Site icon News Update

वर्ल्ड माउंटेन डे स्पेशल: पैरा कमांडो की जॉब छोड़ साइकिल से दुनिया घूमने निकले भोपाल के सुशांत, सभी महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियां भी फतह करेंगे

  • Hindi News
  • Sports
  • After Leaving The Job Of Para Commando Sushant Of Bhopal Went To Roam The World By Bicycle Will Also Conquer The Highest Peak Of All The Continent

भोपाल8 मिनट पहले

आज वर्ल्ड माउंटेन डे है। इस मौके पर हम आपको इंडियन आर्मी के ऐसे पूर्व मेजर से मिलवाने जा रहे हैं जो साइकिल से पूरी दुनिया घूमने के मिशन पर निकला हुआ है। साथ ही उसने सभी महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी फतह करने को भी अपना टारगेट बना रखा है।

सुशांत इंडियन आर्मी में मेजर थे। वे मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए चीन भी गए थे।

सुशांत इंडियन आर्मी में मेजर थे। वे मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए चीन भी गए थे।

उनका नाम है मेजर सुशांत सिंह। भोपाल के रहने वाले हैं। इंडियन आर्मी में पैरा कमांडो थे। 2011 में रिटायरमेंट लिया और तब से ही उनके अंदर कुछ अलग तरीके से जिंदगी जीने का जुनून था। वे मार्शल आर्ट सीखने चीन गए। वहां से लौटे तो दुनिया घूमने की ठान ली। वो भी साइकिल से। अकेले। कहते हैं- जब में साइकिल से लंबी यात्रा पर होता हूं तो खुद के साथ समय बिता पाता हूं। प्रकृति से जुड़ पाता हूं। मेजर सुशांत सातों महाद्वीप का सफर करेंगे और साथ ही उन सभी महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटी भी फतह करेंगे। उनसे पहले दुनिया में अब तक किसी ने भी ऐसी कोशिश नहीं की है। सुशांत ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड का सफर कर चुके हैं। उन्होंने वहां की सबसे ऊंची चोटी माउंट कोजिअस्को फतह कर ली है। इसकी ऊंचाई 7,310 फीट है। सुशांत चाहते हैं कि वे माउंट एवरेस्ट फतह करने के साथ अपना सफर पूरा करें।

पत्नी के साथ मेजर सुशांत। वे जब टूर पर होते हैं तब कई हफ्ते पत्नी से बात भी नहीं कर पाते हैं।

न्यूजीलैंड टूर के वक्त सुशांत ने लगातार कई-दिन रात सुनसान रास्तों में अकेले बिताए।

कोरोना के कारण 2020 में लग गया था ब्रेक, अब फिर करेंगे शुरुआत
सुशांत 2020 में अफ्रीका महाद्वीप की यात्रा पर निकलने वाले ही थे कि कोरोना आ गया और फिर लॉकडाउन लग गया। तब से वे भारत में ही हैं। अगर ये ब्रेक नहीं लगा होता तो शायद वे अपनी मंजिल के करीब पहुंच गए होेते। अब वे फिर से अपने सफर पर निकलेंगे। सुशांत को उम्मीद है कि दो से तीन साल में सभी महाद्वीपों की यात्रा पूरी हो जाएगी।

ऑस्ट्रेलिया के मशहूर नल्लारबोर प्लेन से गुजरते हुए मेजर सुशांत सिंह। यह मैदान लाइमस्टोन का दुनिया में सबसे भंडार है।

न सरकार से कोई मदद और न ही कोई स्पॉन्सर मिला
सुशांत ट्रैवल का खर्च खुद ही वहन करते हैं। अभी तक उन्हें सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है। न ही किसी कंपनी ने उन्हें स्पॉन्सर किया है। वे कहते हैं कि हमारे लिए फाइनेंशियल दिक्कतें तो होती ही हैं, साथ ही वीजा की व्यवस्था करना भी मुश्किल टास्क होता है। अगर ये दोनों चीजें बाकी देशों की तरह आसान हो जाएं तो ज्यादा से ज्यादा साइकिलिस्ट वर्ल्ड टूर पर जा सकते हैं।

न्यूजीलैंड टूर के वक्त रास्ते में सुस्ताते सुशांत।

स्पेशल फोर्सेज में मेजर रह चुके हैं
सुशांत सिंह इंडियन आर्मी के स्पेशल फोर्सेज में मेजर रहे हैं। 1995 में NDA के बाद वे इंडियन आर्मी में शामिल हुए थे। 2011 में रिटायरमेंट के बाद उन्होंने सूडान की एक एविएशन कंपनी के लिए एक साल तक बतौर कंट्री हेड काम किया। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के लिए चीन चले गए। यहां वे एक साल तक रहे। इसके बाद तीन से चार साल तक भारत में रहे।

भारतीय सेना में रहते हुए सुशांत कई जोखिम भरे मिशन में शामिल रहे।

साबित कर रहे कि भारतीय किसी से कम नहीं
45 साल के सुशांत कहते हैं कि अक्सर हम भारतीयों को लेकर यह धारणा रहती है कि हम चैलेंजिंग काम नहीं करते। ‘इसलिए मैंने तय किया कि दुनिया की सभी 7 महाद्वीपों का साइकिल से यात्रा करूंगा और वहां की सबसे ऊंची चोटी भी फतह करूंगा।’

इसी सोच के साथ 2017 में सुशांत सिंह वर्ल्ड साइकिल टूर पर निकल गए। उन्होंने सबसे पहले अपनी यात्रा की शुरुआत न्यूजीलैंड से की। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों का सफर पूरा किया। अब तक सुशांत 10 हजार किलोमीटर साइकिल चला चुके हैं।

सुशांत को खुद से और प्रकृति से बात करना बहुत भाता है। वे कहते हैं कि हमें जीवन जीने के लिए बहुत से भौतिक संशाधनों की जरूरत नहीं है।

साइकिल पर खाने-पीने और जरूरी चीजें लेकर चलते हैं।
सुशांत सिंह बताते हैं – ‘मैं अपनी साइकिल पर ही खाने पीने और जरूरत की हर चीजें लेकर चलता हूं। पूरे दिन साइकिल से सफर करता हूं। जहां भूख लगती है वहां रुक कर भोजन करता हूं और फिर अपने सफर पर निकल जाता हूं।’

जब शाम ढलने लगती है तो सुशांत सिंह सड़क किनारे टेंट लगाते हैं और वही रात गुजारते हैं। फिर अगले दिन अपने सफर पर निकल जाते हैं।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsUpdate is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – abuse@newsupdate.uk. The content will be deleted within 24 hours.
Exit mobile version