टोक्यो पैरालंपिक में UP के 7 खिलाड़ी दिखाएंगे दमखम: 24 अगस्त से मुकाबला; बैडमिंटन में IAS सुहास एलवाई, आर्चर में मेरठ के विवेक, एयर पिस्टल में इटावा के अजीत और संभल के दीपेंद्र पर टिकी निगाहें
मेरठ3 मिनट पहले
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टोक्यो ओलिंपिक-2020 में शानदार प्रदर्शन के बाद अब पश्चिमी यूपी के पैरा खिलाड़ियों की टीम देश को पदक दिलाने के लिए तैयार है। 24 अगस्त से टोक्यो में पैरालंपिक-2020 का आगाज हो रहा है। पैरालंपिक में नोएडा से DM सुहास एलवाई, गौतमबुद्धनगर के एथलीट हाई जंपर वरुण भाटी, मेरठ के आर्चर विवेक चिकारा, मुजफ्फरनगर की आर्चर ज्योति बालियान, इटावा के अजीत सिंह यादव, संभल के दीपेंद्र सिंह का 10 मीटर एयर पिस्टल में और बागपत के आकाश का निशानेबाजी के लिए चयन हुआ है। ये खिलाड़ी अपने दल के साथ टोक्यो के लिए रवाना होंगे।
UP के 7 खिलाड़ियों को जानिए, जो पैरालंपिक में दिखाएंगे दम
वरुण भाटी: दूसरी बार ले रहे हिस्सा
वरुण ने 2014 में इंचियोन पैरा एशियाई खेल में पांचवां स्थान हासिल किया था।
गौतमबुद्धनगर में जमालपुर के एथलीट वरुण भाटी हाई जंपर हैं। RIO 2016 पैरालंपिक में देश को ब्रांज मेडल दिला चुके हैं, इस बार फिर वरुण ने पैरालंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई किया है। 22 अगस्त को वे रियो रवाना होंगे, इन दिनों दिल्ली में अभ्यास कर रहे हैं। वरुण अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं, जो लगातार दूसरी बार पैरालंपिक में यूपी से भाग ले रहे हैं।
26 वर्षीय पैरा खिलाड़ी वरुण भाटी का जन्म 1995 में हुआ था। बचपन में ही वह पोलियो के शिकार हो गए थे, इससे उनका एक पैर खराब हो गया था। 2014 में इंचियोन पैरा एशियाई खेल में पांचवां स्थान हासिल किया था। इसी साल चीन ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण जीतकर परचम लहराया था।
10 सितंबर 2016 को रियो पैरालंपिक के दौरान पुरुष वर्ग में 1.86 मीटर की ऊंची कूद लगाकर कांस्य पदक जीता था। वरुण फिलहाल दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में कोच सत्यपाल के संरक्षण में अभ्यास कर रहे हैं। इससे पहले वह बंगलूरू में भारतीय खेल प्राधिकरण के कोच सत्यनारायण के पास अभ्यास करते थे। देश के लिए पदक जीतने पर वरुण भाटी को अर्जुन व लक्ष्मण पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
विवेक चिकारा: एक्सीडेंट में गंवाना पड़ा एक पैर
मेरठ के तीरंदाज विवेक चिकारा पैरालंपिक में ओपन मुकाबले में भाग लेंगे। तीरंदाजी में एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर विवेक ने टोक्यो का टिकट हासिल किया था। एशियन चैंपियनशिप के बाद ही विवेक की एशियन रैकिंग नंबर वन हो गई थी। पैरा तीरंदाज विवेक चिकारा का 2017 में एक्सीडेंट हो गया, जिसमें एक पैर गंवाना पड़ा। मेरठ के गुरुकुल प्रभात आश्रम में कोच सत्यदेव प्रसाद ने विवेक की प्रतिभा को पहचाना और तीरंदाज बनाया।
सुहास एल वाई: पुरुषों में दुनिया में दूसरे नंबर के खिलाड़ी
2017 में टोक्यो में हुए जापान ओपन पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में उपविजेता रहे।
2007 कैडर के आईएएस अधिकारी सुहास पुरुषों की पैरा बैडमिंटन सिंगल्स में विश्व के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2018 में हुए एशियन पैरा गेम्स में कांस्य पदक जीता था। सुहास एल वाई लंबे समय से इस पैरालंपिक के लिए अभ्यास कर रहे हैं और वे बैडमिंटन के मुकाबले में भाग लेंगे।
वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे नंबर के शटलर सुहास एल वाई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुके हैं। जकार्ता पैरा एशियन गेम्स-2018 में कांस्य पदक विजेता पुरुष टीम में शामिल थे। 2017 में टोक्यो में हुए जापान ओपन पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में उपविजेता रहे थे, जबकि युगल एसएल-4 वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
ज्योति बालियान: कंपाउंड ओपन में खेलेंगी।
