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पहली बार ग्रामीण ओलिंपिक करा रहे मंत्री का VIDEO इंटरव्यू: अशोक चांदना बोले- राजस्थान में खेल नीति बदलने की जरूरत, इससे खिलाड़ी हो रहे प्रभावित

जयपुर7 मिनट पहलेलेखक: स्मित पालीवाल

अशोक चांदना खेल मंत्री राजस्थान।

ओलिंपिक-पैरालिंपिक के बाद अब राजस्थान में दुनिया का पहला ग्रामीण ओलिंपिक आयोजित होने जा रहा है। जिसमें प्रदेश के 25 लाख से ज्यादा खिलाड़ी शामिल होंगे। खेल मंत्री अशोक चांदना ने बताया कि राजस्थान के हर गांव हर ढाणी में प्रतिभा है। लेकिन माहौल और प्रोत्साहन की कमी से खिलाड़ी आगे नहीं बढ़ पाते हैं। ऐसे में खेलों के प्रति सकारात्मक माहौल पैदा करने के लिए ग्रामीण ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। ताकि हरियाणा की तर्ज पर राजस्थान कि खिलाड़ियों को भी आम आदमी का सपोर्ट मिल सके।

दैनिक भास्कर से बातचीत में चांदना ने कहा कि पिछले कुछ वक्त से बच्चे मोबाइल और इंटरनेट की वजह से खेलों से दूर हो गए हैं। जिसकी वजह से उन्हें शारीरिक और मानसिक काफी परेशानियां भी शुरू हो गई है। ऐसे में ग्रामीण ओलिंपिक प्रदेश के बाशिंदों को फिटनेस के प्रति जागरूक करेगा। इस दौरान खेल मंत्री चांदना ने प्रदेश की खेल नीति में बदलाव करने की भी बात कही। उन्होंने कहा की पुरनी खेल नीति की वजह से आज भी खिलाड़ियों को परेशां होना पड़ रहा है। ऐसे में पुरनी खेल नीति में बदलाव कर खिलाड़ियों के लिए नई नीति बनाई जा रही है ताकि खिलाड़ियों को इसका सीधा फायदा मिल सके।

सवाल- देश में पहली बार ग्रामीण ओलिंपिक होने जा रहे हैं। इसका आईडिया कहां से आया?

जवाब- दुनिया में पहली बार राजस्थान में ग्रामीण ओलिंपिक का आयोजन किया जाएगा। यह अपने आप में अनोखा और ऐतिहासिक होगा। क्योंकि इसमें 25 से 40 लाख खिलाड़ी शामिल होंगे। ग्रामीण ओलंपिक में राजस्थान के हर गांव की राजस्व पंचायत समिति तक को शामिल किया जाएगा। जिसमें सभी सरकारी विभागों के साथ जनप्रतिनिधि अधिकारियों को जोड़ा जाएगा। ताकि हर गांव के हर घर का बच्चा इसमें शामिल हो सके। ऐसे में यह दुनिया का अब तक का पहला और अनोखा आयोजन होगा।

सवाल- क्या खिलाड़ियों की खोज के लिए ग्रामीण ओलिंपिक की शुरुआत की जा रही है। आखिर इसका क्या उद्देश्य है?

जवाब- गांव के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए ग्रामीणों ओलिंपिक की शुरुआत की जा रही है। देश में हरियाणा के हर गांव में खिलाड़ी मिलता है। क्योंकि वहां घर-घर में खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसे में राजस्थान की भी हर खिलाड़ी को प्रोत्साहन मिल सके। इसी उद्देश्य से ग्रामीण ओलिंपिक की शुरुआत की जा रही है। ताकि राजस्थान के हर गांव-ढाणी तक खेलों को पहुंचाया जा सके। मुझे लगता है इससे भविष्य में ग्रामीण ही अपने गांव की खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में अहम भूमिका निभाएंगे।

