फैंटेसी स्पोर्ट्स में 60% लेन-देन टायर-2और 3 के शहरों से: आईएफएसएफ महानिदेशक जॉय भट्टाचार्य ने फैंटेसी स्पोर्ट्स को भविष्य की भारत की सोने की चिड़िया कहा
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13 मिनट पहले
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इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स फेडरेशन (आईएफएसएफ) के महानिदेशक जॉय भट्टाचार्य।
ड्रीम 11, बैटवे, माई11 सर्कल जैसे तमाम प्लेटफॉर्म पर रियल खिलाड़ियों के साथ वर्चुअल टीम बनाकर खेलने का क्रेज बढ़ा है। आईपीएल जैसे टूर्नामेंट फैंटेसी स्पोर्ट्स के बाजार को और बढ़ा रहे हैं। महानगरों ही नहीं छोटे शहरों और कस्बों में भी युवा फैंटेसी स्पोर्ट्स के दीवाने होते जा रहे हैं। इंडियन फैंटेसी स्पोर्ट्स फेडरेशन (आईएफएसएफ) के महानिदेशक जॉय भट्टाचार्य कहते हैं ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लिए यह सोने की चिड़िया जैसा है।
आईपीएल के नवीनतम संस्करण से फैंटेसी स्पोर्ट्स पर कितना प्रभाव पड़ा?
आईपीएल मैचों के दौरान फैंटेसी स्पोर्ट्स के यूजर्स अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर 30-40% तक बढ़े हैं, लेकिन अभी हम सारे आंकड़े इकट्ठे कर रहे हैं। बड़े प्रारूप वाले बड़े खेलों के प्रति रुझान बढ़ा है।
क्या फीफा वर्ल्ड कप 2022 और आईपीएल 2023 की तुलना की जा सकती है कि इससे भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स किस तरह बढ़ रहे हैं?
दरअसल भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स के खिलाड़ी फुटबॉल के बहुत ज्यादा खिलाड़ियों को नहीं जानते। इसलिए वे उन खिलाड़ियों की टीम भी नहीं बनाते, जबकि इसके उलट फैंटेसी स्पोर्ट्स खिलाड़ियों की क्रिकेट टीम में 60% खिलाड़ी ऐसे हैं, जो लगभग हर टीम में होते हैं। आईपीएल भारत के फैंटेसी स्पोर्ट्स के लिए सबसे बड़ा आयोजन है।
भारत में फैंटेसी स्पोर्ट्स के बढ़ने की क्या वजह है?
फैंटेसी स्पोर्ट्स स्मार्टफोन पर मौजूद है। शुरुआती निवेश 25 से 35 रुपए का है, जो जेब पर ज्यादा भारी नहीं पड़ता। टायर-2 व 3 के शहरों में फैंटेसी स्पोर्ट्स तेजी से बढ़ रहा है। इसकी वजह छोटे शहरों से आने वाले क्रिकेटर हैं।
ज्यादातर फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म विज्ञापन पर खूब खर्च कर रहे हैं। इनका रेवेन्यू मॉडल क्या है?
हर प्लेटफॉर्म की अपनी स्ट्रेटजी है, जिसमें मार्केटिंग पर पैसा खर्च करना एक है। राजस्व का दूसरा जरिया बड़े टिकट गेम्स हैं।
जीएसटी पर क्या विचार है?
मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं- सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को मारना नहीं चाहिए। आत्मनिर्भर भारत और 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
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