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- Tokyo Olympics: Champion Gymnast Simone Biles Pulls Out Of Team Final| Flora Duffy Claims Historic First Gold For Bermuda | Lydia Jacoby Become First Alaskan Gold Medallist
टोक्यो3 मिनट पहले
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अमेरिका की 24 साल की बाइल्स 4 बार ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। टोक्यो में वे वॉल्ट के दौरान कूदने के बाद एक ट्रेनर से टकरा गईं। इसके बाद उन्हें डॉक्टरों की टीम के साथ जाना पड़ा।
टोक्यो ओलिंपिक में मंगलवार का दिन हैरान करने वाला रहा। सिर्फ 63 हजार की जनसंख्या वाला बरमूडा ओलिंपिक गोल्ड जीतने वाला दुनिया का सबसे छोटा देश बन गया है। बरमूडा की फ्लोरा डफी ने ट्रायएथलॉन इवेंट में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। वहीं दुनिया की बेस्ट जिम्नास्ट सिमोन बाइल्स ने फाइनल मैच से ठीक पहले मेंटल हेल्थ की वजह से अपना नाम वापस ले लिया। इसका खमियाजा उनकी टीम को भुगतना पड़ा।
इवेंट के दौरान चोटिल हुईं सिमोन बाइल्स
अमेरिका की 24 साल की स्टार जिम्नास्ट को इस खेल की सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में गिना जाता है। बाइल्स 4 बार ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। वे 5 वर्ल्ड ऑलराउंड खिताब जीतने वाली दुनिया की एकमात्र महिला हैं। ओलिंपिक में वे वॉल्ट के दौरान कूदने के बाद एक ट्रेनर से टकरा गईं। इसके बाद उन्हें डॉक्टरों की टीम के साथ जाना पड़ा।
वापस लौटकर बाइल्स ने अपनी टीम को चीयर किया
कुछ मिनट बाद बाइल्स जब वापस आईं तो दाहिने पैर पर पट्टी बंधी थी। उन्होंने अपनी टीम को गले लगाया। अमेरिकी टीम लगातार तीसरा गोल्ड नहीं जीत पाई और उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। गोल्ड मेडल रूस और ब्रॉन्ज मेडल ग्रेट ब्रिटेन ने जीता। इवेंट के बाद बाइल्स ने कहा कि परफॉर्मेंस के बाद मैं पोडियम में नहीं जाना चाहती थी। मुझे अपने मेंटर हेल्थ पर फोकस करना है। मेरे लिए यही प्रायॉरिटी है।
कुछ देर बाद बाइल्स वापस लौटीं और ट्रैक सूट में अपनी टीम को चीयर किया।
”हम सिर्फ एथलीट नहीं, बल्कि इंसान भी हैं”
बाइल्स ने कहा कि हम एथलीट्स को अपने शरीर और अपने बॉडी को बचाना होता है। हम कभी-कभी वह नहीं कर पाते, जो दुनिया हमसे चाहती है। हम सिर्फ एथलीट नहीं हैं, बल्कि एक इंसान भी हैं। मैं वहां जाकर कुछ गलत कर अपने शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती थी। खेल के अंत में स्ट्रेचर पर वापस जाना ही सब कुछ नहीं है।
बरमूडा की फ्लोरा ने गोल्ड मेडल जीता
बरमूडा की एथलीट फ्लोरा डफी।
33 साल की फ्लोरा डफी ने अपने देश के लिए गोल्ड मेडल जीता। उनका यह चौथा ओलिंपिक था। उन्होंने 56 एथलीट्स को पीछे छोड़ते हुए 1 घंटे 55 मिनट 36 सेकंड में टास्क पूरा किया। दूसरे स्थान पर ग्रेट ब्रिटेन की जॉर्जिया टेलर ब्राउन रहीं। वहीं अमेरिकी की केटी जफेरेस तीसरे स्थान पर रहीं। बरमूडा के नाम इससे पहले 1976 में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाला सबसे छोटा देश बनने का भी रिकॉर्ड है।
लीडिया जैकोबी गोल्ड जीतने वाली अलास्का की पहली एथलीट
मेडल जीतने के बाद लीडिया (बाएं), तात्जान और लिली किंग।
अगर ओलिंपिक एक साथ पहले हो रहा होता तो लीडिया जैकोबी एक दर्शक के तौर पर उसे जॉइन करतीं। पर एक साल के अंदर उन्होंने स्वीमिंग की ट्रेनिंग ली और अलास्का (अमेरिका का एक शहर) के लिए गोल्ड जीतने वाली पहली एथलीट (पुरुष/महिला) बन गईं। उन्होंने साउथ अफ्रीका की तात्जान शोनमेकर और रिया ओलिंपिक की गोल्ड मेडलिस्ट और साथी खिलाड़ी अमेरिका की लिली किंग को हराया।
लीडिया ने 100 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक में 04.95 सेकंड का समय निकाला। वहीं तात्जना को सिल्वर मेडल मिला। लिली को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। लीडिया के लिए यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके होम स्टेट में सिर्फ 1 ओलिंपिक साइज पूल था। यह उनके घर जो कि सीवार्ड में स्थित है, उससे 201 किलोमीटर दूर था। लीडियो हमेशा वहीं प्रैक्टिस के लिए जाती थीं।
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