10 मिनट पहलेलेखक: अभिषेक पाण्डेय
आईपीएल 2022 के शुरुआती दिनों में उन दो टीमों की हालत सबसे खराब रही है, जिनके नाम इस लीग की सबसे ज्यादा ट्रॉफियां हैं। पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस लगातार 6 मैच हार चुकी है, जो उसकी आईपीएल इतिहास में सबसे खराब शुरुआत है।
वहीं चार बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स भी लगातार 4 मैच गंवाने के बाद महज एक मैच ही जीत पाई है। इन दो चैंपियन टीमों से बेहतर प्रदर्शन तो पहली बार आईपीएल खेल रही दो नई टीमों गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जाएंट्स कर रही हैं, जो 27 मैचों के बाद फिलहाल पॉइंट्स टेबल में टॉप-2 पर हैं।
चलिए जानते हैं कि आखिर क्या है कि चैंपियन टीमों मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स की हार की वजहें? आखिर इन टीमों ने अब तक की हैं कौन सी गलतियां?
मुंबई पहली बार हारी सीजन के पहले 6 मैच
16 अप्रैल को लखनऊ सुपरजाएंट्स के हाथों हार के साथ ही मुंबई इंडियंस इस सीजन में लगातार छठा मैच हारी। ये पहली बार है जब मुंबई किसी आईपीएल सीजन के पहले 6 मैच हार गई हो।
साथ ही मुंबई आईपीएल इतिहास में सीजन के पहले 6 मैच हारने वाली केवल तीसरी टीम बन गई। उससे पहले केवल दो टीमें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर 2019 में और दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) 2013 में सीजन के पहले 6 मैच हारी थीं।
कुल मिलाकर मुंबई लगातार 6 मैच हारने वाली आईपीएल इतिहास में कुल सातवीं टीम बन गईं। उससे पहले-कोलकाता नाइटराइडर्स, पुणे वॉरियर्स, दिल्ली डेयरडेविल्स, पंजाब किंग्स, डेक्कन चार्जर्स और आरसीबी की टीमें ही लगातार 6 मैच हारी थीं।
IPL 2022: पहले 6 मैचों में मुंबई कब-किससे हारी
27 मार्च: दिल्ली से 4 विकेट से हार
02 अप्रैल: राजस्थान से 23 रन से हार
06 अप्रैल: कोलकाता से 5 विकेट से हार
09 अप्रैल: बैंगलोर से 7 विकेट से हार
13 अप्रैल: पंजाब से 12 रन से हार
16 अप्रैल: लखनऊ से 18 रन से हार
पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस के बेहद खराब प्रदर्शन के पीछे कई वजहें और रणनीतिक गलतियां शामिल हैं, चलिए डालते हैं एक नजर।
1.स्पेशलिस्ट गेंदबाजों की कमी
मुंबई को पांच बार चैंपियन बनाने में उसकी बॉलिंग यूनिट का योगदान सबसे अहम रहा है, लेकिन इस आईपीएल सीजन के लिए मुंबई ने अपनी इस ताकत को और मजबूत बनाने पर ध्यान नहीं दिया।
उसकी टीम में जसप्रीत बुमराह, ट्रेंट बोल्ट, एडम मिल्ने जैसे गेंदबाज रहे हैं। लेकिन इस सीजन से पहले उसने बोल्ट, मिल्ने और राहुल चाहर जैसे गेंदबाजों को रिलीज कर दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि गेंदबाजी डिपार्टमेंट में बुमराह उनके एकमात्र योद्धा नजर आ रहे हैं।
यही वजह है कि शुरुआती 6 मैचों में टीम के पास बुमराह का साथ देने वाले स्पेशलिस्ट गेंदबाज की कमी नजर आई है, जिससे उसकी गेंदबाजी पहले जितनी असरदार नजर नहीं आई है। मुंबई के इस सीजन में औसत प्रदर्शन की प्रमुख वजहों में से एक है।
रोहित शर्मा की टीम को बुमराह का साथ निभाने वाले स्पेशलिस्ट गेंदबाज की कमी खल रही है
2. चोटिल जोफ्रा आर्चर को खरीदना
जोफ्रा आर्चर की कोहनी की चोट की वजह से सीजन में उपलब्ध रहने की कम संभावना के बावजूद मुंबई ने उन्हें 8 करोड़ रुपए में खरीदा। आर्चर एक मैच विनर गेंदबाज हैं, इसी उम्मीद में मुंबई ने चोट के बावजूद उन पर बड़ा दांव लगा दिया, लेकिन ये गलत साबित हुआ और आर्चर पूरे सीजन में नहीं खेल पाएंगे।
