टेनिस का सबसे पुराना टूर्नामेंट विम्बलडन कल से: इस साल 465 करोड़ रुपए इनामी राशि, 1887 से ट्रॉफी नहीं बदली; जानिए रोचक फैक्ट्स
- Hindi News
- Sports
- This Year Prize Money Of Rs 465 Crore, Trophy Has Not Changed Since 1887; Know Interesting Facts
स्पोर्ट्स डेस्कएक मिनट पहले
- कॉपी लिंक
टेनिस के सबसे पुराने टूर्नामेंट विम्बलडन की शुरुआत कल से ऑल इंग्लैंड क्लब लंदन में हो रही है। 146 साल पुराने इस ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट का यह 136वां संस्करण है। 2 विश्व युद्ध और 2020 में कोरोना महामारी के दौरान ही विम्बलडन का आयोजन ब्रेक हुआ है। इसे टेनिस के चार ग्रैंड स्लैम में सबसे प्रतिष्ठित भी कहा जाता है।
स्टोरी में आगे हम विम्बलडन से जुड़े रोचक फैक्ट्स जानेंगे…
1968 से प्राइज मनी मिल रही
विम्बलडन में इस साल 2022 की तुलना में करीब 11% ज्यादा प्राइज मनी मिलेगी। दोनों सिंगल्स चैंपियन को करीब 24.49 करोड़ रुपए मिलेंगे। जबकि रनर-अप को 12.25 करोड़ रुपए की प्राइज मनी दी जाएगी। 2023 की प्रतियोगिता में करीब 465 करोड़ रुपए बांटे जाएंगे। पिछले साल पुरुष और महिला चैंपियन को करीब 20.85 करोड़ रुपए मिले थे।
ओपन एरा (1968) से पहले विंबलडन में प्राइज मनी नहीं दी जाती थी। 1968 में टेनिस प्रोफेशनल खेल बना। तब से अब तक के पीरियड को खेल में ओपन एरा कहा जाता है। 1968 में पुरुष चैंपियन को 2000 पाउंड और महिला सिंगल्स चैंपियन को 750 पाउंड दिए गए। 2007 तक महिला और पुरुष वर्ग को अलग-अलग प्राइज मनी मिलती थी। 2008 से ग्रैंड स्लैम में दोनों वर्गों को एक बराबर प्राइज मनी मिलने लगी।
यहां जानिए विम्बलडन की परंपरा, जो अटूट रही…
- बॉल बॉय और बॉल गर्ल्स यहां के बॉल बॉय और गर्ल्स, इस चैंपियनशिप को खास बनाते हैं। इन्हें BBG के नाम से जाना जाता है। 2005 से BBG 6 के दल में काम करते हैं, जिनमें से 2 नेट पर रहते हैं, 4 कोनों में रहते हैं। इनका काम बॉल को उठाकर खिलाड़ी तक पहुंचाना होता है। चैंपियनशिप में BBG 1920-30 के दशक में देखे गए थे। इन्हें स्कूल के प्रिंसिपल के द्वारा नामित किया जाता है, हालांकि इन सभी को टेनिस के नियमों पर बेस्ड एक लिखित परीक्षा पास करनी होती है ।
- खिलाड़ियों की ड्रेस टूर्नामेंट में सभी खिलाड़ियों को पूरी तरह से सफेद कपड़े पहन कर ही टेनिस खेलने की परमिशन है। 2022 में विम्बलडन के दौरान इस पर प्रोटेस्ट भी हुए। प्रोटेस्टर्स का कहना था कि महिलाओं के लिए पीरियड्स के दौरान सफेद कपड़ों में टेनिस खेलना चुनौतीपूर्ण रहता है। इसलिए व्हाइट ड्रेस कोड को हटाया जाए, लेकिन विम्बलडन अपने नियमों पर कायम रहा। इस बार भी खिलाड़ी व्हाइट ड्रेस में ही उतरेंगे।
- दर्शकों को स्ट्रॉबेरी-क्रीम वाइन सर्व की जाती है टूर्नामेंट में दर्शकों के स्ट्रॉबेरी और क्रीम के अलावा ब्रिटिश वाइन सर्व किए जाने की परंपरा है।
- घास के कोर्ट पर आयोजन 1877 में विम्बलडन की शुरुआत घास के कोर्ट पर हुई थी। पिछले 146 साल से यह प्रतियोगिता घास के कोर्ट पर हो रही है। चार ग्रैंडस्लैम में यह इकलौता है, जो ग्रास कोर्ट पर खेला जाता है। ऑस्ट्रेलियन ओपन और यूएस ओपन हार्ड कोर्ट पर, जबकि फ्रेंच ओपन क्ले कोर्ट पर खेला जाता है।
यह खेल घास पर ही क्यों…?
