रांची5 घंटे पहलेलेखक: आदिल हसन
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बनारीगोरा टोली गांव में बन रही सड़क में काम करते अष्टम के पिता हीरा उरांव और मां तारा देवी।
- कहानी अंडर-17 FIFA वर्ल्ड कप खेलने वाली भारतीय टीम की कप्तान की
फीफा अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाली झारखंड की बेटी अष्टम उरांव के माता-पिता सोमवार को उसी सड़क पर मजदूरी करते मिले, जिस सड़क का निर्माण जिला प्रशासन करवा रहा है। दिनभर की मजदूरी के बदले दोनों को 250-250 रुपए मिले। यह सड़क गुमला जिले के बनारीगोरा टोली गांव में अष्टम के घर तक बन रही है। गुमला के उपायुक्त सुशांत गौरव ने कहा कि उनकी जानकारी में नहीं है कि उस सड़क पर अष्टम के माता-पिता मजदूरी कर रहे हैं। यह सड़क अष्टम के घर तक जाने के लिए बनाई जा रही है।
इधर, अष्टम के पिता हीरा उरांव ने बताया कि मजदूरी नहीं करेंगे, तो परिवार का पेट कैसे भरेगा। वहीं, मां तारा देवी ने कहा कि बेटी भारत की कप्तान बन गई है। बहुत खुशी है। अष्टम शुरू से ही जुझारू है। वह जिस काम को ठान लेती है। उसे पूरे मन के साथ करती है। हमने बेटी को पानी भात और बोथा साग खिलाकर बड़ा किया है। जब नौकरी करने लगेगी तो काम छोड़ देंगे। अष्टम का गांव गुमला शहर से 56 किलोमीटर की दूरी पर है। उसके माता-पिता का घर मिट्टी का है।
बड़ी बहन एथलीट व छोटी बहन फुटबॉलर
अष्टम की दो बहनें और एक भाई है। बड़ी बहन सुमिना उरांव राष्ट्रीय स्तर की डिस्कस थ्रो एथलीट हैं। सबसे छोटी बहन अलका इंदवार झारखंड अंडर 16 फुटबॉल टीम की खिलाड़ी हैं। भाई सबसे छोटा है। वह पढ़ाई कर रहा है। अष्टम के पिता पेशे से किसान हैं, लेकिन परिवार के पास सिर्फ एक एकड़ जमीन है। इसमें साल में सिर्फ धान की एक फसल होती है।
डीसी ने कहा- अष्टम के सम्मान में स्टेडियम बनेगा
गुमला डीसी सुशांत गौरव ने कहा कि अष्टम के सम्मान में जिला प्रशासन उसके घर तक सड़क बनवा रहा है। लेकिन, उसके माता-पिता इसी सड़क के निर्माण में मजदूरी कर रहे हैं, इसी जानकारी नहीं है। जिला प्रशासन ने अष्टम के घर टीवी और इन्वर्टर लगवा है। आने वाले समय में अष्ट म के सम्मान में स्टेडियम भी बनाएगा।
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