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बीजिंग विंटर ओलिंपिक्स: अमेरिका ने अपने एथलीट्स से कहा- रेग्युलर मोबाइल फोन चीन न ले जाएं- कामचलाऊ बर्नर फोन का इस्तेमाल करें

न्यूयॉर्क6 मिनट पहले

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बीजिंग विंटर ओलिंपिक्स: अमेरिका ने अपने एथलीट्स से कहा- रेग्युलर मोबाइल फोन चीन न ले जाएं- कामचलाऊ बर्नर फोन का इस्तेमाल करें

विदेशी एथलीट्स चीन पहुंचने लगे हैं।

चीन की राजधानी बीजिंग में शुक्रवार 4 फरवरी से विंटर ओलिंपिक्स का आगाज हो रहा है। अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों ने खेलों का डिप्लोमैटिक बायकॉट किया है। अब अमेरिका ने एथलीट्स की सुरक्षा के लिहाज से एक कदम और उठाया है। फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी FBI ने अमेरिकी एथलीट्स से कहा है कि वो अपने रेग्युलर मोबाइल फोन चीन न ले जाएं, बल्कि इनकी जगह प्रीपेड बर्नर फोन का इस्तेमाल करें।

बर्नर फोन का मतलब ऐसे मोबाइल फोन्स से है, जो सस्ते और कामचलाऊ हों। इन्हें इस्तेमाल के बाद नष्ट यानी डेस्ट्रॉय किया जा सकता है। 2002 में HBO की ड्रामा सीरीज में पहली बार ‘बर्नर फोन’ शब्द का इस्तेमाल हुआ था। बर्नर टर्म का मतलब यूज एंड थ्रो माना जा सकता है।

आखिर खतरा किस बात का
अमेरिका और दुनिया के कई देशों को लगता है कि उनके एथलीट्स के फोन के सेफ्टी फीचर्स को किसी बग के जरिए निशाना बनाया जा सकता है। चीन में इस तरह की हरकतें आम हैं। वो अपने नागरिकों के साथ भी यही हरकत करता रहा है। इससे बचने के लिए ही FBI ने अमेरिकी एथलीट्स को सख्त आदेश जारी किए हैं कि वो अपने आईफोन या स्मार्टफोन घर पर ही छोड़कर जाएं। इनकी जगह टेम्परेरी फोन इस्तेमाल करें। बीजिंग विंटर ओलिंपिक्स 4 से 20 फरवरी तक होंगे।

वैसे अमेरिका ही क्यों, कई पश्चिमी देशों की नेशनल ओलिंपिक कमेटीज ने भी अपने एथलीट्स को भेजे सर्कुलर में साफ कहा है कि वे अपने पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बीजिंग लेकर न जाएं, क्योंकि वहां सायबर सिक्योरिटी एक बहुत बड़ा चैलेंज है।

कई पश्चिमी देशों ने अपने एथलीट्स से कहा है कि वो पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स घर छोड़कर जाएं। ये गैजेट्स बीजिंग में हैक किए जा सकते हैं।

कई पश्चिमी देशों ने अपने एथलीट्स से कहा है कि वो पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स घर छोड़कर जाएं। ये गैजेट्स बीजिंग में हैक किए जा सकते हैं।

अमेरिकी एजेंसियां पहले ही सतर्क
अमेरिकी अफसर और FBI की सायबर सिक्योरिटी यूनिट पिछले साल फरवरी से ही चीन पर नजर रख रही है। पिछले साल हुए प्रेसिडेंट इलेक्शन के दौरान भी चीन ने साइबर हैकिंग की साजिश रची थी। माना जाता है कि रूस की एजेंसियां भी इसमें शामिल थीं। FBI के मुताबिक- फिलहाल, बीजिंग में किसी स्पेसफिक थ्रेट की जानकारी तो नहीं है, लेकिन सतर्क रहना बहुत जरूरी है। इसकी एक वजह यह है कि चीन ने वहां एडवांस्ड टेक्नो सर्विलांस इक्युपमेंट्स इंस्टॉल किए हैं। फेसियल रिकग्निगेशन टेक्नोलॉजी भी इस्तेमाल की जा रहा है। यह सायबर सिक्योरिटी के लिहाज से खतरनाक चीजें हैं।

बिजनेस और एजुकेशन सेक्टर भी अलर्ट
अमेरिका में काउंटर इंटेलिजेंस सर्विस ने देश की बिजनेस कम्युनिटी और एकेडिमिक्स यानी एजुकेशन सेक्टर को भी अलर्ट जारी किया है। इनसे कहा गया है कि वो चीन में बहुत ऐहतियात के साथ अपने इलेक्ट्रोनिक गैजेट्स इस्तेमाल करें, क्योंकि इन्हें हैक किया जा सकता है और बाद में इनका इस्तेमाल अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी के खिलाफ किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सायबर इंटेलिजेंस यूनिट्स पहले ही चीनी जासूसी के 2 हजार मामलों की जांच कर रही हैं।

विंटर ओलिंपिक्स 4 फरवरी से शुरू होकर 20 फरवरी तक चलेंगे।

विंटर ओलिंपिक्स 4 फरवरी से शुरू होकर 20 फरवरी तक चलेंगे।

डिप्लोमैटिक बायकॉट के क्या मायने
अमेरिका, जापान, कनाडा समेत करीब 12 देश ऐसे हैं जिन्होंने बीजिंग विंटर ओलिंपिक्स का डिप्लोमैटिक बायकॉट किया है। आसान शब्दों मे समझें तो इसका मतलब ये हुआ कि खेलों में शिरकत के लिए सिर्फ एथलीट्स जाएंगे। इनकी नुमाइंदगी के लिए कोई डिप्लोमैट या प्रोटोकॉल ऑफिसर बीजिंग नहीं जाएगा। पश्चिमी देशों का आरोप है कि चीन दुनिया में ह्यूमन राइट्स वॉयलेशन्स का सबसे बड़ा गुनहगार है। चीन ने इसे सफेद झूठ करार दिया है।

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