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टीम इंडिया ने अपनाया इंग्लैंड का फॉर्मूला: प्लेइंग-XI में नंबर-9 तक बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी, गेंदबाजी में भी 6 ऑप्शन

स्पोर्ट्स डेस्क9 मिनट पहले

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भारतीय टीम बांग्लादेश के खिलाफ पहले वनडे मैच में जिस प्लेइंग-XI के साथ उतरी है उस पर इंग्लैंड की व्हाइट बॉल फिलोसॉफी की छाप देखी जा सकती है। भारत ने मल्टीपल स्किलसेट वाले खिलाड़ियों को ज्यादा मौका देने की कोशिश की है। इंग्लैंड ने इसी फॉर्मूले को अपनाते हुए पिछले कुछ सालों में वनडे और टी-20 क्रिकेट में जमकर सफलता हासिल की है और दोनों फॉर्मेट में वर्ल्ड चैंपियन बन गई है।

विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को वैसे तो मेडिकल रीजन बताते हुए वनडे सीरीज से अचानाक बाहर कर दिया गया। लेकिन, जब आप भारत की ताजा प्लेइंग-XI और इसके पीछे की संभावित सोच को जानेंगे तो पंत से जुड़े सवाल का जवाब भी मिलने लगेगा।

पहले देखते हैं भारत की प्लेइंग-XI की खासियत
भारत की ओर से इस मैच में उतरी टीम की बैटिंग लाइनअप काफी डीप है। रोहित शर्मा और शिखर धवन ने ओपनिंग की तो विराट कोहली नंबर-3 पर आए। इसके बाद श्रेयस अय्यर, केएल राहुल आए। नंबर-6 से नंबर-9 के लिए वाशिंगटन सुंदर, शाहबाज अहमद, शार्दूल ठाकुर और दीपक चाहर हैं। इन चारों की प्राथमिक भूमिका वैसे तो गेंदबाजी है लेकिन ये बल्लेबाजी भी अच्छी कर लेते हैं।

अगर गेंदबाजी पर नजर डालें तो सुंदर, शाहबाज, शार्दूल और दीपक के साथ कुलदीप सेन और मोहम्मद सिराज मौजूद हैं। यानी भारत ने ऐसी प्लेइंग-XI चुनी है जिसमें बल्लेबाजी के लिए 9 और गेंदबाजी के लिए 6 ऑप्शन मौजूद हैं।

इंग्लैंड भी इसी फॉर्मूले के साथ खेलता है
वनडे और टी-20 में इंग्लैंड की टीम भी इसी फॉर्मूले के साथ उतरती है। इंग्लिश टीम की प्लेइंग-XI में अक्सर 9 से 10 खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो बल्लेबाजी कर सकते हों। साथ ही 6 से 7 खिलाड़ी गेंदबाजी करने में सक्षम होते हैं। इसको बेहतर तरीके से समझने के लिए हाल ही में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में उतरी इंग्लैंड की प्लेइंग-XI को देखिए…

उसमें जोस बटलर और एलेक्स हेल्स ने ओपनिंग की। फिल साल्ट, बेन स्टोक्स और हैरी ब्रूक नंबर-3 से नंबर-5 तक आए। इसके बाद मोइन अली और लियाम लिविंगस्टन आए। इंग्लिश प्लेइंग-XI के आखिरी चार खिलाड़ियों सैम करन, क्रिस वोक्स, क्रिस जॉर्डन और आदिल राशिद में करन और वोक्स अच्छी बल्लेबाजी कर लेते हैं।

इस प्लेइंग-11 में सात खिलाड़ी ऐसे थे जो गेंदबाजी कर सकते थे। इनमें स्टोक्स, मोइन, लिविंगस्टन, करन, वोक्स, जॉर्डन और राशिद शामिल थे। यानी इस टीम में बल्लेबाजी कर सकने वाले 9 खिलाड़ी और गेंदबाजी कर सकने वाले 7 खिलाड़ी शामिल थे।

फिर ये फॉर्मूला पंत के बाहर होने की वजह कैसे
ऋषभ पंत भी मल्टीपल स्किल सेट वाले खिलाड़ी हैं। वे बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपिंग भी कर लेते हैं। फिर उन्हें क्यों बाहर किया गया? इसका जवाब यह है कि इन 2 इन 1 स्किल के साथ टीम में एक खिलाड़ी पहले से मौजूद था। उसका नाम है केएल राहुल। विकेटकीपिंग इनमें से एक को ही करना था तो उस स्लॉट के लिए दो खिलाड़ियों को क्यों शामिल करना। पंत खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं इसलिए बाहर होने का नंबर उनका लगा।

फिर भी टॉप ऑर्डर में सुधार के बिना सफलता की उम्मीद कम
भारतीय टीम ने इस मुकाबले में अच्छी पहल जरूर की है लेकिन काम अभी भी अधूरा लगता है। टीम के टॉप-5 खिलाड़ियों में एक भी ऐसा नहीं है जो गेंदबाजी कर सके। रोहित, धवन, विराट और श्रेयस में से कोई भी गेंदबाजी नहीं करता है। अगर श्रेयस की जगह सूर्यकुमार यादव भी होते तो भी यही हाल रहता।

भारत ने आखिरी बार 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीता था। उस टीम के टॉप ऑर्डर में शामिल कई बल्लेबाज ठीक-ठाक गेंदबाजी कर लेते हैं। सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह ऐसे ही नाम थे। सुरेश रैना को अगर कभी मौका मिलता तो वे भी अपने साथ दो स्किल सेट साथ लाते थे। रैना बल्लेबाजी के साथ-साथ ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी करते थे।

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