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- Former Afghanistan Women’s Football Team Captain Appeals To Players, Burn Your Kit And Remove The Photo From Social Media
कोपेनहेगनकाबुल3 मिनट पहले
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- खालिदा पोपल ने कोपेनहेगन में बुधवार को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिया वीडियो इंटरव्यू
- तालिबान के पहले शासन में महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध थे, ऐसा फिर होने का डर है
तालिबान एक बार फिर से अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हो चुका है। इसे लेकर पूर्व अफगान महिला फुटबॉल कप्तान खालिदा पोपल ने महिला खिलाड़ियों ने अपील की है कि जान बचाने के लिए वे अपनी किट जला दें और सोशल मीडिया से अपनी फोटो भी डिलीट कर दें।
कोपेनहेगन में बुधवार को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए वीडियो इंटरव्यू में खालिदा पोपल ने कहा, आतंकियों ने अपने पहले शासन (1996 से 2001) में महिलाओं की हत्या की, उनका रेप किया। घर से बाहर निकलने पर पाबंदियां लगाई। पत्थर मारे हैं। ऐसे में महिला फुटबॉलर्स अपने भविष्य को लेकर डरी हैं।
हमेशा मोटिवेट किया पर अब मेरा संदेश अलग है
अफगान महिला फुटबॉल लीग की को-फाउंडर ने कहा, मैंने हमेशा युवा खिलाड़ियों को मजबूती से खड़े होने के लिए मोटिवेट किया। उनके साथ खड़ी रही हूं। उन्हें प्रेरित किया है, लेकिन अब मेरा मैसेज अलग है। खालिदा ने कहा, ‘आज मैं उनसे कह रही हूं कि खिलाड़ी लड़कियां अपना नाम बदल लें। अपनी सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया पर से अपनी पहचान हटा लें। मैं खिलाड़ियों से नेशनल टीम की जर्सी जला देने के लिए भी कह रही हूं। ऐसा कहना, मेरे लिए बहुत तकलीफदेह है। कभी देश के लिए खेलना, बैच लगाने पर हमें गर्व होता था। पर अब देश फिर तालिबान के अंडर में है।
पूर्व अफगान महिला फुटबॉल कप्तान खालिदा पोपल की अपील पर फीफा के प्रवक्ता ने भी चिंता जताई है।
पहले शासन में महिलाओं के लिए सख्त था तालिबान
तालिबान ने अपने पहले शासन काल में 1996 से 2001 के बीच महिलाओं पर सख्त प्रतिबंध लगाए थे। लड़कियों और महिलाओं के लिए बुर्का पहनना अनिवार्य था। वे बिना किसी पुरुष साथी के घर से बाहर नहीं निकलती थीं। अगर कोई महिला इन नियमों का उल्लंघन करती तो तालिबानी लड़ाके उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर कोड़े या पत्थर मारते थे।
हम अपने ही देश को बर्बाद होते देख रहे हैं
खालिदा ने तालिबान के सत्ता आने के बाद के हालात को लेकर कहा कि महिला खिलाड़ियों में काफी डर और चिंता है। देश में ऐसा कोई नहीं है, जिससे महिलाएं सुरक्षा या मदद मांग सके। सभी को डर है कि कभी भी कोई भी दरवाजा खटखटा सकता है। ‘हम अपने ही देश को बर्बाद होते देख रहे हैं। गर्व, खुशी, महिला सशक्तिकरण। सब बेकार चला गया।’
अफगानिस्तान की सड़कों पर तालिबानी लड़ाके देखे जा रहे हैं। वे लोगों की जांच पड़ताल भी कर रहे हैं।
हालात पर फीफा के प्रवक्ता ने जताई चिंता
इस मामले में फीफा के प्रवक्ता ने भी चिंता जताते हुए कहा कि हम अफगानिस्तान की फुटबॉल फेडरेशन के संपर्क में हैं और स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। कोशिश होगी कि हम उन्हें हर तरह की मदद दे पाएं।
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