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चौथे टेस्ट से पहले आशीष नेहरा का इंटरव्यू: पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा- ओवल की कंडीशन के हिसाब से अश्विन को खिलाना चाहिए; पंत पर भरोसा जताना चाहिए

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दिल्ली5 मिनट पहले

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पूर्व तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने कहा कि ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में आर अश्विन को नहीं खिलाया जाता है, तो उन्हें हैरानी होगी। चौथा टेस्ट से पहले भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि ओवल की पिच ड्राई होगी, इसमें तीन फास्ट और दो स्पिन कॉम्बिनेशन के साथ टीम इंडिया जा सकती है। वहीं उन्होंने पंत को और मौका दिए जाने की भी बात कही। भारत और इंग्लैंड का चौथा मैच सोनी टेन पर लाइव दिखाया जा रहा है। प्रस्तुत है नेहरा से बातचीत के प्रमुख अंश

केनिंग्टन ओवल की कंडीशन के हिसाब से आपको क्या लगता है कि भारत की बॉलिंग कॉम्बिनेशन क्या होना चाहिए?
सबको पता है कि केनिंग्टन ओवल की पिच ड्राई होती है और स्पिनर्स की मददगार होती है। मुझे लगता है कि वहां पर सिराज या इशांत शर्मा में से किसी एक को ड्रॉप करके कप्तान विराट कोहली आर अश्विन को खिला सकते हैं। अब तक कोहली तीन मैचों में चार फास्ट बॉलर्स के साथ उतरे थे, पर ओवल में शायद वे ऐसा नहीं करेंगे। अगर ओवल में अश्विन को नहीं खिलाया जाता है, तो मेरे लिए यह हैरान करने वाली बात होगी।

लीड्स में इशांत फॉर्म में नजर नहीं आ रहे थे, उन्होंने काफी नो बॉल फेके? तो क्या उन्हें ड्रॉप कर अश्विन को मौका देना चाहिए?
इशांत शर्मा अनुभवी खिलाड़ी हैं। किसी एक मैच में विकेट न मिलने पर ड्रॉप कर देना सही नहीं है। लॉर्ड्स में उन्होंने कई अहम विकेट लिए। हां लीड्स में वह फॉर्म में नजर नहीं आए। जहां तक नो बॉल का सवाल है, तो जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जेडजा ने भी फेके। अभी आपके पास काफी अच्छे बॉलर हैं और कंपीटिशन ज्यादा है।

किसी भी कप्तान के लिए यह फैसला करना आसान नहीं है, कि किसे ड्रॉप करें। आपको अश्विन को पिच की कंडीशन के हिसाब से खिलाना जरूरी है, ऐसे में इशांत या सिराज में से किसी एक को ड्रॉप करना टीम और कप्तान मजबूरी है। ऐसा नहीं है कि एक मैच में खराब प्रदर्शन की वजह से किसी एक अनुभवी गेंदबाज को हटा दिया जाएगा ये सही नहीं है।

1971 से 2007 तक भारत इंगलैंड ने तीन सीरीज जीती हैं या कुछ सीरीजों में करीब रही है, 2011 के बाद से वह इंग्लैंड में सीरीज नहीं जीत पा रही है क्या वजह है?
बेशक 2011 के बाद से सीरीज नहीं जीत पाए हैं। मेरा मानना है कि अब हम फॉरेन टूर पर अब ज्यादा अच्छा खेल रहे हैं। हम जीतना चाहते हैं। इंग्लैंड में किसी भी टीम के लिए जीतना आसान नहीं है। इंग्लैंड ही नहीं किसी भी टीम को घरेलू सीरीज में हराना आसान नहीं हैं। भारत को घरेलू सीरीज में हराना आसान नहीं है। हम कई सालों से घरेलू सीरीज में नहीं हारे हैं। ऐसा हीं इंग्लैंड में भी है। 2018 में बेशक हम 4-1 से सीरीज गंवा बैठे थे, लेकिन अब सभी मैचों में करीब थे, नतीजा बदल भी सकता था।

वहीं इस सीरीज की बात करें, तो लीड्स को छोड़ दें, तो लॉर्ड्स में हम जीते। बारिश से धुले पहले टेस्ट में भी हमारा पलड़ा भारी रहा। मेरा मानना है कि नतीजा कुछ भी हो सकता है, पर मैच में करीबी का मामला ही रहेगा। जहां तक इंग्लैंड की बात है तो इंग्लैंड के पास 10 सालों से जेम्स एंडरसन के रूप में ऐसा गेंदबाज है, जो इंग्लैंड के कंडीशन में अन्य गेंदबाजों से ज्यादा लाभ उठ रहा है और दुनिया के किसी भी बल्लेबाज को परेशानी में डाल सकता है। उसके खिलाफ खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं रहा है। चाहे आप सचिन तेंदुलकर , लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ या एमएस धोनी को लें, सभी यहीं कहेंगे कि एंडरसन के खिलाफ इंग्लैंड में खेलना आसान नहीं है।

सुनील गवास्कर भी कमेंट्री के दौरान कह चुके हैं, कि कोहली को सचिन से सलाह लेना चाहिए। कोहली बार-बार स्लिप में कैच आउट हो रहे हैं, क्या आपको लगता है कि उन्हें तकनीक को लेकर सोचने की जरूरत है?
इंग्लिश कंडीशन में खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए मुश्किल होता है। गावस्कर ने कहा था, पर ऐसा नहीं है कि विराट इस पर नहीं सोच रहें होंगे। साथ ही हमें इंग्लिश बॉलर्स को श्रेय देना होगा कि वह अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं, जिससे बल्लेबाज को डिफेंसिव होकर खेलना पड़ रहा है और गलती करके आउट हो रहे हैं। लीड्स में कोहली ने 50 रन बनाए। उन्हें और ज्यादा रन बनाना चाहिए थे। मैं फिर से एक बार कहूंगा कि इंग्लिश गेंदबाज को अच्छी गेंदबाजी का श्रेय देना होगा। मुझे नहीं लगता है कि विराट की तकनीक में किसी तरह की खराबी है या मेंटल लेवल पर उन्हें कोई परेशानी है।

पिछले कुछ सालों में टेस्ट में भारतीय टीम की जीत गेंदबाजों पर ज्यादा निर्भर हो गई है?
पिछले कुछ सालों हम फॉरेन टूर ज्यादा कर रहे हैं। 2018 के बाद 2021 में फिर इंग्लैंड में सीरीज खेल रहे हैं। वहीं एक साल में साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया का भी टूर कर चुके हैं। तीन साल के अंदर ऑस्ट्रेलिया में भी दो टूर पर जा चुके हैं। ऐसे में हमारे गेंदबाज अगर 20 विकेट ले रहे हैं, तो अच्छा ही है। हमारी गेंदबाजी में सुधार हुआ है, पर ऐसा नहीं है कि बल्लेबाज रन नहीं बना रहे है। बल्लेबाज रन बना रहे हैं, तभी हम जीत रहे हैं। हम 300 रन को बनाकर भी जीत रहे हैं। हमारी टीम संतुलित है। हां भारतीय तेज गेंदबाजी ने कंडीशन का जरूर फायदा उठाया है। अभी मैं यह कहूंगा कि बल्लेबाजी निरंतरता की जरूरत है।

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