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- India Could Not Find A Capable Batter Like Yuvi At Number 4 For 5 Years Focus On Surya After Trying 18 Players
लंदन6 मिनट पहले
भारत ने 2007 से अब तक दो वर्ल्ड जीते हैं। एक वनडे और एक टी-20 वर्ल्ड कप। दोनों में ही प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे युवराज सिंह। नंबर-4 पर विस्फोटक बल्लेबाजी युवी की खासियत थी। अगर टॉप आर्डर अच्छा परफॉर्म करता तो युवी नंबर-4 पर आकर टीम को और भी अधिक ऊंचाई पर ले जाते। अगर टॉप ऑर्डर फेल होता तो युवराज पारी संभालने का काम करते थे।
2011 वर्ल्ड कप के बाद युवी को कैंसर डिटेक्ट हो गया। उन्होंने सफल इलाज के बाद भारतीय टीम में वापसी की लेकिन, पहले जैसा इम्पैक्ट नहीं छोड़ पाए। वनडे और टी-20 दोनों में उन्होंने 2017 में अपना आखिरी मैच खेला।
तब से अब तक भारतीय टीम WHITE BALL क्रिकेट में नंबर-4 पर युवराज का रिप्लेसमेंट खोज रही थी। इस दौरान नए-पुराने कुल 18 खिलाड़ियों को इस नंबर पर आजमाया गया लेकिन कोई भी खुद को युवराज का एक चौथाई भी साबित नहीं कर पाया। इन 18 खिलाड़ियों में खुद महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे सितारे भी शामिल हैं। इनके अलावा श्रेयस अय्यर, दिनेश कार्तिक, विजय शंकर जैसों को भी आजमाया गया लेकिन सफलता नहीं मिली।
अब यह इंतजार खत्म होता दिखता है। उम्मीद की उस किरण का नाम है सूर्यकुमार यादव। युवी के उलट सूर्या राइट हैंड बल्लेबाज हैं फिर भी उनमें चार ऐसी खासियतें हैं जो उन्हें परफेक्ट नंबर-4 और युवी का सच्चा उत्तराधिकारी बनाती हैं। चलिए इन खासियतों के बारे में जानते हैं।
खासियत नंबर-1ः गाउंड के हर छोर में शॉट खेल सकते हैं
जिस तरह युवराज सिंह ऑफ साइड और ऑन साइन दोनों पर करारे शॉट खेल सकते थे उसी तरह सूर्यकुमार भी ग्राउंड के हर छोर में बाउंड्री जमाने की काबिलियत रखते हैं। मिडिल ओवर्स में फील्ड अक्सर फैली हुई होती है। लिहाजा जिस बल्लेबाज के पास श़़ॉट्स की रेंज ज्यादा होती है उसके सफल होने की संभावना भी अधिक रहती है।
खासियत नंबर-2ः कमाल का स्ट्राइट रेट
युवराज ने वनडे क्रिकेट में 88 और टी-20 इंटरनेशनल में 137 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की। यह उनके दौर के लिहाज से बेहतरीन कहा जाएगा। सूर्यकुमार इस मामले में और भी बेहतर साबित होते हैं। उन्होंने अब तक सात वनडे में 103 और 19 टी-20 में 177 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।
खासियत नंबर-3ः पेस और स्पिन दोनों के खिलाफ सहज
युवराज सिंह पेस अटैक के खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाज थे। टेस्ट में उन्हें स्पिन के खिलाफ परेशानी होती थी लेकिन वनडे और टी-20 में वे फिरकी की चुनौती से पार पा लेते थे। सूर्यकुमार पेस और स्पिन दोनों के खिलाफ एक समान महारत रखते हैं।
खासियत नंबर-4ः प्रेशर झेलने में माहिर
नंबर-4 पर खेलने वाले बल्लेबाजों को हर स्थिति के लिए खुद को तैयार होना होता है। मुमकिन है टीम के दो विकेट तब गिरें जब 150 रन बन गए हों या फिर स्कोर 0/2 भी हो सकता है। जिस बल्लेबाज की प्रेशर झेलने की क्षमता ज्यादा होती है वह नंबर-4 पर अधिक कामयाब होता है। सूर्यकुमार ने मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते हुए कई दबाव वाले मैच में अच्छा खेल दिखलाया है। वे घरेलू क्रिकेट में भी प्रेशर हैंडर करने के लिए जाने जाते हैं।
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