नहीं रहे डेविस-कप खेलने वाले पहले भारतीय कप्तान नरेश कुमार: लिएंडर पेस के पहले गुरू थे, 101 विंबलडन मैच खेल चुके हैं
कोलकाता21 मिनट पहले
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बुधवार को डेविस कप में भारत के पहले कप्तान नरेश कुमार का निधन हो गया है। वे 93 साल के थे। नरेश दिग्गज टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस के पहले गुरु भी थे। 1952 में डेविस कप डेब्यू करने वाले नरेश ने अपने करियर में 101 विंबलडन मैच खेले हैं। साल के तीसरे ग्रैंड स्लैम के चौथे दौर तक पहुंचना उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि रही है।
पिछले हफ्ते नरेश उम्र और स्वास्थ संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके परिवार में पत्नी सुनीता, बेटा अर्जुन, बेटी गीता और परिहा हैं। नरेश का जन्म आजादी से लाहौर (वर्तमान पाकिस्तान) में 22 दिसंबर 1928 को हुआ था। टेनिस में उनके सफर की शुरुआत 1949 एशिया कप से हुई। इसके बाद वह और रामनाथन कृष्णन 1950 के दशक में भारतीय टेनिस का चेहरा बने रहे।
करियर में 5 सिंगल खिताब जीते हैं
पूर्व भारतीय कप्तान नरेश ने अपने करियर में 5 एकल खिताब जीते हैं। इसमें आयरिश चैंपियनशिप (1952, 1953), वेल्श चैंपियनशिप (1952), फ्रिंटन-ऑन-सी एसेक्स चैंपियनशिप (1957) और वेंगेन टूर्नामेंट (1958) का टाइटल जीता है।
लिएंडर पेस का डेब्यू कराया था
नरेश ने 1969 में एशियाई चैंपियनशिप में अपना आखिरी टूर्नामेंट खेला। नरेश ने 1990 में गैर-खिलाड़ी भारतीय कप्तान के रूप में जापान के खिलाफ डेविस कप टीम में 16 वर्षीय लिएंडर पेस को शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पेस इसके बाद भारतीय टेनिस के सबसे सफल खिलाड़ी बनकर उभरे।
22 साल पहले द्रोणाचार्य बने थे
अर्जुन पुरस्कार विजेता नरेश कुमार 2000 में द्रोणाचार्य लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्राप्त करने वाले पहले टेनिस कोच बने थे। वे खिलाड़ी और कोच के अलावा खेल कमेंटेटर और लेखक भी रहे हैं।
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