मुजफ्फरनगर गोयला गांव की ज्योति बालियान अपनी विश्व रैंकिंग के चलते टोक्यो का टिकट ले चुकी हैं। ज्योति तीरंदाजी दल में जाने वाली अकेली महिला खिलाड़ी हैं। कंपाउंड ओपन में खेलेंगी। यूरोप में हुई क्वालीफाईग प्रतियोगिता में भारतीय टीम शिरकत नहीं कर सकी थीं। लेकिन ज्योति को उनकी 17वीं वर्ल्ड रैंकिग के आधार पर पैराओलिंपिक कोटा मिला है।
पिता के देहांत होने के बाद भी ज्योति खेलों में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। 2009 में तीरंदाजी में किस्मत आजमाना शुरू किया। जिससे बाद विश्व के नामचीन तीरंदाजों में उनका नाम शामिल हो गया। दुबई में हुई 7वीं फिजा पैरा तीरंदाजी टूर्नामेंट में वर्ल्ड के टाप-10 तीरंदाजों को बुलाया गया था, जिसमें ज्योति ने भी हिस्सा लिया था। वहीं, नीदरलैंड में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप में उन्होंने 17वीं रैंक हासिल की है।
अजीत सिंह यादव: दोस्त को बचाने में गंवाया हाथ
भाला फेंक में इटावा के अजीत सिंह यादव टोक्यो में भारत की आरे से खेलेंगे। साल 2017 में एक हादसे में अपने दोस्त को बचाने में अजीत अपना एक हाथ गंवा बैठे थे। नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुए ट्रायल में अजित ने 63.96 मीटर जैवलिन थ्रो करते हुए खुद का रिकॉर्ड ब्रेक किया था। अजीत सिंह यादव ग्वालियर के लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन से पीएचडी कर रहे हैं। 2019 में चीन के बीजिंग पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स प्रतियोगिता में अगोल्ड मेडल जीता था।
अजीत यादव इटावा के रहने वाले हैं।
दीपेंद्र सिंह: चार साल पहले बनाया था रिकॉर्ड
संभल के भटपुरा गांव के दीपेंद्र सिंह पैरालंपिक में 10 मी. एयर पिस्टल निशानेबाजी में भाग लेंगे। 14 अगस्त को टोक्यो के लिए रवाना होंगे। वह एक माह से दिल्ली में अभ्यास कर रहे हैं। दीपेंद्र सिंह जब 11 महीने के थे तो उनके दाहिना पैर पोलियो कारण कमजोर हो गया। 2017 में थाईलैंड में पैरा शूटिग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतकर 10 मीटर एयर पिस्टल की शूटिग का वर्ल्ड रिकार्ड अपने नाम किया। साथ ही इंडोनेशिया, यूएई में भी पदक जीते चुके हैं।
आकाश निशाना साधेंगे
बागपत खेकड़ी के आकाश निशानेबाजी के मुकाबले में खेलेंगे। आकाश मिक्सड में 50 मीटर पिस्टल से पैरालंपिक में निशाना साधेंगे। आकाश के साथ सिंघराज और मनीष नरवाल भी होंगे।
2016 पैरालंपिक में भारत ने जीते थे 4 पदक
2016 में भारत ने केवल 19 एथलीट्स पैरालंपिक में भेजे थे, लेकिन यह भारत के इतिहास का सबसे सफल पैरालंपिक रहा था। भारत ने 2 स्वर्ण, 1 रजत और 2 कांस्य सहित 4 पदक जीते थे। देवेंद्र झाझरिया ने भाला फेंक में विश्व रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। दीपा मलिक ने महिलाओं की शॉट पुट में रजत और वरुण सिंह भाटी ने ऊंची कूंद में कांस्य जीता था। इस बार सबसे अधिक 24 लोग एथलेटिक्स में हिस्सा ले रहे हैं। इसके बाद शूटिंग में 10 लोग हिस्सा लेंगे। ताइक्वांडो और पैरालिफ्टिंग में एक-एक एथलीट ही होंगे। इन दोनों खेलों में हिस्सा लेने वाली एथलीट महिलाएं होंगी। टेबल टेनिस में भी केवल 2 महिला एथलीट्स होंगी।
पैरालंपिक गेम्स से जुड़े कुछ फैक्ट्स
टोक्यो में 24 अगस्त से 5 सितंबर तक होंगे पैरालंपिक मुकाबले।
भारत से 54 पैरा खिलाड़ी ले रहे हैं हिस्सा।
54 खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा संख्या एथलीट्स की है।
कुल 40 पुरुष और 14 महिला पैरा एथलीट्स टोक्यो जाएंगे।
2016 रियो पैरालंपिक में 19 एथलीट्स 5 खेलों में खेले थे। इस बार 9 प्रतियोगताओं में खेलेंगे।
नोएडा के डीएम सुहास एल वाई बैडमिंटन मुकाबले में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
आर्चरी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, पैरा कैनॉइंग, पावरलिफ्टिंग, शूटिंग, स्विमिंग, टेबिलटेनिस, ताइक्वांडो में भारतीय खिलाड़ी करेंगे प्रतिभाग।
2016 में पुरुषों की ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन थंगवेलू भारत के ध्वजवाहक होंगे।
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