फिर जंतर-मंतर पहुंचे पहलवान: बोले- इंतजार के बाद लिया धरने का फैसला; कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर नहीं हुई FIR
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पानीपतएक मिनट पहले
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इसी साल जनवरी में अध्यक्ष के खिलाफ धरने पर बैठे थे पहलवान (फाइल फोटो)।
कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर शारीरिक शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाने वाले खिलाड़ियों को जब न्याय नहीं मिला, तो वह फिर से धरना देने को मजबूर हो गए हैं। 3 महीने के लंबे इंतजार के बाद रविवार को फिर से खिलाड़ी दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंच चुके हैं। 4 बजे से वहां अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 7 महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पहलवानों का कहना है कि दिल्ली पुलिस भी सिंह पर केस दर्ज नहीं कर रही है। इसके अलावा जांच कमेटियां भी अपनी रिपोर्ट नहीं दे रही हैं। जिससे उनको न्याय मिलने की उम्मीद टूट रही है। इसलिए अब उन्होंने लंबे इंतजार के बाद फिर से धरने का फैसला लिया है।
खिलाड़ी बोले- हमें मिल रही धमकियां
खिलाड़ियों ने कहा कि हमें कई तरफ से धमकियां मिल रही हैं। 3 महीने से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद, हमने थाने में शिकायत दर्ज करवाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने हमारी नहीं सुनी। हमें नहीं पता कि यहां क्या हो रहा है। हम अपना विरोध फिर से शुरू करेंगे और बैठेंगे। हमारी मांगें पूरी होने तक जंतर-मंतर पर धरने पर हैं।’
गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर उन पर गंभीर आरोप लगाए थे। ओलिंपिक एसोसिएशन और खेल मंत्रालय ने आरोपों की जांच के लिए 2 कमेटियां बनाई थीं। कमेटियों का कहना था कि आरोप लगाने वाले पहलवानों ने सबूत नहीं दिए थे।
DCW ने नोटिस जारी किया
दिल्ली महिला आयोग (DCW) चीफ स्वाति मालीवाल ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में FIR दर्ज न होने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। महिला पहलवानों ने आयोग से शिकायत की है कि उन्होंने 2 दिन पहले दिल्ली पुलिस को लिखित शिकायत दी है, लेकिन अभी तक उनकी FIR दर्ज नहीं की गई है।
स्वाति ने लिखा कि देश की कई महिला रेसलर्स ने 2 दिन पहले कैनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में WFI अध्यक्ष के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दी थी। एक शिकायतकर्ता नाबालिग भी है। अब तक दिल्ली पुलिस ने मामले में FIR दर्ज नहीं की, जो कानून के खिलाफ है। पुलिस को नोटिस दिया है, 48 घंटे में DCW को जवाब दें।
पढ़िए क्या है पूरा मामला…
जंतर-मंतर पर रेसलर्स का प्रदर्शन और बड़े आरोप
18 जनवरी को रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पूनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया था। इस दौरान विनेश फोगाट ने रोते हुए आरोप लगाए कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं।
विनेश ने यह भी कहा कि बृजभूषण खिलाड़ियों के होटल में रुकते थे, जो नियमों के खिलाफ है। टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद WFI के अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का कहा।
सांसद की सफाई, आरोप सही हुए तो फांसी पर लटक जाऊंगा
इसी दिन संघ अध्यक्ष बृजभूषण सामने आए। उन्होंने कहा- किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ है। अगर हुआ है तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उन्होंने धरने को स्पॉन्सर्ड बताते हुए इसके पीछे हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को बताया था। उन्होंने कहा था कि अब ये खिलाड़ी नेशनल लेवल पर भी खेलने योग्य नहीं रहे हैं।
केंद्रीय खेल मंत्री से बातचीत, फिर धरना
19 जनवरी को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से रेसलर्स की करीब पौने 4 घंटे बातचीत हुई। उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष के जवाब का इंतजार करने को कहा। पहलवानों ने WFI अध्यक्ष को हटाने को कहा। 20 जनवरी को खिलाड़ियों ने खेल मंत्री से बातचीत के बाद फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया।
यहां से आंदोलनकारी खिलाड़ियों ने ऐलान किया कि वे अब न्याय मिलने तक कोई कैंप जॉइन नहीं करेंगे। न ही वह किसी प्रतियोगिता में भाग लेंगे। अब वह खेल और खिलाड़ियों के हक की लड़ाई लड़ेंगे।
आंदोलन बढ़ता देख 2 जांच कमेटियां बनी
21 जनवरी को आंदोलन बढ़ता देख भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) ने जांच कमेटी बनाई। जिसकी अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कमेटी की अध्यक्ष मैरीकॉम को बनाया। 7 सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच करने के निर्देश दिए। इस कमेटी में बॉक्सर मैरीकॉम, तीरंदाज डोला बनर्जी, बैडमिंटन प्लेयर अलकनंदा अशोक, फ्री स्टाइल कुश्ती खिलाड़ी योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और 2 वकील शामिल हैं।
इसी दिन अनुराग ठाकुर की पहलवानों से देर रात 7 घंटे तक मीटिंग हुई। इस दौरान खेल मंत्रालय ने एक ओवरसाइट कमेटी बनाने का फैसला लिया। इसका अध्यक्ष भी एमसी मैरीकॉम को बनाया गया। इसके सदस्यों में ओलिंपिक मेडल विजेता रेसलर योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तृप्ति मुरगुंडे, TOPS CEO राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल थे। बाद में इसमें बबीता फोगाट को भी शामिल किया गया।
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