विराट कोहली आराम लेने में भी चैंपियन: पिछले 7 साल में 73 इंटरनेशनल मैच नहीं खेले, कोहली रेस्ट लेते तो भारत 17% ज्यादा जीतता है
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22 मिनट पहले
विराट कोहली का नाम सफलता का पर्यायवाची माना जाता है। बेहद कामयाब बल्लेबाज। बेहद सफल कप्तान। लेकिन, अब विराट कोहली के नाम का मतलब आराम हो गया लगता है।
हर साल कई बार हमें खबर मिलती है कि फलां सीरीज से विराट कोहली को आराम दे दिया गया है। ताजा मामला वेस्टइंडीज दौरे का है। इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज खत्म करने के बाद भारतीय टीम वेस्टइंडीज जाएगी। वहां पहले तीन वनडे मैच खेले जाएंगे और फिर पांच टी-20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज होगी। वहां होने वाले वनडे मैचों से कई अहम खिलाड़ियों को ब्रेक दिया गया। लेकिन, अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप को ध्यान में रखते हुए सिलेक्टर्स चाहते थे कि वेस्टइंडीज में होने वाली टी-20 सीरीज में फुल स्ट्रेंथ भारतीय टीम उतरे। लेकिन, नहीं। कोहली को आराम चाहिए था। उन्हें आराम दे भी दिया गया है।
इस खबर के आने के बाद हमने कैलकुलेट किया कि आखिर विराट कितना आराम लेते हैं। यह एनालिसिस करने की भी कोशिश की है कि विराट के आराम का भारतीय टीम के प्रदर्शन पर कैसा असर होता है। तो चलिए बिना किसी देरी के इससे जुड़े पूरे फैक्ट्स एंड फिगर देख लेते हैं।
भारत के 23% मैचों में नदारद रहते हैं कोहली
विराट कोहली 2015 में टेस्ट टीम के कप्तान बने। 2017 से वे WHITE BALL क्रिकेट में भी कप्तान बना दिए गए। इसलिए हमने विराट के आराम लेने के सिलसिले का विश्लेषण 2015 से ही किया है। 1 जुलाई 2015 से भारतीय टीम ने 311 इंटरनेशनल मैच खेले। इनमें से 73 मुकाबलों में विराट नदारद रहे। यानी इस दौरान वे भारत के करीब एक चौथाई (23%) मैचों में नहीं खेले। कुछ मौकों पर चोटिल रहने के कारण उन्हें बाहर रहना पड़ा लेकिन ज्यादातर अवसर पर वे आराम लेने या दिए जाने के कारण उपलब्ध नहीं थे।
अच्छी बात यह कि विराट के आराम का निगेटिव असर नहीं
बेस्ट बल्लेबाज आराम ले तो टीम पर बुरा असर होना चाहिए। लेकिन, भारतीय क्रिकेट की ताकत अब ऐसी हो गई है कि विराट कोहली के आराम का कोई निगेटिव इम्पैक्ट नहीं पड़ता है। उल्टा भारतीय टीम की जीत की दर और भी बढ़ जाती है। विराट के होने से भारतीय टीम जितने मुकाबले जीतती है उनके न होने से इसमें 17% का इजाफा हो जाता है। देखिए ग्राफिक्स।
36 ऑलआउट को बाद टीम को छोड़ आए थे, फिर भी टीम ने रचा इतिहास
विराट के साथ न होने के बावजूद टीम इंडिया ने एक से बढ़कर एक जीत हासिल की है। इनमें सबसे बड़ी जीत ऑस्ट्रेलिया में 2020-21 में मिली थी। पहले से तय था कि विराट बच्चे के जन्म के कारण एक टेस्ट मैच के बाद भारत लौट आएंगे। पहले टेस्ट में भारतीय टीम दूसरी पारी में 36 रन पर ऑलआउट हो गई। विराट वापस लौट आए।
माना गया कि यहां से भारत का 4-0 से सफाया हो जाएगा। लेकिन, अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में युवा टीम इंडिया ने अगले तीन में से दो टेस्ट मैच जीत लिए और 1 को ड्रॉ करा लिया। सीरीज 2-1 से भारतीय टीम के नाम हो गई।
टी-20 इंटरनेशनल को नहीं देते हैं अहमियत
वैसे तो विराट ने पिछले सात साल में तीनों फॉर्मेट के मैचों से आराम लिया है, लेकिन टी-20 इंटरनेशनल से वे कुछ ज्यादा ही ब्रेक ले रहे हैं। IPL भी टी-20 फॉर्मेट में होता है लेकिन वहां विराट कोई ब्रेक नहीं लेते हैं। लेकिन, जुलाई 2015 से अब तक वे भारत के 45 टी-20 इंटरनेशनल मैचों से ब्रेक ले चुके हैं। इस दौरान टीम इंडिया ने 116 टी-20 मैच खेले हैँ। यानी विराट करीब 38% मुकाबलों से नदारद रहे हैं। इसके बाद वनडे का नंबर आता है। जुलाई 2015 से वे करीब 22% वनडे इंटरनेशनल और करीब 10% टेस्ट मैचों से दूर रहे हैं।
डर है कि आराम कहीं परमानेंट न हो जाए
विराट कोहली लंबे समय से फॉर्म में नहीं हैं। पिछले 3 साल से उनके बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला है। ऐसे में वे जितना आराम लेते हैं और जिस तेजी से नए-नए टैलेंटेड खिलाड़ी सामने आ रहे हैं, एक डर काफी गहरा होता जा रहा है। डर यह कि कहीं विराट कोहली का आराम परमानेंट न हो जाए। वे टीम से ड्रॉप न कर दिए जाएं। आपको क्या लगता है।
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