विनेश-बजरंग को ट्रायल में छूट का विवाद: दिल्ली हाईकोर्ट आज सुनाएगी फैसला; सुरक्षित आदेश में कहा- प्रक्रिया का पालन देखेंगे, बेहतर कौन से नहीं निपटेंगे
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पानीपत5 मिनट पहले
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एशियन गेम्स के लिए 22 और 23 जुलाई को ट्रायल होने हैं। इसमें बजरंग और विनेश नहीं शामिल होंगे।
एशियन गेम्स के ट्रायल में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को छूट देने के खिलाफ दायर रेसलर अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल की याचिका पर शुक्रवार को फिर दूसरे दिन सुनवाई हुई। दिल्ली उच्च न्यायालय ने याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है और कल यानी 22 जुलाई को अपने फैसले का ऐलान करेगी। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अदालत कल यानी शनिवार को अपना फैसला सुनाएगी, क्योंकि मुकदमा रविवार को समाप्त होगा। आदेश सुरक्षित रखते हुए पीठ ने स्पष्ट किया कि वह केवल यह देखेगी कि प्रक्रिया का पालन किया गया है या नहीं। यह इस मुद्दे से नहीं निपटेगा कि बेहतर पहलवान कौन है।
इससे पहले गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। जिसमें कोर्ट ने इस पर WFI से जवाब मांगा था।
वहीं, पहलवान साक्षी मलिक ने ट्वीट करके कहा, ‘सरकार ने एशियन गेम्स में सीधे नाम भेजकर पहलवानों की एकता को तोड़ने का काम किया है। मैं न कभी बिना ट्रायल खेलने गई हूं और न ही इसका समर्थन करती हूं। सरकार की इस मंशा से विचलित हूं। हमने ट्रायल्स की डेट आगे बढ़वाने की बात कही थी, लेकिन सरकार ने हमारी झोली में यह बदनामी डाल दी है।’
साक्षी मालिक ने आगे कहा- ‘मुझे 3-4 दिन पहले सरकार की तरफ से फोन आया था कि हम बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियन गेम्स के लिए भेज रहे हैं, आप भी मेल कर दो, आपको भी भेज देंगे। मैंने साफ मना कर दिया।’
अंतिम पंघाल और विनेश फोगाट के बीच आखिरी बार हुई ट्रायल मैच में दोनों के बीच 3-3 की बराबरी रही थी।
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एशियन गेम्स काउंसिल (OCA) को देश के ट्रायल्स से कोई मतलब नहीं। उनके लिए इंडियन ओलिंपिक कमेटी (IOA) और स्पोर्ट्स के नेशनल एसोसिएशन से भेजी टीम चाहिए होती है। एशियन कमेटी WFI की ओर से भेजे गए नाम को फाइनल मानेगी।
भारत में कई खेलों के ट्रायल्स नहीं होते, लेकिन IOA एशियन गेम्स में उन्हीं खेलों के लिए टीम भेजता है, जहां टीम की एशियन रैंकिंग टॉप-8 के अंदर हो। इसीलिए क्रिकेट टीम एशियन गेम्स में जा रही है और फुटबॉल टीम नहीं। क्रिकेट टीम एशिया में टॉप पर है तो वहीं फुटबॉल टीम एशियन रैंकिंग में 18वें नंबर पर है।
IOA इंडिविजुअल प्लेयर्स के नाम डायरेक्ट भेजने के लिए भी टॉप-8 एशियन प्लेयर्स को प्राथमिकता दे सकता है। कई स्पोर्ट्स में इस पैटर्न को फॉलो भी किया जाता है, लेकिन रेसलिंग में नहीं।
2013 में बृजभूषण शरण सिंह WFI के चीफ बने, उन्होंने कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स, वर्ल्ड चैम्पियनशिप और ओलिंपिक गेम्स जैसी बड़ी चैम्पियनशिप में रेसलर्स के नाम भेजने के लिए ट्रायल्स को जरूरी कर दिया। तब से हर बार ट्रायल्स में सिलेक्ट होने वाले रेसलर्स को ही भारत के लिए खेलने का मौका मिलता है। इसीलिए इस बार भी रेसलिंग के ट्रायल्स हो रहे हैं।
22 और 23 जुलाई को रेसलिंग के ओपन ट्रायल्स होंगे। इसमें बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को छोड़कर सभी रेसलर्स हिस्सा लेंगे। ट्रायल्स में टॉप पर रहे रेसलर्स एशियन गेम्स में भारत से खेलेंगे। विनेश फोगाट 53 किग्रा वर्ग में खेलती हैं, उनके खिलाफ इसी वर्ग की अंतिम पंघाल ने याचिका दायर की। बजरंग 65 किग्रा वर्ग में खेलते हैं। उनके खिलाफ इसी कैटेगरी के संजीत कलकल ने याचिका दायर कराई।
फैसले का विरोध करने वाले पहलवान बोले- ट्रायल की वीडियोग्राफी की जाए
याचिका में मांग की गई है कि ट्रायल निष्पक्ष तरीके से होने चाहिए। किसी भी पहलवान को कोई छूट नहीं दी जानी चाहिए। ट्रायल की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए।
याचिका में दलील दी गई है कि इन पहलवानों ने जंतर-मंतर पर अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा था कि उनकी लड़ाई न्याय और जूनियर पहलवानों के हित के लिए है, अब वे जूनियर पहलवानों को किनारे करना चाहते हैं। इसलिए हमें इस फैसले के खिलाफ अदालत का रुख करना पड़ा।
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