मुंबई अब आर्चर का रिप्लेसमेंट भी नहीं ले सकती क्योंकि उसने आर्चर की चोट के बारे में जानने के बावजूद उन्हें खरीदा था। मुंबई चाहती तो वह आर्चर की जगह किसी और स्टार गेंदबाज को खरीद सकती थी, जिससे बुमराह का साथ देने वाला एक बेहतरीन गेंदबाज टीम को मिल जाता और टीम की गेंदबाजी में गहराई आती।
मुंबई इंडियंस ने चोटिल होने के बावजूद जोफ्रा आर्चर पर 8 करोड़ रुपए का दांव लगा दिया
3.टिम डेविड को ज्यादा मौके न देना
मुंबई ने सिंगापुर के क्रिकेटर टिम डेविड को 8.25 करोड़ रुपए की भारी भरकम कीमत में खरीदा। डेविड दुनिया भर की टी20 लीग में खेलते रहते हैं और अपनी ताबड़तोड़ बैटिंग से बेहतरीन फिनिशर माने जाते हैं। इस सीजन में मुंबई ने केवल दो मैचों के बाद ही डेविड को टीम से बाहर कर दिया। एक्सपर्ट 8.25 करोड़ रुपए खर्च करके भी डेविड को न खिलाने की नीति पर सवाल उठा रहे हैं।
डेविड की जगह मुंबई ने बेबी एबी नाम से फेमस साउथ अफ्रीका के डेवाल्ड ब्रेविस को मौका दिया। ब्रेविस भी अच्छे बल्लेबाज हैं, लेकिन माना जा रहा है कि मिडिल ऑर्डर में ब्रेविस की तुलना में डेविड मुंबई के लिए ज्यादा उपयोगी साबित हो सकते हैं।
मुंबई ने टिम डेविड को खरीदा तो 8.25 करोड़ रुपए में, पर 2 मैच बाद ही बाहर कर दिया
4. हार्दिक पंड्या को रिटेन न करना
पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या मुंबई इंडियंस के प्रमुख खिलाड़ियों में रहे हैं। 2015 में अपने डेब्यू के बाद से ही वह मुंबई इंडियंस का हिस्सा रहे हैं। वे न केवल तेज बैटिंग कर लेते हैं बल्कि अच्छे गेंदबाज भी हैं। लेकिन मुंबई ने इस बार की नीलामी से पहले उन्हें रिलीज कर दिया था। माना जा रहा है कि पंड्या को रिटेन न करना मुंबई की सबसे बड़ी गलतियों में से है।
मुंबई ने पंड्या की जगह सूर्यकुमार यादव को रिटेन किया था। पंड्या के जाने से मुंबई का लोअर-मिडिल ऑर्डर कमजोर हुआ तो साथ ही बॉलिंग में भी इस ऑलराउंडर की कमी साफ नजर आ रही है।
मुंबई को ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या को रिटेन न करने की गलती भारी पड़ रही है
5. ईशान किशन पर 15 करोड़ का दांव लगाना
मुंबई ने इस सीजन के लिए ईशान किशन को 15.25 करोड़ रुपए की भारीभरकम कीमत में खरीदा। लेकिन पहले 2 मैचों को छोड़कर ईशान किशन अब तक उन पर लगाए इतने बड़े दांव को सही साबित नहीं कर पाए हैं। मुंबई के लिए पहले 2 मैचों में 81 और 54 के स्कोर बनाने के बाद अलगे 4 मैचों में ईशान 14,26,3 और 13 के ही स्कोर बना पाए हैं।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर और दिल्ली कैपिटल्स के असिस्टेंट कोच शेन वॉटसन ने मुंबई के पॉइंट्स टेबल में सबसे नीचे रहने को नीलामी में की गई गलतियों को वजह बताया है।
वॉटसन ने कहा, ”ईशान किशन पर इतना पैसे खर्च करना, वह प्रतिभाशाली हैं, लेकिन इस लायक नहीं कि आप लगभग अपनी पूरी सैलरी उन पर खर्च कर दें। फिर जोफ्रा आर्चर पर पैसे लगाना, जब ये भी नहीं पता था कि वे खेलेंगे भी या नहीं।”
शेन वॉटसन ने ईशान किशन पर मुंबई के 15.25 करोड़ खर्च करने को बताया गलत फैसला
चेन्नई सुपरकिंग्स के फ्लॉप शो की प्रमुख वजहें
4 बार की चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स को लगातार 4 मैचों में हार के बाद 5 मैचों में पहली जीत आरसीबी के खिलाफ मिली है। ये चेन्नई की किसी भी आईपीएल सीजन की सबसे खराब शुरुआत है।
IPL 2022: चेन्नई पहले 5 मैचों में 1 में जीती
26 मार्च: कोलकाता से 6 विकेट से हार
31 मार्च: लखनऊ से 6 विकेट से हार
03 अप्रैल: पंजाब से 54 रन से हार
09 अप्रैल: हैदराबाद से 8 विकेट से हार
12 अप्रैल: बैंगलोर से 23 रन से जीत
