पद्म भूषण पाने वाले देवेंद्र के घर जश्न का माहौल: पद्म भूषण से सम्मानित होने वाले राजस्थान के पहले खिलाड़ी, पत्नी बोलीं: जल्द भारत रत्न मिलेगा
जयपुर13 मिनट पहले
ओलंपिक में 3 पदक जीत भारत का नाम रोशन करने वाले राजस्थान के देवेंद्र झाझड़िया को पद्म भूषण से सम्मान के लिए चुना गया है। 40 साल के देवेंद्र पैरालिंपिक खेलों में देश के सबसे सफल खिलाड़ी हैं। राजस्थान से खेलों में पद्म भूषण के लिए चुने जाने वाले भी देवेंद्र पहले खिलाड़ी बन गए हैं। पद्म भूषण के ऐलान के बाद जयपुर में देवेंद्र के घर पर जश्न का माहौल है। देवेंद्र के परिजन एक दूसरे को मिठाई खिला जहां खुशियां मना रहे हैं। वहीं देवेंद्र अब भारत के लिए मेडल लाने की तैयारियों में जुटे हैं।
पद्म भूषण के ऐलान के बाद जश्न मनाता देवेंद्र झाझड़िया का परिवार।
देवेंद्र की पत्नी मंजू ने बताया कि पिछले लंबे समय से देवेंद्र लगातार देश के लिए मेडल जीत कर ला रहे हैं। लेकिन मेडल के लिए उनकी भूख अब भी बरकरार है। उन्होंने बताया कि देवेंद्र अब भी देश के लिए ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतकर लाना चाहते हैं। ऐसे में मुझे उम्मीद है कि पद्मश्री और पदम भूषण के बाद अब देवेंद्र को जल्दी ही भारत रत्न भी मिलेगा।
देवेंद्र के भाई अरविंद ने बताया कि पिछले लंबे वक्त से है परिवार 25 जनवरी का इंतजार कर रहा था। क्योंकि आज ही के दिन पद्म विभूषण अवार्ड का ऐलान होता है। ऐसे में जैसे ही अवार्ड का ऐलान हुआ पूरे परिवार में जश्न का माहौल शुरू हो गया है। अरविंद ने बताया कि हमें इस बात की खुशी है कि देवेंद्र पद्म भूषण पाने वाले राजस्थान के पहले खिलाड़ी होने के साथ ही देश के पहले पैरालिंपिक खिलाड़ी भी बन गए हैं। उन्होंने बताया कि अवार्ड मिलने के बाद भी देवेंद्र एशियन गेम की तैयारी में जुटे हुए हैं। क्योंकि वह देश के लिए अभी और मेडल जीतकर लाना चाहते हैं।
कबड्डी प्लेयर से की शादी, एक ही स्कूल में पढ़ते थे
देवेंद्र झाझड़िया की पत्नी मंजू खुद भी कबड्डी प्लेयर रही हैं। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। कहती हैं, कभी भी मेरे मन में ऐसा विचार नहीं आया कि इनके एक हाथ नहीं है। उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की है, वह हजारों हाथों के बराबर है। 2007 में जब मुझे पता चला कि इनके साथ मेरी शादी हो रही है तो मैं खुश हो गई थी।
करंट लगने से काटना पड़ा था हाथ
देवेंद्र झाझड़िया जब 8 साल के थे। तब वह अपने गांव में पेड़ पर चढ़ रहे थे। तभी हाई टेंशन लाइन की चपेट में आने से देवेंद्र के बाएं हाथ में दिक्कत हो गई। हाथ कोहनी से काटना पड़ा था। देवेंद्र ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया, लेकिन मां जीवनी देवी ने उन्हें मोटिवेट किया। देवेंद्र ने धीरे-धीरे पढ़ाई के साथ जेवलिन थ्रो खेलना शुरू किया, और अब तीन ओलिंपिक मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन चुके हैं।
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