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सचिन तेंदुलकर के घर के बाहर लगाया पोस्टर: पहलवानों के मुद्दे पर चुप्पी पर सवाल; ममता बनर्जी का पैदल मार्च, स्मृति इरानी ने बबिता फोगाट की दूरी की कही बात

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पानीपत17 मिनट पहले

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सचिन तेंदुलकर के घर के बाहर लगाया पोस्टर: पहलवानों के मुद्दे पर चुप्पी पर सवाल; ममता बनर्जी का पैदल मार्च, स्मृति इरानी ने बबिता फोगाट की दूरी की कही बात

भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देशभर में पक्ष-विपक्ष लगातार आमने सामने हैं। एक ओर जहां पहलवानों के समर्थन में लोग धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर बृजभूषण के पक्ष में लगातार बड़े-बड़े बयान सामने आ रहे हैं। इसी बीच क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के मुंबई स्थित आवास के बाहर यूथ कांग्रेस एक बड़ा पोस्टर लगाया है। जिसमें उन्होंने पहलवानों के मुद्दे पर सचिन की चुप्पी पर सवाल उठाया है। वहीं, पहलवानों के समर्थन में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ममता बनर्जी सड़कों पर उतरी और पैदल मार्च करते हुए न्याय की मांग की है। इसके अलावा बृजभूषण के पक्ष में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बबिता फोगाट के पहलवानों के साथ न होने की बात का हवाला दिया है। इधर, आज यूपी के मुजफ्फरनगर में खापों की महापंचायत आयोजित की जा रही है। जिसमें कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा।
सचिन से कहा, आप खेल जगत में भगवान, फिर भी चुप क्यों?
मुंबई में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पहलवानों का समर्थन नहीं करने को लेकर पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के घर के बाहर बुधवार को पोस्टर लगा दिया( हालांकि बाद में पुलिस ने पोस्टर को हटा दिया। ये पोस्टर यूथ कांग्रेस की सदस्य रंजीता विजय गोरे की तरफ से लगाया गया था। पोस्टर में भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलकर की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया गया है। पोस्टर में ये भी कहा गया कि आप खेल जगत में ‘भगवान’ हैं लेकिन जब कुछ महिला खिलाड़ी यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठा रही हैं तो आपकी इंसानियत कहीं नजर आती।

सीएम ममता बनर्जी उतरी सड़कों पर, किया पैदल मार्च
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (सीएम) ममता बनर्जी बुधवार को पहलवानों के समर्थन में कोलकाता की सड़कों पर उतर आईं। उनके साथ कई मंत्री और कई वर्तमान और भूतपूर्व खिलाड़ी भी उनके साथ मार्च में हिस्सा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हाथों में हम न्याय चाहते हैं, का बोर्ड लेकर चल रही हैं। यह रैली हाजरा से रविंद्र सरोवर तक जाएगी। ममता ने कल ही प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को अपना समर्थन दिया था। उन्होंने कहा था ‘हमारे पहलवानों को पीटा गया और प्रताड़ित किया गया। ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने पहलवानों से बात की और उन्हें अपना समर्थन दिया। हम उनके साथ एकजुटता जताते हैं। उन्होंने पूछा कि एक व्यक्ति पर शारीरिक हमले का आरोप है, उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है। बहुत जल्द तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल आंदोलन कर रहे खिलाड़ियों से मुलाकात करेगा।

पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी भी शामिल हुए
पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए भारत के पूर्व मिडफील्डर मेहताब हुसैन बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शहर में विरोध मार्च में शामिल हुए। ईस्ट बंगाल के पूर्व मिडफील्डर ने कहा कि जब उन्हीं एथलीटों ने आपको ओलंपिक पदक दिलाए तो प्रधानमंत्री के पास चाय पर उनकी मेजबानी करने और फोटो खिंचवाने का समय था। अगर पीएम पांच मिनट का समय उनकी दलीलों को सुनने के लिए देते, तो यह नाटक इस मुकाम तक नहीं पहुंचता। मेहताब के साथ ईस्ट बंगाल के लगभग 20 पूर्व खिलाड़ी और अधिकारी भी थे।

स्मृति इरानी ने बबिता फोगाट के साथ न होने पर उठाया सवाल
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने एक टीवी चैनल इंटव्यू के दौरान पूछा कि बबिता फोगाट प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन क्यों नहीं कर रही हैं, जो उनके परिवार की सदस्य हैं। साथ ही कहा कि बबिता फोगाट से मेरी बातचीत हुई। क्या आपको लगता है कि बबिता फोगाट जैसी विश्व प्रसिद्ध पहलवान उन लोगों के साथ बैठेंगी, जिन्होंने दूसरों का और खासकर उनके परिवार के सदस्यों का शोषण किया? उन्होंने कहा कि अगर अब कोई हस्तक्षेप होता है तो वह उन महिलाओं के खिलाफ जाएगा। ईरानी ने कहा कि मैं जानना चाहती हूं कि विपक्ष के नेता इन पहलवानों को निष्पक्ष जांच से क्यों वंचित रखना चाहते हैं। क्या आपको लगता है कि बबिता फोगाट ऐसे ही अपने घरवालों के खिलाफ खड़ी होंगी?
उन्होंने कहा कि पहलवानों के विरोध का मुद्दा बिल्कुल राजनीतिक है। एक सांसद और एक महिला के रूप में, मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि कांग्रेस को अमेठी की सुधा सिंह के बारे में पता नहीं था, जिन्हें 2021 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। कांग्रेस परिवार इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने से बाज आए तो बेहतर होगा, लेकिन यह उनकी आदत है और वे करेंगे। एक महिला होने के नाते मैं फिर से कह रही हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर टिप्पणी की है और इसलिए मैं कोई टिप्पणी नहीं करूंगी।

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