आजकल मोबाइल और इंटरनेट के जमाने में बच्चों ने आउटडोर गेम खेलना बंद कर दिए है। जिस वजह से उनकी हड्डियां कमजोर हो रही है। मांसपेशियां कमजोर हो रही है। ऐसे में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए उनका फिट होना काफी जरूरी है। जिस वजह से राजस्थान सरकार द्वारा हर व्यक्ति को फिट और राजस्थान को हिट रखने के लिए ग्रामीण ओलिंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इस अनोखे ओलिंपिक में कबड्डी खो-खो जैसे खेल खिलाए जाएंगे। जिनमें बहुत कम या फिर ना के बराबर खर्चा हो और खिलाड़ी आसानी से कहीं पर भी इन्हें खेल सके।

सवाल- राजस्थान सरकार खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए आखिर किसी योजना पर काम कर रही है?

जवाब- राजस्थान में पिछले लंबे समय से खेल नीति में बदलाव नहीं हुआ है। जिससे काफी हद तक खिलाड़ी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में वक्त के साथ खेल नीति में बदलाव की जरूरत है। इसके साथ ही क्रीडा परिषद को अब खेल विभाग में बदलने की जरूरत है ताकि राजस्थान में खेल गतिविधियां आसानी से हो सके।

सवाल- पैरालंपिक में राजस्थान का प्रदर्शन इस बार सर्वश्रेष्ठ रहा। अब आगे क्या तैयारी है?

जवाब- पैरालंपिक में राजस्थान के 4 खिलाड़ियों ने इतिहास रच न सिर्फ राजस्थान बल्कि भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर दिया है। उनके स्वागत के लिए खेल प्रेमियों के साथ प्रदेश की जनता भी आतुर हैं। लेकिन कोरोना गाइडलाइन की वजह से फिलहाल स्वागत कार्यक्रम नहीं किया जा सकता है। हालांकि खेल विभाग द्वारा चुनिंदा लोगो की मौजूदगी में उनका स्वागत किया है। लेकिन कोरोना कंट्रोल होने के बाद सभी खिलाड़ियों का ऐतिहासिक स्वागत किया जाएगा।

इसके साथ में राजस्थान में पहली बार 10 करोड़ की राशि खिलाड़ियों को पुरस्कार के तौर पर दी गई है। वहीं जो खिलाड़ी पदक जीत कर आए हैं। उन्हें सरकार ने 10 महीने पहले ही आउट ऑफ द टर्म जाकर सरकारी नौकरी दी थी। इसके साथ ही शहरी क्षेत्र में भूखंड और ग्रामीण इलाके में 25 बीघा जमीन भी हर खिलाड़ी को दी जाएगी। मुझे लगता है ऐसा करने से राजस्थान के अन्य खिलाड़ी भी मोटिवेट होंगे।

सवाल- राजस्थान में पिछले लंबे समय से कई खिलाड़ियों को सरकार द्वारा घोषित पुरस्कार नहीं मिले। वहीं कुछ की सरकारी नौकरी लग जाने के बाद सैलरी नहीं आ रही है। इसका समाधान कैसे करेंगे?

जवाब- राजस्थान में स्थल 2015 से खिलाड़ियों के पुरस्कार पेंडिंग चल रहे थे। लेकिन 2018 में हमारी सरकार बनने के बाद हमने 30 करोड़ रुपए से ज्यादा के नगद पुरस्कार वितरित किए हैं। लेकिन कोरोना की वजह से कुछ खिलाड़ियों को अब तक पुरस्कार राशि नहीं मिल पाई है। जिसे जल्द से जल्द खिलाड़ियों तक पहुंचा दिया जाएगा। राजस्थान में आउट ऑफ द टर्म पॉलिसी सरकारी विभागों में खिलाड़ियों की नौकरी लगी है। जिसे सरकारी विभाग में मूर्त रूप लेने में कुछ वक्त लगेगा। लेकिन जल्द ही राजस्थान के सरकारी विभागों में यह पूर्ण रूप से लागू हो जाएगा। जिससे खिलाड़ियों को किसी तरह की समस्या नहीं आएगी।

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