बॉलिंग से बलशाली बनी टीम इंडिया: इस साल टेस्ट क्रिकेट में 24 की औसत से चटकाए ढाई सौ से ज्यादा विकेट, पाकिस्तान चौथे नंबर पर
नई दिल्ली8 मिनट पहले
सेंचुरियन में टीम इंडिया की शानदार जीत के साथ साल 2021 में इंटरनेशनल क्रिकेट का समापन भी हो गया। ये साल टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से भारतीय टीम के लिए बहुत यादगार रहा। भारत ने 2021 में ICC टेस्ट रैंकिंग में शामिल टॉप-6 में पाकिस्तान को छोड़ बाकि सभी चार टीमों को हराया। कोहली की टोली ने साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती, उसके बाद इंग्लैंड दौरे पर सफलता के झंड़े गाड़े। फिर साल के अंत में अपनी धरती पर न्यूजीलैंड को क्लीन स्वीप करने के बाद साउथ अफ्रीका को उसी की सरजमीं पर हराकर किया।
भारत के इस दमदार प्रदर्शन के पीछे टीम के गेंदबाजों ने बड़ी भूमिका निभाई। भारतीय तेज गेंदबाजों से लेकर स्पिनर्स तक सभी का इस साल खासा दबदबा देखने को मिला। टीम इंडिया के गेंदबाजों ने 2021 में 14 टेस्ट मैचों में 24.01 की औसत के साथ कुल 252 विकेट चटकाए। इस दौरान टीम के खाते में 11 बार एक पारी में पांच और एक बार मैच में दस या उससे ज्यादा विकेट आए। टीम का सबसे उम्दा प्रदर्शन 6/38 का रहा।
ऑस्ट्रेलिया नहीं ले पाई 100 विकेट
भारत के अलावा साल 2021 में सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने का मामले में इंग्लैंड 15 मैचों में 229 विकेट के साथ दूसरे पायदान पर रहा। वहीं, वेस्टइंडीज 161 विकेट के साथ तीसरे और पाकिस्तान 153 विकेट के साथ चौथे नंबर पर। इंग्लैंड को हराकर एशेज पर कब्जा जमाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम 2021 के 5 मैचों में 89 विकेट ले सकी और 9वें पायदान पर रही।
तेज गेंदबाजों ने छोड़ी छाप
2021 में भारत के 3 तेज गेंदबाजों ने 20+ विकेट अपने नाम किए। युवा तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने सभी को खासा प्रभावित करते हुए 10 मैचों में लगभग 30 की औसत के साथ कुल 31 विकेट हासिल किए। वहीं, BOOM-BOOM जसप्रीत बुमराह के खाते में भी 9 मैचों में 30 विकेट रहे। मोहम्मद शमी ने सिर्फ 5 मुकाबलों में 23 खिलाड़ियों को आउट कर मैदान से बाहर का रास्ता दिखाया।
पार्टनरशिप ब्रेकर के तौर पर पहचान बना चुके लॉर्ड शार्दूल के खाते में भी 4 मैचों में 16 विकेट अपनी झोली में डाले। उमेश यादव ने भी मिले मौकों को बुनाया और 3 टेस्ट में 8 विकेट लिए।
स्पिनर्स ने मचाई धूम
साल 2021 में टेस्ट क्रिकेट में न सिर्फ भारत के बल्कि दुनिया के लीडिंग विकेट टेकर रविचंजद्रन अश्विन रहे। अश्विन की फिरकी जादू फिर चला और उन्होंने केवल 9 मुकाबलों में 16.64 की औसत से 54 विकेट अपने नाम किए। वहीं, इस साल टेस्ट डेब्यू करने वाले अक्षर पटेल ने भी खूब धूम मचाई और 5 मैचों में 12 से भी कम की औसत से 36 खिलाड़ियों को पवेलियम भेजा। सर जडेजा के खाते में भी 7 मुकाबलों में 16 विकेट आए।
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