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किसान पिता ने रवि को बनाया चैंपियन पहलवान: रोज 60 किलोमीटर की दूरी तय कर बेटे तक पहुंचाते थे दूध और मक्खन, किराए के खेत में करते हैं काम

टोक्यो5 मिनट पहले

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फहलवान रवि कुमार दहिया सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं।

भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने ओलिंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच गए हैं। अब वे मेडल जीतने से सिर्फ एक जीत की दूरी पर हैं। रवि को 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी के अंतिम 4 के मुकाबले में कजाकिस्तान के नूरीस्लाम सनायेव से मुकाबला करना है। इस मैच में जीत हासिल करते ही वे गोल्ड या सिल्वर मे से एक मेडल पक्का कर लेंगे। अगर वे सेमीफाइनल में हार भी जाते हैं तो ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेलेंगे। रवि के इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है। उन्होंने और उनके पिता ने इसके लिए कई सालों से काफी संघर्ष किया है। चलिए जानते हैं कि कैसे रवि के पिता ने उन्हें पहलवानी में बड़ा मुकाम हासिल करने में मदद की है।

क्वार्टर फाइनल बाउट में बुल्गारिया के पहलवान को पटखनी देते रवि कुमार दहिया।

क्वार्टर फाइनल बाउट में बुल्गारिया के पहलवान को पटखनी देते रवि कुमार दहिया।

अपने गांव के तीसरे ओलिंपियन हैं रवि
रवि कुमार हरियाणा के सोनीपत जिले के नाहरी गांव के रहने वाले हैं। इस गांव से उनसे पहले महावीर सिंह (1980 और 1984 में) और अमित दहिया (2012 में) ओलिंपिक में देश को रिप्रजेंट कर चुके हैं। लेकिन, इन दोनों ने मेडल जीतने में कामयाबी हासिल नहीं की थी।

पिता राकेश ने गरीबी और मुश्किलों को पटखनी दी है
रवि मैट पर कुश्ती लड़ें और जीतें इसके लिए उनके पिता राकेश कुमार दहिया ने असल जीवन में गरीबी और मुश्किलों से दो-दो हाथ किए हैं। पट्टे (किराए) के खेतों पर मेहनत करने वाले राकेश हर रोज नाहरी से 60 किलोमीटर दूर छत्रसाल स्टेडियम में बेटे के लिए दूध और मक्खन लेकर जाते थे। इसके लिए वे रोज सुबह 3.30 बजे जागते और पांच किलोमीटर पैदल चलकर रेलवे स्टेशन पहुंचते। ट्रेन से आजादपुर उतरते और फिर दो किलोमीटर दूरी तय कर छत्रसाल स्टेडियम जाते।

कोच सतपाल (दाएं से दूसरे), सुशी कुमार (सबसे बाएं) और दीपक (सबसे बाएं) के साथ रवि कुमार दहिया।

कोच सतपाल (दाएं से दूसरे), सुशी कुमार (सबसे बाएं) और दीपक (सबसे बाएं) के साथ रवि कुमार दहिया।

सुशील के कोच ने सिखाई है कुश्ती
रवि ने कुश्ती के दांवपेंच द्रोणाचार्य अवार्डी सतपाल सिंह से सीखी है। सतपाल डबल ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार के कोच भी रहे हैं। रवि 10 साल की उम्र से ही सतपाल से ट्रेनिंग ले रहे हैं।

रवि कुमार दहिया दो बार एशियन चैंपियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट हैं।

रवि कुमार दहिया दो बार एशियन चैंपियनशिप के गोल्ड मेडलिस्ट हैं।

वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीत चुके हैं रवि
रवि कुमार ने 2019 में नूर सुल्तान में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट हैं। इसके अलावा उन्होंने एशियन चैंपियनशिप में दो गोल्ड मेडल भी अपने नाम किए हैं। उन्होंने 2015 में वर्ल्ड जूनियर रेसिलिंग चैंपियनशिप में सिल्वर जीता था।

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