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खेल में राजनीति का इतिहास: अमेरिका और रूस एक-दूसरे का कर चुके हैं बायकॉट, भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध इसी वजह से बंद

8 मिनट पहले

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खेल में राजनीति का इतिहास: अमेरिका और रूस एक-दूसरे का कर चुके हैं बायकॉट, भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध इसी वजह से बंद

साम्राज्यवादी सोच के कारण दुनिया के लिए मुसीबतें पैदा करने वाला चीन अब खेल में भी अपनी सोच लेकर उतर आया है। गलवान में पिछले साल भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। चीन ने उस वाकये में घायल हुए अपने एक सैनिक को 4 फरवरी से शुरू हो रहे बीजिंग विंटर ओलिंपिक में टॉर्च बेयरर बना दिया है।

भारत ने इसका विरोध जताया है और विंटर ओलिंपिक का डिप्लोमैटिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। ये पूरा घटनाक्रम अफसोसजनक है, लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि खेल में राजनीति की दखल पहली बार नहीं हुई है। क्रिकेट से लेकर ओलिंपिक तक पहले भी इससे प्रभावित होते रहे हैं। चलिए जानते हैं कब और क्यों ऐसा हुआ…

2007 के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई टेस्ट मैच नहीं खेला गया है।

2007 के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई टेस्ट मैच नहीं खेला गया है।

15 साल से भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट का आयोजन नहीं
भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट संबंध दोनों देशों की राजनीति तय करती है। भारत ने साफ कह दिया है कि आतंकवाद और क्रिकेट एक साथ नहीं चल सकते हैं। इस कारण 2007 के बाद से दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज नहीं हुई है। दोनों टीमें सिर्फ ICC इवेंट्स में आमने-सामने होती हैं। इससे पहले 1989 से 2004 के बीच भारतीय टीम ने हालात तनावपूर्ण होने के कारण पाकिस्तान का दौरा नहीं किया था।

1972 में ओलिंपिक में हुए अटैक की एक तस्वीर

1972 में ओलिंपिक में हुए अटैक की एक तस्वीर

1972 ओलिंपिक में इजराइल की टीम पर आतंकी हमला
भारत-पाकिस्तान की तरह इजराइल-फिलिस्तीन कॉन्फ्लिक्ट ने भी खेलों पर असर डाला है। 1972 में जर्मनी के शहर म्यूनिख में हुए समर ओलिंपिक के दौरान ब्लैक सेपटेंबर नाम के आतंकी समूह ने खेल गांव में इजराइल की टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में 11 इजराइली एथलीट मारे गए। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 8 में से 5 आतंकी वहीं मार दिए गए।

इजराइल ने बाकी आतंकियों को बाद में मार गिराया। हालांकि इस घटना के बावजूद ओलिंपिक खेल जारी रहे। कहा जाता है कि ये आतंकी समूह फिलिस्तीन का समर्थक था।

1980 अमेरिकी ब्लॉक ने किया ओलिंपिक बायकॉट

1980 अमेरिकी ब्लॉक ने किया ओलिंपिक बायकॉट

1980 में अमेरिकी ब्लॉक ने किया मास्को ओलिंपिक का बायकॉट
1980 समर ओलिंपिक का आयोजन सोवियत संघ की राजधानी मास्को में हुआ। वह कोल्ड वार का पीक टाइम था। अमेरिका ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ के दखल के विरोध में इस ओलिंपिक का बहिष्कार कर दिया। उस समय अमेरिकी ब्लॉक में शामिल अन्य देशों ने भी इस ओलिंपिक का बहिष्कार कर दिया। इसमें पाकिस्तान भी शामिल था। इसी ओलिंपिक में भारत ने अपना आठवां और आखिरी गोल्ड मेडल जीता था।

1984 में रूसी ब्लॉक ने लॉस एंजिल्स ओलिंपिक का बायकॉट किया
1980 में अमेरिकी ब्लॉक के बहिष्कार का बदला सोवियत संघ ने 1984 में लिया। सोवियत ब्लॉक के देशों ने लॉस एंजिल्स में आयोजित हुए ओलिंपिक गेम्स में हिस्सा नहीं लिया। भारत हमेशा से गुट निरपेक्ष रहा। लिहाजा भारत ने 1980 और 1984 दोनों ओलिंपिक में हिस्सा लिया था।

ऑस्ट्रेलिया नहीं कर रहा अफगानिस्तान की मेजबानी
अफगानिस्तान में पिछले साल सत्ता बदली है। वहां अब तालिबान का शासन है। तालिबान ने महिलाओं के खेलने पर पाबंदी लगा रखी है। इस कारण ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान की पुरुष टीम की टेस्ट क्रिकेट में मेजबानी से इनकार कर दिया। ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि जब तक अफगानिस्तान में महिला अधिकारों का हनन होगा, वह अफगानिस्तान टीम की मेजबानी नहीं करेगा।

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