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रिंकू सिंह का टीम इंडिया में क्यों नहीं हुआ सिलेक्शन: IPL-2023 के फेस्ट फिनिशर रहे थे, फिर तिलक वर्मा ने कैसे मारी बाजी

स्पोर्ट्स डेस्क14 मिनट पहले

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वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारत की टी-20 टीम जारी होते ही एक सवाल तेजी से ट्रेंड करने लगा। वो सवाल है…IPL-2023 में आखिरी 5 गेंद पर 5 छक्के लगाकर टीम को जिताने वाले रिंकू सिंह का सिलेक्शन क्यों नहीं हुआ? टीम इंडिया में 3 प्लेयर्स को पहली बार शामिल किया गया, 5 खिलाड़ियों ने वापसी की, फिर भी रिंकू की जगह नहीं बनी।

रिंकू 2023 के IPL सीजन में बेस्ट फिनिशर रहे, उन्होंने 16 से 20 ओवरों के बीच एमएस धोनी और आंद्रे रसेल से भी ज्यादा छक्के लगाए और डेथ ओवर्स में सबसे ज्यादा रन भी बनाए। उनके सिलेक्ट नहीं होने के बाद कई सवाल खड़े हुए कि आखिर रिंकू से पहले तिलक वर्मा क्यों शामिल किए गए? संजू सैमसन और ईशान किशन के रूप में 2 विकेटकीपर क्यों जरूरी हैं? और अब फिनिशर की जिम्मेदारी कौन संभालेगा?

आगे स्टोरी में हम इन्हीं सवालों के जवाब जानेंगे…

रिंकू सिंह ने अब तक क्या अचीव किया है?
उत्तर प्रदेश से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले 25 साल के रिंकू सिंह का नाम 2022 के IPL से चमकना शुरू हुआ। जब उन्होंने 7 मैच में 148.72 के स्ट्राइक रेट 174 रन बनाए। लेकिन पूरे देश में रिंकू का नाम तब गूंजा, जब उन्होंने इस सीजन IPL मैच की आखिरी 5 गेंदों पर 5 छक्के लगाकर अपनी टीम को असंभव सी लगने वाली जीत दिला दी। रिंकू ने ये कारनामा कोलकाता से खेलते हुए हार्दिक पंड्या की टीम गुजरात टाइटंस के खिलाफ अहमदाबाद में किया।

रिंकू यहीं नहीं माने, उन्होंने पूरे IPL सीजन KKR के मिडिल ऑर्डर की कमान संभाली और टीम के नए फिनिशर बनकर उभरे। उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ 2 फिफ्टी लगाई और सीजन में कई उपयोगी पारियां भी खेलीं।

इतना ही रिंकू ने लखनऊ के खिलाफ आखिरी लीग मैच में महज 33 गेंद पर 67 रन बनाए। लखनऊ के खिलाफ रिंकू की पारी ने टीम को लगभग मैच जिता ही दिया था, लेकिन आखिरी बॉल तक गए इस मुकाबले को KKR एक रन से हार गई। इस IPL सीजन रिंकू ने 14 मैचों में 149.53 के स्ट्राइक रेट से KKR के लिए सबसे ज्यादा 474 रन बनाए।

टॉप फिनिशर बने, धोनी-रसेल को पीछे छोड़ा
रिंकू IPL के 16वें सीजन में सबसे बड़े फिनिशर बनकर उभरे। उन्होंने पूरे सीजन 16 से 20 ओवरों के बीच 194.30 के स्ट्राइक रेट से 239 रन बनाए। डेथ ओवर्स में उनसे ज्यादा रन किसी ने नहीं बनाए। रिंकू ने डेथ ओवर्स में सबसे ज्यादा 20 छक्के भी लगाए। इस दौरान IPL के टॉप फिनिशर्स में शामिल महेंद्र सिंह धोनी और आंद्रे रसेल भी 10-10 छक्के ही लगा सके।

