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गोल्ड जीतने वाली अवनि के घर से LIVE रिपोर्ट: ढोल नगाड़ों के साथ शुरू हुआ जश्न, परिवार बोला- शूटिंग के साथ RJS की भी तैयारी कर रही बेटी; खेल और पढ़ाई दोनों में है अव्वल

जयपुर2 घंटे पहलेलेखक: स्मित पालीवाल

पैरालंपिक में गोल्ड मेडल विनर अवनि के दादा-दादी और परिजन

जयपुर की अवनि लेखरा ने टोक्यो पैरालिंपिक में पहला गोल्ड मेडल जीत लिया है। अवनि की जीत के बाद जयपुर में शास्त्री नगर स्थित उनके घर में परिजनों ने नाच गाकर जश्न मनाया। भास्कर भी अवनि के परिवार के इस जश्न में शामिल हुआ। अवनि के घर पर बधाई देने वाले लोगों की भीड़ मौजूद रही।

इस दौरान अवनि के परिवार ने बताया कि वो खेल के साथ पढ़ाई में भी अव्व्ल है। अवनि के दादा जीआर लेखरा ने बताया कि अवनि का जयपुर से टोक्यो तक का सफर काफी संघर्ष भरा है। अवनि ने हिम्मत और लगातार मेहनत करके सभी बाधाओं को हराकर कामयाबी हासिल की है।

2012 में महाशिवरात्रि के दिन अवनि का एक्सीडेंट हो गया। जिससे उसको पैरालिसिस हो गया। तब वह पूरी तरह हिम्मत हार चुकी थी। अपने कमरे से भी बाहर नहीं निकलती थी, लेकिन हम सभी ने उसे हिम्मत दी। उसके माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उसकी मेहनत का ही नतीजा है कि वह दुनियाभर में भारत नाम रोशन कर रही है।

जयपुर में अवनि के घर पर परिजनों ने मनाया जश्न।

जयपुर में अवनि के घर पर परिजनों ने मनाया जश्न।

जज बनना चाहती हैं अवनि
परिवार ने बताया कि शूटिंग में इतिहास रचने वाली अवनि लेखरा पढ़ाई में भी काफी होशियार है। परिजनों ने बताया कि उसे किताबें पढ़ने का काफी शौक है। हर दिन अवनि खेल के साथ पढ़ने में भी काफी वक्त बिताती है। अवनि के भाई अरुण ने बताया कि फिलहाल वह आरजेएस की तैयारी कर रही हैं, ताकि वह जज बन न्याय कर सके।

अवनि की दादी ने बताया कि अवनि अपने परिवार में सबसे लाडली है माता पिता और दादी के साथ हुआ चाचा और हर रिश्तेदार से अवनि का गहरा नाता है ऐसे में आज जब अवनि ने गोल्ड जीता है तो पूरे परिवार में दीपावली जैसी खुशियां मनाई जा रही है।

पूरे परिवार में दीपावली जैसी खुशियां मनाई जा रही है। एक दूसरे को मिठाई खिलाई।

पूरे परिवार में दीपावली जैसी खुशियां मनाई जा रही है। एक दूसरे को मिठाई खिलाई।

पिता ने शूटिंग रेंज के पास घर खरीदा

अवनि के दादा जीआर लेखरा ने कहा- अवनि को जगतपुरा में शूटिंग रेंज प्रेक्टिस करने के लिए जाना पड़ता था। ऐसे में उसके पिता ने जगतपुरा में ही घर खरीद लिया था। बेटी को प्रैक्टिस के लिए सहूलियत मिली।

परिवार ने साथ बैठ देखा अवनि का मैच।

परिवार ने साथ बैठ देखा अवनि का मैच।

भाई ने कहा, बहुत संघर्ष किया है मेरी बहन ने
अवनि के भाई अरनव ने भास्कर से कहा- यह तो बस शुरुआत है अभी 50 मीटर प्रतिस्पर्धा में भी अवनि की तैयारी काफी बेहतर है मुझे उम्मीद ही नहीं विश्वास है कि अवनि उसमें भी अच्छा परफॉर्म करके भारत का नाम रोशन करेगी अरनव ने बताया कि शूटिंग देखने में और सुनने में जितना आसान दिखता है असलियत में यह इतना आसान खेल नहीं है मेरी बहन को इसे सीखने और शुरू करने में काफी संघर्ष करना पड़ा है शुरुआत में हमें कुछ गैजेट्स के नाम तक नहीं पता थे जिन्हें हमने बाहर से मंगवाया और उसी का नतीजा है कि आज अवनि ने गोल्ड जीत अपने संघर्ष को पहचान दी है

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