आइए नजर डालते हैं उन गलतियों और कारणों पर, जिनसे चेन्नई का शो अब तक रहा फ्लॉप।
1.दीपक चाहर की कमी
चेन्नई सुपरकिंग्स को इस सीजन में सबसे ज्यादा कमी दीपक चाहर की खल रही है। चोट की वजह से शुरुआती मैचों में नहीं खेल पाने वाले चाहर अब पीठ की चोट की वजह से वह पूरे सीजन से बाहर हो गए हैं।
चाहर के न होने से पावरप्ले के ओवरों में चेन्नई की टीम विकेट लेने की जूझती नजर आई है। विकेट न ले पाने की कमी की वजह से चेन्नई की गेंदबाजी अब तक बेहद साधारण नजर आई है।
साथ ही निचले क्रम में तेजी से रन बटोरकर भी चाहर टीम की मदद करते रहे हैं। ऐसे में न केवल गेंद बल्कि बल्ले से भी चेन्नई को दीपक की कमी खल रही है। चेन्नई ने चाहर को 14 करोड़ रुपए में खरीदा था, लेकिन उसे इसका फायदा नहीं मिल पाया।
पीठ की चोट के कारण दीपक चाहर पूरे सीजन से बाहर हो गए हैं। यह चेन्नई के लिए बड़ा झटका है
2.फाफ डु प्लेसिस के अनुभव की कमी
डु प्लेसिस पिछले कई सीजन से चेन्नई की बैटिंग का मजबूत हिस्सा रहे हैं। लेकिन चेन्नई ने इस सीजन के लिए उन्हें रिलीज कर दिया था, जिन्हें आरसीबी ने 7 करोड़ रुपए में खरीदा।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज वसीम जाफर ने इस सीजन में चेन्नई की नाकामी की वजहों के बारे में एक इंटरव्यू में कहा कि डु प्लेसिस के न होने से चेन्नई की बैटिंग प्रभावित हुई है। क्योंकि उनके होने से मिडिल ऑर्डर के ऊपर से दबाव हट जाता था और वह खुलकर खेल पाता था।
चेन्नई ने डु प्लेसिस को रिटेन न करके बड़ी गलती की, इस सीजन में उनकी कमी खल रही है
3.संकटमोचक सुरेश रैना की कमी
रैना पहले सीजन से ही चेन्नई की योजनाओं का अहम हिस्सा रहे हैं। लेकिन इस आईपीएल नीलामी में उन्हें चेन्नई समेत किसी टीम ने नहीं खरीदा था। रैना के न होने का असर चेन्नई की बैटिंग पर साफ नजर आया है।
आईपीएल में 5500 से ज्यादा रन बना चुके रैना के न होने से चेन्नई के मिडिल ऑर्डर में गहराई नजर नहीं आई है। अब दीपक चाहर के बाहर होने पर चेन्नई टीम में रैना को जोड़ने की अटकलें जोरों पर हैं। अगर ऐसा हुआ तो चेन्नई को फायदा होना लगभग तय है।
चेन्नई का रैना को न खरीदने का फैसला उस पर भारी पड़ रहा है
4.कप्तानी में बदलाव रास नहीं आया
इस आईपीएल सीजन की शुरुआत में चेन्नई ने एमएस धोनी की जगह रवींद्र जडेजा को कप्तान बनाया था, लेकिन ये फैसला अब तक टीम को रास नहीं आया है और वह अपने 5 में से 4 मैच गंवा चुकी है। आधिकारिक तौर पर जडेजा के कप्तान बनने के बावजूद मैदान पर असली कप्तानी धोनी ही करते नजर आए हैं।
पूर्व क्रिकेटरों अजय जडेजा और हरभजन सिंह ने चेन्नई की इस नीति की कड़ी आलोचना की और कहा कि कप्तान के रूप में भी रवींद्र जडेजा को फैसले लेने की आजादी मिलनी चाहिए।
सीएसके की कमान भले ही रवींद्र जडेजा को मिल गई है पर असली कप्तानी धोनी ही कर रहे हैं
5. ऋतुराज-उथप्पा की ओपनिंग जोड़ी का फ्लॉप शो
इस सीजन में ऋतुराज गायकवाड़ और रॉबिन उथप्पा जैसे स्टार बल्लेबाजों के फीके प्रदर्शन ने भी चेन्नई की मुश्किलें बढ़ाई हैं। ऋतुराज और उथप्पा की जोड़ी चेन्नई के लिए ओपनिंग करती है और उनके प्रदर्शनों में निरंतरता न होने का असर चेन्नई की ओपनिंग पर नजर आया है
पिछले दो सीजन में अच्छा प्रदर्शन करने वाले ऋतुराज ने इस सीजन में अब तक 0,1,1,16 और 17 के स्कोर ही बनाए हैं। वहीं, आरसीबी के खिलाफ 88 रन बनाकर जीत में अहम योगदान देने वाले उथप्पा ने इस मैच के अलावा 50,12, 15 और 28 के स्कोर बनाए हैं।
उथप्पा (बाएं) और ऋतुराज की जोड़ी चेन्नई को अच्छी शुरुआत दिला पाने में नाकाम रही है।
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