क्या बिना तैयारी के उतरी थी टीम इंडिया: पिछले 1 साल में पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका ने हमसे दोगुने मैच खेले, हमारी प्लानिंग भी सबसे कमजोर साबित हुई
दुबई21 मिनट पहले
टीम इंडिया टी-20 वर्ल्ड कप में लगातार दूसरा मैच हार गई। पाकिस्तान के खिलाफ 10 विकेट से शिकस्त के बाद अब न्यूजीलैंड ने भी हमें 8 विकेट से हरा दिया। इन दो हार से भारत का सेमीफाइनल में पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है। अब यदि अफगानिस्तान की टीम न्यूजीलैंड को हराए और भारत अपने तीनों बचे हुए मैच काफी बड़े अंतर से जीते तभी कुछ बात बनेगी। चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि टूर्नामेंट जीतने की दावेदार टीम इंडिया शुरुआती दो मुकाबलों में ही क्यों घुटने टेक गई।
पाकिस्तान ने एक साल में 26 तो साउथ अफ्रीका ने 24 मैच खेले
भारतीय खिलाड़ी IPL के ठीक बाद वर्ल्ड कप में खेले। माना जा रहा था कि इस वजह से भारत की तैयारी बेहतरीन होगी। लेकिन, एक बार फिर साबित हो गया कि IPL का अनुभव वर्ल्ड कप में बहुत ज्यादा काम नहीं आता है। टीम इंडिया वर्ल्ड कप से पहले पिछले एक साल में सिर्फ 12 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेल कर आई थी। इनमें से भी 3 मैच श्रीलंका के खिलाफ उस सीरीज में खेले गए जिनमें विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे सितारे नदारद थे। इसके उलट पाकिस्तान ने इस दौरान 26, साउथ अफ्रीका ने 24, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया ने 21-21 तो इंग्लैंड ने भी 17 मैच खेले थे।
टीम एक यूनिट की तरह नहीं खेली
IPL में भारतीय खिलाड़ी अलग-अलग टीमों का हिस्सा थे। वर्ल्ड कप में ये एक यूनिट की तरह नहीं खेल पाए। टेस्ट क्रिकेट में जिस तरह का तालमेल ये दिखाते रहे हैं उसका 10% भी इस टूर्नामेंट में नहीं दिखा सके।
प्लानिंग कमजोर थी, हर बात को लेकर कनफ्यूज दिखे विराट
भारतीय टीम इस वर्ल्ड में सबसे कमजोर प्लानिंग के साथ उतरी टीम नजर आई। एक मैच में रोहित-राहुल ने ओपनिंग की। अगले ही मैच में राहुल और ईशान किशन ओपनिंग के लिए आए। राहुल और ईशान ने इससे पहले कभी एक-साथ पारी की शुरुआत नहीं की थी। विराट टूर्नामेंट में किस क्रम पर खेलेंगे इस बात को लेकर भी उधेरबुन रही। वर्ल्ड कप से ठीक पहले तक विराट ओपनिंग की तैयारी करते रहे। पूरे IPL में वे उन्होंने ओपनिंग की। लेकिन, वर्ल्ड कप के पहले मैच में नंबर-3 पर आए और अगले मैच में नंबर-4 पर।
ज्यादा जोगी मठ उजाड़ वाला केस हो गया
वर्ल्ड कप से ठीक पहले BCCI ने महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया का मेंटोर नियुक्त कर दिया। इसे मास्टर स्ट्रोक कहा गया। लेकिन, हकीकत यह है कि फैसला बैकफायर कर गया। लंबे समय से टीम को कोचिंग दे रहे रवि शास्त्री अचानक बैक सीट पर चले गए और धोनी खिलाड़ियों की मेंटोरिंग और ट्रेनिंग कराते नजर आए। इसका किसी भी क्षेत्र में कोई भी फायदा नहीं मिला।
हार्दिक को रोकना खराब फैसला साबित हुआ
वर्ल्ड कप से पहले यह साफ हो गया था कि हार्दिक पंड्या बॉलिंग नहीं कर पाएंगे। उनकी बल्लेबाजी भी लय में नहीं थी। माना जा रहा है कि BCCI उन्हें IPL के बाद वापस भेजने वाला था, लेकिन धोनी के कहने पर हार्दिक को रोका गया। हार्दिक न सिर्फ रुके बल्कि दोनों मैच भी खेले। यह फैसला टीम इंडिया के खिलाफ गया। हार्दिक कुछ भी इम्पैक्ट नहीं छोड़ पाए।
टीम में गुटबाजी के लक्षण
विराट कोहली ने पहले ही घोषणा कर दी कि वे वर्ल्ड कप के बाद टी-20 की कप्तानी छोड़ेंगे। माना जा रहा है कि BCCI टी-20 और वनडे दोनों में रोहित शर्मा को कप्तानी सौंपना चाह रहा था। लेकिन, विराट ने सिर्फ एक फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ी। इसके बाद यह खबर भी आई कि विराट ने बोर्ड से कहा है कि रोहित को उपकप्तान भी न बनाया जाए। उन्होंने केएल राहुल की पैरवी की थी। कप्तानी और उपकप्तानी को लेकर छिड़ा विवाद टीम में गुटबाजी की शक्ल लेता दिख रहा है। खेल के अलावा खिलाड़ियों की आपस में भले ही अच्छी बॉन्डिंग दिख रही हो लेकिन ग्राउंड पर इनके बीच एकजुटता की कमी दिखी।
किस्मत ने भी दिया धोखा
दुबई के ग्राउंड पर इस साल सभी तरह के टी-20 को मिलाकर 19 मैचों में 15 बार बाद में बल्लेबाजी करने वाली टीम जीती है। लेकिन, विराट की किस्मत रूठी रही और वे दोनों मैचों में टॉस हार गए। भारत को पहले बल्लेबाजी करनी पड़ी और टीम दोनों ही मैचों में बड़ा स्कोर नहीं बना पाई।
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