कॉमनवेल्थ ब्रॉन्ज मेडलिस्ट दिव्या काकरान का इंटरव्यू: दिल्ली सरकार के पल्ला झाड़ने पर बोलीं- हम देश के लिए खेलते हैं, किसी से भीख नहीं मांग रहे
2 मिनट पहलेलेखक: देवांशु तिवारी
कॉमनवेल्थ गेम्स में कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली पहलवान दिव्या काकरान ने दिल्ली सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। दरअसल, दिव्या बीते 8 साल से दिल्ली से खेलती हैं, लेकिन सम्मान देने के वक्त दिल्ली सरकार उन्हें यूपी का बताकर पल्ला झाड़ती रही है।
केजरीवाल की अनदेखी और योगी आदित्यनाथ के 50 लाख देने की घोषणा के बाद पहलवान दिव्या काकरान से दैनिक भास्कर ने बातचीत की। चलिए एक-एक करके जानते हैं दिव्या ने क्या कहा…
सवाल: सीएम केजरीवाल की बधाई के बाद आपने जो ट्वीट किया, उसकी असल वजह क्या है?
जवाब: मैं 8 साल तक दिल्ली से ही खेली हूं। लेकिन उन्होंने मेरी कोई सहायता नहीं की। आप हरियाणा को देखिए, जैसे दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हमने दिल्ली में रहने वाले बच्चों को भी सम्मानित किया, जो हरियाणा के लिए खेलते हैं। इससे पता चलता है कि सभी राज्य खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए उनके राज्य नहीं देखते। इन बातों से मुझे लगा कि अब की बार केजरीवाल जी भी हमें सम्मानित करेंगे।
सवाल: आपने दिल्ली के लिए 17 गोल्ड मेडल जीते, फिर क्यों दिल्ली सरकार ने आपका सम्मान नहीं किया?
जवाब: मैंने दिल्ली सरकार से कई बार अपने रुके हुए पैसों को देने के लिए बोला है। साल 2018 में भी मैंने उनसे अपनी बची हुई राशि देने की मांग की थी। हम देश के लिए खेलते हैं, ऐसा तो है नहीं कि हम किसी से भीख मांग रहे हैं। हम किसी और का पैसा नहीं, बल्कि अपने हक का पैसा मांग रहे हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स में दिव्या ने कुश्ती में फ्रीस्टाइल 68 किलो वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।
सवाल: यूपी सरकार ने आपको सम्मानित करने का ऐलान किया है, इस पर क्या कहेंगी?
जवाब: अब यूपी में भी दूसरे राज्यों की तरह खिलाड़ियों को एक समान पैसा मिलता है, जो खिलाड़ियों के लिए बहुत जरूरी है। मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। मैं बचपन से ही स्पोर्ट्स के करीब रही हूं। मेरी जैसी बहुत सी लड़कियों को सरकार के इस फैसले से कुश्ती में करियर बनाने के लिए बढ़ावा मिलेगा।
सवाल: क्या कुश्ती के प्रति लड़कियों का रुझान बढ़ेगा?
जवाब: मैं मुजफ्फरनगर की रहने वाली हूं। मुझे देखकर अब वहां लड़कियां कुश्ती में करियर बनाने के बारे में सोच रही हैं। मुझे लगता है कि मेरे प्रदर्शन के बाद अगले कॉमनवेल्थ गेम्स तक यूपी से और पहलवान आगे आएंगे।
सवाल: युवा खिलाड़ियों से क्या कहना चाहती हैं?
जवाब: मेरा नए खिलाड़ियों से बस यही कहना है कि लाइफ बहुत छोटी है, जो भी करो दिल से करो। कुछ ऐसा कर के दिखाओ कि आने वाली 7 पुश्तें याद रखें। ऐसा खेलो कि लिजेंड बन जाओ।
यहां तक आपने दिव्या काकरान की बातों को सुना। आगे आइए जानते हैं कि महिला रेसलर की इस नाराजगी की शुरुआत कहां से हुई।
6 अगस्त को अरविंद केजरीवाल के ट्वीट पर दिव्या ने जताई थी नाराजगी
6 अगस्त, 2022 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिव्या की इस उपलब्धि पर उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी। जिसके बाद दिव्या ने उनको धन्यवाद देते हुए अपने साथ हो रहे भेदभाव पर नाराजगी जाहिर की।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का दिव्या को बधाई देते हुए ट्वीट।
7 अगस्त, 2022 को दिव्या ने अपने पोस्ट में लिखा, “मेडल की बधाई देने पर दिल्ली के माननीय मुख्यमंत्री जी को तहे दिल से धन्यवाद। मेरा आपसे एक निवेदन है कि मैं पिछले 20 साल से दिल्ली मे रह रही हूं। और यहीं अपने खेल कुश्ती का अभ्यास कर रही हूं। परंतु अब तक मुझे राज्य सरकार से किसी तरह की कोई इनाम राशि नही दी गई न कोई मदद दी गई।”
केजरीवाल के ट्वीट के जवाब में दिव्या ने नाराजगी जाहिर की।
अब यूपी सरकार महिला पहलवान की मदद के लिए आगे आई है। उसने दिव्या काकरान को सम्मानित करने का ऐलान किया है। योगी सरकार अब दिव्या को 50 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि देगी।
कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक विजेता खिलाड़ियों के लिए सीएम योगी का ट्वीट।
मुजफ्फरनगर की रहने वाली हैं दिव्या
दिव्या यूपी के मुजफ्फरनगर की रहने वाली हैं। दिव्या के पिता सूरज भी पहलवान हैं। वे पूर्वी दिल्ली में एक छोटे से घर में पिछले 20 साल से किराए के मकान में रह रहे हैं। वह कुश्ती प्रतियोगिताओं के दौरान लंगोट बेचने का काम करते रहे हैं। दिव्या के दो भाई हैं। उनके दोनों भाई पहलवानी करते हैं। दिव्या ने अपने बड़े भाई देव काकरान के साथ देशी अखाड़े से पहलवानी करना शुरू किया था। दिव्या कई दंगल जीत चुकी हैं।
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