घरेलू क्रिकेट में भी खूब रन बनाए
सोशल मीडिया पर रिंकू के सिलेक्शन की मांग भले ही IPL परफॉर्मेंस के आधार पर हो रही हो। लेकिन टीम इंडिया में आना वह इसलिए भी डिजर्व कर रहे थे, क्योंकि वह पिछले 4 साल से घरेलू क्रिकेट में भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। 2019 के 10 रणजी ट्रॉफी मैचों में उन्होंने 105 से ज्यादा की औसत से 953 रन बना दिए। 4 शतक और 3 फिफ्टी के साथ वह सीजन के टॉप रन स्कोरर की लिस्ट में तीसरे नंबर पर रहे।

फर्स्ट क्लास क्रिकेट के 41 मैचों में उन्होंने 58.38 की औसत से 2919 रन बनाए, इनमें 7 सेंचुरी और 19 फिफ्टी शामिल हैं। वह फिलहाल सेंट्रल जोन की टीम से दलीप ट्रॉफी भी खेल रहे हैं। रिंकू पिछले 2-3 साल से सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में भी उत्तर प्रदेश से खूब रन बना रहे हैं। लिस्ट-ए के 50 मैचों में भी उन्होंने 53 की औसत से 1749 रन बनाए हैं, इनमें एक शतक और 16 फिफ्टी शामिल हैं।

रिंकू की जगह किन्हें चुना गया?
5 जुलाई को वेस्टइंडीज दौरे पर भारतीय टीम का ऐलान हुआ। 15 प्लेयर्स के स्क्वॉड में 7 बॉलर्स, 6 बैटर्स और 2 ऑलराउंडर्स चुने गए, लेकिन इनमें रिंकू का नाम नहीं आया। रिंकू मिडिल-ऑर्डर और फिनिशर पोजिशन पर खेलते हैं और उन्हें फिनिशर के रूप में ही देखा जा रहा है।

ऐसे में मिडिल और लोअर-ऑर्डर पर बैटिंग करने वाले प्लेयर को ही उनकी जगह चुना गया। टीम में इस पोजिशन पर फिलहाल 5 प्लेयर्स हैं। टी-20 के नंबर-1 बैटर सूर्यकुमार यादव, कप्तान हार्दिक पंड्या, विकेटकीपर संजू सैमसन, तिलक वर्मा और अक्षर पटेल। सूर्या को कोई रिप्लेस नहीं कर सकता, हार्दिक कप्तान हैं और अक्षर ऑलराउंडर के रूप में शामिल हैं।

तिलक और सैमसन के सिलेक्शन के वक्त ही रिंकू के नाम पर चर्चा होनी चाहिए। लेकिन टीम में 2 ही बैटर शामिल हो सकते थे। सिलेक्टर्स ने तिलक और सैमसन शामिल किया, वहीं रिंकू को जाने दिया।

क्या तिलक वर्मा रिंकू से बेहतर हैं?
हैदराबाद से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले 20 साल के तिलक वर्मा का भी IPL सीजन शानदार रहा। मुंबई इंडियंस से खेलते हुए उन्होंने नंबर-3 से लेकर फिनिशर की पोजिशन भी संभाली। उन्होंने पहले ही मैच में RCB के खिलाफ 46 गेंदों पर 84 रन की नॉटआउट पारी खेलकर अपनी क्षमता दिखा दी। इंजरी के चलते उन्होंने 11 ही मैच खेले, लेकिन 164.11 के बेहतरीन स्ट्राइक रेट से 343 रन बना दिए।

क्वालिफायर-2 में तो तिलक ने गुजरात के खिलाफ 14 ही गेंदों पर 43 रन बनाकर सभी को चौंका दिया। इतना ही नहीं उन्होंने पंजाब और राजस्थान के खिलाफ मैच फिनिश भी किए। पिछले सीजन के मुकाबले उन्होंने तेजी से रन बनाए। 2022 में तिलक ने 14 मैचों में 131.02 के स्ट्राइक रेट से 397 रन बनाए थे।

