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लोगों ने बताई मान कौर के दिल की बात: बुजुर्ग एथलीट स्व. मान कौर ने कनाडा सरकार की स्पांसरशिप को न मानते हुए देश की मिट्टी से जुड़े रह कर देश के लिए मेडल जीतने की ठानी थी

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  • Elderly Athlete Man Kaur, Not Accepting The Sponsorship Of The Canadian Government, Was Determined To Win A Medal For The Country By Staying Connected To The Soil Of The Country.

चंडीगढ़16 मिनट पहले

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मान कौर के बेटे को अंतिम अरदास के समय सरोपा दिया गया।

देश व विदेश की सबसे उम्रदराज 105 साल की एथलीट स्व. मान कौर ने खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का सफर अपनी 93 साल की उम्र में शुरू किया था जिस उम्र में लोग चारपाई पकड़ लेते है। अपने बेटे गुरदेव सिंह के कहने पर खेल ग्राउंड में आने वाली मान कौर ने देश के लिए कई देशों में जाकर 35 से अधिक मेडल जीते। उन्होंने 101 साल की उम्र में वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स की 100 मीटर की दौड़ में पहला स्थान हासिल किया था उनका इस दौड़ में कोई प्रतिस्पर्धी नहीं थी, उन्होंने यह दौड़ 1 मिनट 14 सेकेंड में पूरी की थी और गोल्ड मेडल जीता था। देश के लिए हर समय मेडल लाने के बारे सोचने वाली मान कौर के देहांत के बाद सरकारें उन्हें भूल गई और कोई भी सरकारी अधिकारी नहीं पहुंचा दुख व्यक्त करने।

स्व. मान कौर ने देश व विदेशों में 35 से अधिक मेडल जीते

स्व. मान कौर ने देश व विदेशों में 35 से अधिक मेडल जीते

आज उनकी अंतिम अरदास में सरकारी अधिकारी कोई नहीं पहुंचा लेकिन कई लोग आए

आज उनकी अंतिम अरदास में सरकारी अधिकारी कोई नहीं पहुंचा लेकिन कई लोग आए

आज स्व. मान कौर के अंतिम अरदास में पहुंचे आनंदपुर साहिब के समाजसेवी हरतेगबीर सिंह ने बताया कि साल 2018 में मान कौर की उम्र और उनका जज्बा देख कर कनाडा सरकार ने उन्हें कनाडा मेें बसने और पूरी स्पांसरशिप देने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन मान कौर ने उन्हें स्पष्ट कर दिया था कि वे हमेशा के लिए इंडिया के लिए खेलती रहेंगी और इंडिया में रहेंगी। सिंह ने बताया कि मान कौर हमेशा टोक्यो में होने वाले वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स में जाने के लिए कहती रहती थी जो 2021 जुलाई में होने वाले थे लेकिन इन गेमों को 2022 के मई तक कर दिया गया है।

अंतिम अरदास के बाद स्व मान कौर का परिवार

अंतिम अरदास के बाद स्व मान कौर का परिवार

मान कौर के बेटे 82 वर्षीय गुरदेव सिंह ने कहा कि माता जी जब भी विदेशों में जाकर इवेंट में हिस्सा ले रही होती थी तो हमेशा देश को याद करती थी और ज्यादा से ज्यादा मेडल जीतने की ख्वाहिश रखती थी। उन्होंने कहा कि वर्ल्ड मास्टर्स गेम्स में हिस्सा लेने के लिए वे पूरी तरह से तैयार थी लेकिन एकाएक उनकी बिमारी का पता चलने के बाद वे बिमार हो गई और कमजोर होती चली गई।आज मान कौर की अंतिम अरदास में हिस्सा लेने के लिए नरेंदर कंग,दविंदर सिंह बाजवा, गोरा कंग, गुरबख्श रावत,कृपाल सिंह,रजविंदर सिंह ,एनसी मेहरा सहित कई गणमाण्य लोग पहुंचे हुए थे।

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