विम्बलडन के ऑर्गनाइजर्स के मुताबिक, टेनिस की शुरुआत ही घास के कोर्ट से हुई थी, इसलिए आज भी उस परंपरा को कायम रखते हुए घास पर ही गेम खेले जाते हैं। क्लब के पास 18 ग्रास कोर्ट मौजूद हैं।
अब टूर्नामेंट के कुछ रोचक फैक्ट…
- शाही परिवार का सम्मान पहले खिलाडी सेंटर कोर्ट में आते और कोर्ट छोड़ते समय रॉयल बॉक्स में बैठे शाही परिवार के सम्मान में सिर झुकाते थे। 2003 में ऑल इंग्लैंड क्लब के अध्यक्ष उनकी शाही महारानी ड्यूक ऑफ केंट ने इस परंपरा को बंद करने का फैसला लिया। अब खिलाड़ी तभी सिर झुकते हैं, जब वेल्स के राजकुमार या महारानी यहां उपस्थित हो। ऐसा 2010 में हुआ, जब 24 जून को विम्बलडन में महारानी खुद मौजूद थीं।
- खिलाड़ियों का संबोधन 2009 से पहले महिला खिलाड़ियों को स्कोरबोर्ड पर ‘मिस’ या ‘मिसेज’ से संबोधित किया जाता था। इसे फॉलो करते हुए विवाहित महिला खिलाडियों को उनके पति के नाम से संबोधित किया जाता है।
- ट्रॉफी नहीं बदली, चैंपियन को नकल सौंपते हैं विम्बलडन में 1887 से पुरुष सिंगल के विजेता को ट्रॉफी दी जा रही है। पुरुष चैंपियन को 18.5 इंच लंबा और 7.5 इंच चौड़ा कप मिलता है। चैंपियन बनने वाले खिलाड़ी को ट्रॉफी की नकल सौंपी जाती है, जिस पर पिछले चैंपियन खिलाड़ियों का नाम होता है, जबकि असली ट्रॉफी ऑल इंग्लैंड क्लब के म्यूजियम में ही रखी जाती है। महिला सिंगल्स की चैंपियन को स्टर्लिंग सिल्वर साल्वर (प्लेट के शेप में बनी चांदी की ट्रॉफी) दी जाती है। इस पर देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। डबल्स इवेंट जीतने वाले प्लेयर्स को सिल्वर कप दिया जाता है।
- कबूतर भगाने के लिए स्पेशल बाज रखा विम्बलडन में कबूतरों के भगाने के लिए बाज को रखा गया है। रूफस द हॉक एक हैरिस हॉक यानी स्पेशल बाज है, जिसे ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस और क्रोकेट क्लब ने कबूतरों को भगाने के लिए ही पाला है। हॉक को विम्बलडन परिवार का अहम सदस्य माना जाता है। रूफस पिछले 15 साल से सेवा दे रहा है। रूफस से पहले विंबलडन में कबूतरों को भगाने का काम हामिश बाज करता था।
रूफस द हॉक विम्बलडन का ऑफिशियल बाज है। ये बाज कबूतरों को कोर्ट में आने से रोकता है।
विम्बलडन में पुरुष सिंगल्स चैंपियन को कप और महिला सिंगल्स चैंपियन को चांदी की प्लेट की ट्रॉफी दी जाती है। 2022 में नोवाक जोकोविच पुरुष और एलिना रायबकिना महिलाओं में चैंपियन बनी थी।
अब जानिए टूर्नामेंट के बारे में…
ऑल इंग्लैंड क्लब कराता है विम्बलडन
विम्बलडन इकलौता ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट है, जिसका आयोजन कोई नेशनल टेनिस एसोसिएशन नहीं करता है। इसे ऑल इंग्लैंड क्लब आयोजित करता है। क्लब की स्थापना 1868 में हुई थी। टेनिस पहले क्रॉकेट कहलाता था। 6 मेंबर्स ने मिल कर ऑल इंग्लैंड टेनिस और क्रॉकेट क्लब की शुरुआत की और फिर आगे चलकर इन्हीं ने 1877 में विंबलडन टूर्नामेंट शुरू किया।
आज यह प्राइवेट क्लब है और इसमें 500 मेंबर हैं। प्रिंसेस ऑफ वेल्स इस क्लब की मालकिन रहती है। इस समय कैथरीन एलिजाबेथ मिडिलटन इसकी मालकिन हैं।
साल का तीसरा ग्रैंड स्लैम है
टेनिस में 4 ग्रैंड स्लैम होते हैं। चारों हर साल आयोजित होते हैं, इसकी शुरुआत जनवरी में ऑस्ट्रेलियन ओपन से होती है। मई और जून में फ्रेंच ओपन होता है। जुलाई में विम्बलडन और अगस्त-सितंबर में US ओपन होता है। US ओपन साल का आखिरी ग्रैंड स्लैम होता है।
विम्बलडन ही एक चैंपियनशिप है, जो आज भी घास के कोर्ट पर ही खेली जाती है। फ्रेंच ओपन क्ले कोर्ट पर खेला जाता है, जबकि ऑस्ट्रेलियन और US ओपन हार्ड कोर्ट पर होता है।
जोकोविच और रायबकिना मौजूदा चैंपियन
विम्बलडन-2022 में नोवाक जोकोविच पुरुष और एलिना रायबकिना महिलाओं में चैंपियन बनी थी। 2020 और 2021 में कोरोना महामारी के कारण सभी दर्शकों को मैच देखने की परमिशन नहीं थी। 2022 में विम्बलडन चैंपियनशिप 2 साल के बाद फुल क्राउड के साथ आयोजित की गई। तब पुरुष सिंगल्स में सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने ऑस्ट्रेलिया के निक किर्गियोस को हराया था। वहीं महिला सिंगल्स में कजाकिस्तान की एलिना रायबकिना ट्यूनीशिया की ओन्स जेबुर को हराकर चैंपियन बनी थी।
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.