 मीटर पीछे छूट गईं।
जैवलिन थ्रो में अनु का नेशनल रिकार्ड 63.24 मीटर
अनु का नेशनल रिकार्ड 63.24 मीटर तक है, जो उन्होंने इस साल फेडरेशन कप में हासिल किया था। इसी के आधार पर अनु ओलिंपिक में भाग ले सकी थीं। टोक्यो क्वालीफाइंग राउंड में अनु कुल 54.04 मीटर ही जैवलिन थ्रो कर सकी हैं। यह बेहद निराश करने वाला रहा।
ग्रुप ए में रखे गए थे 15 खिलाड़ी
ओलिंपिक के मानकों के अनुसार 63 मीटर भाला फेंकने वाले सर्वश्रेष्ठ 12 खिलाड़ियों को फाइनल में जगह मिलती है। अनु को ग्रुप ए में रखा गया। इसमें 15 खिलाड़ी थे। इसमें अनु का प्रदर्शन सबसे कम था। अपने ग्रुप में अनु सबसे नीचे रहीं। अनु को 14वां स्थान मिला। अनु ने अपने तीनों प्रयासों में 50.35, 53.19 और 54.04 मीटर की दूरी तय की है। जो फाइनल क्वालीफाइंग के लिए पर्याप्त नहीं थी।
टॉप 12 में नहीं बना पाईं स्थान
12 खिलाड़ियों के फाइनल में जगह बनाने के लिये बेहतरीन प्रदर्शन करने की जरूरत थी लेकिन वह 63 मीटर के क्वालीफिकेशन संख्या के करीब भी नहीं पहुंच पाईं। पोलैंड की मारिया आंद्रेजिक एकमात्र एथलीट रही, जिन्होंने पहले प्रयास में ही 65.25 मीटर भाला फेंककर प्रतियोगिता को क्वालीफाई किया।
अनु की उपलब्धियां
- लखनऊ में 2014 के राष्ट्रीय अंतरराज्यीय चैंपियनशिप में 58.83 मीटर भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता, 14 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ राष्ट्रमंडल खेलों में पहुंचीं
- दक्षिण कोरिया में इंचियोन एशियन गेम्स 2014 में 59.53 मीटर भाला फेंककर कांस्य पदक जीता
- एशियन चैंपियनशिप 2015 में कांस्य पदक जीता
- नेशनल एथलेटिक्स चैंपियशिप 2016 में 60.1 मीटर थ्रो करके अपना ही रिकार्ड तोड़ा
- एशियन चैंपियनशिप 2017 में रजत पदक अपने नाम किया
- एशियन एथलेटिक चैंपियनशिप 2019 (दोहा) में रजत पदक, वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनिशप के लिए क्वालीफाई किया
- नेशनल चैंपियनशिप 2019 में 62.34 मीटर फेंककर कीर्तिमान बनाया
- चेक रिपब्लिक में आईआईएएफ एथलेटिक्स चैलेंज में कांस्य पदक जीता
- ऑस्त्रा गोल्डन स्पाइक प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतकर वर्ल्ड एथलेटिक चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली देश की पहली महिला एथलीट बनीं
- 2020 में एथलेटिक्स में स्पोर्ट्सस्टार एस स्पोर्स्टवूमन ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीता
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