जन्मदिन पर सचिन के करियर के यादगार पल: पाकिस्तानी फील्डर के रूप में पकड़ सकते थे कपिल देव का कैच, 24 तारीख से खास किस्मत कनेक्शन
मुंबई9 मिनट पहलेलेखक: कुमार ऋत्विज
सचिन खेल रहा है ना… इस एक सवाल के जवाब पर हिंदुस्तान में तय होता था कि आगे मैच देखना है या नहीं। भारत में क्रिकेट को घर-घर तक पहुंचाने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर आज 49 साल के हो गए। महज 16 साल 205 दिन की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखने वाले सचिन ने 24 सालों तक फैंस का भरपूर मनोरंजन किया।
इस यादगार सफर के दौरान सचिन ने इतने रिकॉर्ड्स बनाए कि लोगों ने उन्हें क्रिकेट का भगवान बना दिया। सचिन तेंदुलकर ने 664 अंतरराष्ट्रीय मैचों में रिकॉर्ड 34 हजार 357 रन बनाए। इस दौरान सचिन ने 100 शतक और 164 अर्धशतक लगाए। उन्होंने गेंदबाजी में भी कमाल करते हुए 201 विकेट अपने नाम किए।
जब पाकिस्तानी फील्डर बने थे सचिन…..
साल 1987 और जगह थी मुंबई का ब्रेबोर्न स्टेडियम। तब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते ठीक-ठाक हुआ करते थे। पाकिस्तानी टीम 5 टेस्ट और 6 वनडे खेलने भारत दौरे पर आई हुई थी। सीरीज की शुरुआत से पहले 20 जनवरी को दोनों टीमों के बीच 40-40 ओवरों का प्रदर्शनी मुकाबला खेला गया।
जावेद मियांदाद और अब्दुल कादिर को लंच पसंद नहीं आया और वे लोग खाना खाने बाहर चले गए। पाकिस्तान की फील्डिंग शुरू हुई और ऐन मौके पर प्लेयर्स कम पड़ गए। इस हालात में 13 साल के नन्हे सचिन को पाकिस्तान की ओर से सब्स्टीट्यूट फील्डर के तौर पर मैदान में उतारा गया।
कपिल देव के साथ सचिन तेंदुलकर। सचिन पहले उनसे तेज गेंदबाजी के गुर सीखा करते थे।
इमरान खान ने इस छोटे से बच्चे को वाइड लॉन्ग ऑन पर तैनात किया। उस वक्त कपिल देव ने एक शॉट हवा में खेला और सचिन 15 मीटर तेजी से दौड़ते हुए गेंद को लपकने के काफी करीब आ गए। हालांकि वह गेंद तक सही समय पर नहीं पहुंच सके। बाद में पाकिस्तान के ही खिलाफ कराची टेस्ट में सचिन ने डेब्यू किया।
सचिन का 24 तारीख से खास रिश्ता
सचिन तेंदुलकर का 24 तारीख से खास रिश्ता रहा है। वर्ष 1988 में 24 फरवरी के दिन सचिन ने बचपन के साथी विनोद कांबली के साथ हैरिस शील्ड के सेमीफाइनल में तीसरे विकेट के लिए नाबाद 664 रनों की साझेदारी की थी। उस समय सोशल मीडिया का युग नहीं था लेकिन इन 2 लड़कों ने तब खूब लोकप्रियता पाई थी। पार्टनरशिप के दौरान सचिन 326 और कांबली 349 रनों पर नाबाद रहे थे। 24 नवंबर 1989 को सचिन ने 16 साल की उम्र में फैसलाबाद टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ अपने टेस्ट करियर की पहली हाफ सेंचुरी (59 रन) बनाई थी।
अपनी टेस्ट करियर की पहली फिफ्टी जड़ने के बाद सचिन तेंदुलकर ।
उस टेस्ट के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ संजय मांजरेकर के साथ मिलकर सचिन ने पहली पारी में 143 रनों की साझेदारी की थी। इस इनिंग के बारे में सचिन ने बाद में बताया था कि उन्हें लगा कोई स्कूल मैच चल रहा है। सचिन कहते हैं कि वह इस मुकाबले को टीम इंडिया के लिए अपना पहला और आखिरी टेस्ट मैच मान रहे थे।
साल 1995 में 24 मई को सचिन तेंदुलकर और अंजलि शादी के बंधन में बंधे थे। यही नहीं, 24 फरवरी 2010 को सचिन ने ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका की मजबूत गेंदबाजी के सामने फरवरी, 2010 में इंटरनेशनल मेंस वनडे की पहली डबल सेंचुरी बनाई थी।
सिडनी टेस्ट में दुनिया ने देखा सचिन के संयम का दम
2004 के सिडनी टेस्ट के दौरान 241 रनों की यादगार पारी खेलने के दौरान सचिन।
सचिन ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंदों पर कवर ड्राइव लगाते हुए आउट हो रहे थे। उनके बल्ले से रन भी नहीं निकल पा रहे थे। इसके बाद सचिन ने खुद से वादा किया कि अपने इस पसंदीदा शॉट को नहीं खेलेंगे। सिडनी टेस्ट में सचिन ने बगैर कवर ड्राइव खेले 241 रनों की यादगार पारी खेली थी।
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड की विकेट पर कंगारू गेंदबाजों ने तेंदुलकर को कवर ड्राइव मारने के लिए ढेरों गेंदें दीं लेकिन सचिन ने एक भी कवरड्राइव नहीं खेली। पूरी दुनिया सचिन की इस संकल्पशक्ति को देखकर दंग रह गई थी। उस मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रहे स्टीव वॉ सचिन की पारी याद कर आश्चर्य में पड़ जाते हैं।
5 साल तक वनडे क्रिकेट में शतक नहीं लगा सके थे मास्टर ब्लास्टर
वनडे क्रिकेट में पहला शतक जड़ने के बाद दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते सचिन।
वनडे में सचिन के नाम 49 शतक हैं, जो उन्होंने 463 मुकाबले खेलकर बनाए। पर सचिन को अपने पहले वनडे शतक के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था। 1989 में इंटरनेशनल डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने 5 साल बाद अपना पहला वनडे शतक लगाया था।
सचिन ने 1994 में अपने करियर की 79वीं पारी में शतक जमाया था। इस मुकाबले में ओपनिंग करते हुए सचिन ने 110 रन बनाए। फिर जो सिलसिला शुरु हुआ, उसने करियर के आखिर तक थमने का नाम नहीं लिया।
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