तिलक ने 25 लिस्ट-ए मैचों में 56.18 की औसत से 1236 रन बनाए हैं। इनमें 5 सेंचुरी और 5 ही फिफ्टी भी शामिल हैं। उन्होंने 7 ही फर्स्ट क्लास मैच खेले, लेकिन इनमें 40.90 की औसत से 409 रन बनाए। दलीप ट्रॉफी में वह साउथ जोन से खेल रहे हैं। टॉप से लेकर लोअर ऑर्डर तक बैटिंग करने में सक्षम तिलक ऑफ स्पिन बॉलिंग भी कर लेते हैं। घरेलू क्रिकेट में उनके नाम 13 विकेट हैं। इसी कारण तिलक को टीम सिलेक्शन में प्राथमिकता दी गई।

सैमसन की जगह रिंकू क्यों नहीं चुने गए?
संजू सैमसन की बैटिंग टेक्निक रिंकू के मुकाबले कहीं बेहतर है। सैमसन 2017 से लगातार IPL और घरेलू क्रिकेट में 135 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे हैं। उन्होंने इस सीजन राजस्थान की कप्तानी की और नंबर-3 पर बैटिंग करते हुए 153.39 के स्ट्राइक रेट से 362 रन भी बनाए। इनमें 3 फिफ्टी शामिल रहीं।

28 साल के सैमसन घरेलू क्रिकेट में भी अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं। उनके नाम 115 लिस्ट-ए मैचों में 3014 रन हैं। वह 241 टी-20 में 3 सेंचुरी के सहारे 5979 रन भी बना चुके हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट के 58 मैचों में उनके नाम 10 शतक भी हैं।

सैमसन टीम इंडिया से 17 टी-20 और 11 वनडे खेल चुके हैं। वह चोटिल होने के कारण इसी साल जनवरी में टीम से बाहर हो गए थे, इसलिए वेस्टइंडीज दौरे पर उनकी वापसी हुई। सैमसन के सिलेक्शन सबसे बड़ी वजह उनकी विकेटकीपिंग भी रही। इसीलिए सैमसन की जगह भी रिंकू को नहीं चुना जा सकता था।

किसी और प्लेयर की जगह रिंकू नहीं आ सकते थे?
टीम में फिलहाल 8 बैटर्स और 7 बॉलर्स हैं। रिंकू बॉलर्स को रिप्लेस नहीं कर सकते और बैटर्स में हम तिलक और सैमसन के बारे में जान ही चुके हैं। बाकी बचे 6 प्लेयर्स में अक्षर पटेल स्पिन ऑलराउंडर हैं, हार्दिक पंड्या टीम के कप्तान हैं और सूर्यकुमार यादव टी-20 के नंबर-1 बैटर। ओपनिंग पोजिशन पर IPL के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट शुभमन गिल और एमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर यशस्वी जायसवाल लगभग तय हैं।

ऐसे में एक ही प्लेयर बचता है, वो हैं विकेटकीपर ईशान किशन। ईशान बतौर बैकअप ओपनर और बैकअप विकेटकीपर टीम में शामिल किए गए हैं। ईशान विस्फोटक बैटर हैं और पिछले IPL सीजन में उन्होंने 142.77 के स्ट्राइक रेट से 454 रन बनाए। वह भारत के लिए 14 वनडे और 27 टी-20 खेल चुके हैं। वनडे में उनके नाम एक दोहरा शतक और टी-20 में 4 फिफ्टी हैं।

ईशान टीम इंडिया में पिछले 12 महीनों से बने हुए हैं और वह 2021 के टी-20 वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा भी रहे थे। इसे कारण उन्हें टीम से ड्रॉप करना भी मुश्किल ही था। टीम में सिलेक्ट हुए सभी प्लेयर्स अपनी जगह डिजर्व कर रहे थे, इन सब के बावजूद अगर रिंकू सिलेक्ट होते तो जरूर ही 5 टी-20 मैचों की सीरीज के लिए 15 की जगह 16 प्लेयर्स का स्क्वॉड भेजना पड़ता।

आयरलैंड सीरीज में मिल सकता है रिंकू को मौका
वेस्टइंडीज दौरे पर टीम इंडिया 2 टेस्ट, 3 वनडे और 5 टी-20 खेलेगी। टी-20 सीरीज 3 अगस्त से शुरू हो कर 13 अगस्त तक चलेगी। 18 अगस्त से टीम आयरलैंड में 3 टी-20 खेलेगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दौरे पर भी रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे प्लेयर्स को आराम दिया जाएगा। वहीं रिंकू और विकेटकीपर जितेश शर्मा को मौका मिल सकता है।

आयरलैंड के बाद टीम इंडिया नवंबर तक वनडे ही खेलेगी। अगर रिंकू या जितेश जैसे खिलाड़ियों को आयरलैंड सीरीज पर भी मौका नहीं मिला तो वनडे वर्ल्ड कप के बाद ही उनके नाम पर विचार होगा।

रिंकू सिंह को आयरलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज की टीम में मौका मिल सकता है।

रिंकू सिंह को आयरलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज की टीम में मौका मिल सकता है।

फिनिशर की पोजिशन अब कौन संभालेगा?
रिंकू का सिलेक्शन इसलिए भी अहम माना जा रहा था क्योंकि वह टीम में बतौर फिनिशर जुड़ते, क्योंकि टीम फिनिशर्स की ही सबसे बड़ी समस्या है। 2024 का टी-20 वर्ल्ड कप वेस्टइंडीज और अमेरिका में ही होगा, ऐसे में टीम इंडिया के इस दौरे पर कई प्लेयर्स को आजमा सकती थी।

टी-20 टीम में फिलहाल कप्तान हार्दिक और अक्षर के रूप में 2 फिनिशर्स मौजूद हैं। सैमसन या तिलक पर इन दोनों प्लेयर्स के साथ फिनिश करने की जिम्मेदारी रहेगी। क्योंकि अभी की सिचुएशन में शुभमन और यशस्वी ओपनिंग करेंगे, नंबर-3 पर सूर्यकुमार होंगे। अगर सूर्या नंबर-4 पर उतरे तो नंबर-3 पर तिलक आएंगे।

नंबर-5 और नंबर-6 की पोजिशन सैमसन और हार्दिक की रहेगी। अगर सैमसन टॉप-ऑर्डर में रहे तो लोअर-ऑर्डर की जिम्मेदारी तिलक को भी दी जा सकती है। यानी तिलक या सैमसन में से किसी एक प्लेयर को ही हार्दिक के साथ टीम इंडिया का नया फिनिशर बनना होगा।

किसे चुनेंगे प्लेइंग-11 में?
रिकॉर्ड और टेक्निक के आधार पर गिल और यशस्वी ओपनिंग करते नजर आएंगे। सूर्या, तिलक, सैमसन, हार्दिक और अक्षर नंबर-7 तक टीम के बैटर्स रहेंगे। ईशान फिलहाल बेंच पर बैठते हुए नजर आ रहे हैं। बॉलर्स का सिलेक्शन सबसे ज्यादा मुश्किल रहेगा। अक्षर का साथ देने के लिए युजवेंद्र चहल, रवि बिश्नोई और कुलदीप यादव में रेस होगी। अमेरिका और वेस्टइंडीज की पिचों पर इनमें से किसी एक स्पिनर का ही सिलेक्शन होता नजर आ रहा है।

बाकी बची 3 जगहों पर 3 पेसर्स रहेंगे, जिसके लिए 4 खिलाड़ी चुने गए हैं। इनमें लेफ्ट आर्म पेसर अर्शदीप सिंह की जगह सबसे पहले बनेगी, क्योंकि उन्होंने वह टीम इंडिया के लिए पिछले वर्ल्ड कप में अच्छा परफॉर्म किया। बाकी 2 पोजिशन पर आवेश खान, मुकेश कुमार और उमरान मलिक में जंग होगी। आवेश और उमरान मिडिल और डेथ ओवर्स के अच्छे बॉलर हैं, वहीं मुकेश ने पावरप्ले और डेथ ओवरों में बेहतर किया है।

देखें वेस्टइंडीज दौरे के लिए भारतीय टीम का स्क्वॉड…

हार्दिक पंड्या (कप्तान), सूर्यकुमार यादव (उप कप्तान), ईशान किशन (विकेटकीपर), शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा, संजू सैमसन (विकेटकीपर), अक्षर पटेल, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, रवि बिश्नोई, अर्शदीप सिंह, उमरान मलिक, आवेश खान, मुकेश कुमार।

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