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हमारे वेटलिफ्टर्स ने अंग्रेजों को बताई भारत की ताकत: कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग के इतिहास में इंग्लैंड से ज्यादा कामयाब देश बना भारत, मीराबाई के गोल्ड ने दिलाई बढ़त

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बर्मिंघम3 मिनट पहले

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हमारे वेटलिफ्टर्स ने अंग्रेजों को बताई भारत की ताकत: कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग के इतिहास में इंग्लैंड से ज्यादा कामयाब देश बना भारत, मीराबाई के गोल्ड ने दिलाई बढ़त

एक भारतीय के पास कॉमनवेल्थ गेम्स को देखने के दो नजरिए हो सकते हैं। आप इसे या तो अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक मान सकते हैं या फिर अंग्रेजों को यह बताने का एक अवसर कि आजादी के महज 75 सालों के अंदर हम उनसे कई मायनों में बेहतर हो गए हैं। भारतीय वेटलिफ्टर्स निश्चित रूप से दूसरे फलसफे में यकीन करते हैं।

इसका सबूत शनिवार, 30 जुलाई को भी मिला। इस दिन 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स में वेटलिफ्टिंग की चार वेट कैटेगरी के मुकाबले हुए। भारत ने चारों में मेडल जीता। इसके साथ ही भारत कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में वेटलिफ्टिंग के खेल में इंग्लैडं से ज्यादा कामयाब मुल्क बन गया है।

शनिवार को मीराबाई चानू ने गोल्ड जीता। संकेत और बिंदिया रानी ने सिल्वर अपने नाम किया। वहीं, गुरुराजा पुजारी ने ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया। अब भारत ने वेटलिफ्टिंग में गोल्ड और ब्रॉन्ज जीतने के मामले में इंग्लैंड को पीछे छोड़ दिया है। भारत के नाम 44 गोल्ड और 50 सिल्वर हो गए हैं। अंग्रेजों के नाम इस खेल में 43 गोल्ड और 48 सिल्वर हैं। ब्रॉन्ज के मामले में भारत (34) पहले से इंग्लैंड (25) से आगे था। भारत से आगे सिर्फ ऑस्ट्रेलिया है। ऑस्ट्रेलिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स वेटलिफ्टिंग में अब तक 59, गोल्ड, 52 सिल्वर और 48 ब्रॉन्ज जीते हैं। आने वाले कुछ सालों में हम ऑस्ट्रेलिया से भी आगे निकलने वाले हैं।

जानिए शनिवार को भारत ने किस खेल में किया कैसा प्रदर्शन

वेटलिफ्टिंग भारत का दूसरा सबसे मजबूत खेल
वेटलिफ्टिंग कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में भारत के लिए दूसरा सबसे मजबूत खेल रहा है। इस खेल में भारत ने अब तक 43 गोल्ड सहित 125 मेडल जीते हैं। इससे ज्यादा कामयाबी सिर्फ शूटिंग में मिली है। शूटिंग में हमने अब तक 63 गोल्ड सहित 135 मेडल जीते हैं। इस बार शूटिंग इस मेगा इवेंट का हिस्सा नहीं है। ऐसे में वेटलिफ्टर्स के ऊपर शानदार प्रदर्शन करने का दबाव और भी ज्यादा है। शनिवार को हमारे खिलाड़ी इस दबाव को झेलते हुए उम्मीद पर खरे उतरे हैं।

वेट कैटेगरी में बदलाव का खास असर नहीं
इस बार मेंस और विमेंस की तमाम वेट कैगेटरी में बदलाव किए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कॉमनवनेल्थ गेम्स में भी वैसी ही कैटेगरी हों जैसी ओलिंपिक में होती हैं। इसलिए पिछली बार 48KG में गोल़्ड जीतने वाली मीराबाई चानू को इस बार 49KG में हिस्सा लेना पड़ा। लेकिन, उसने 2018 के नतीजे को फिर दोहराया और लगातार दूसरी बार गोल्ड जीता। ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट मीरा का यह लगातार तीसरा कॉमनवेल्थ मेडल है। 2014 में उन्होंने सिल्वर जीता था।

मीराबाई ने टोक्यो ओलिंपिक जैसा प्रदर्शन किया
मीराबाई ने स्नैच में 88 और क्लीन एंड जर्क में 113 KG वेट उटाकर कुल 201 KG वेट के साथ गोल्ड जीता। स्नैच में उन्होंने गेम्स रिकॉर्ड बनाते हुए पर्सनल बेस्ट की बराबरी की। क्लीन एंड जर्क में उनके नाम 119KG का वर्ल्ड रिकॉर्ड है। यहां उन्होंने 115KG तक ट्राय किया लेकिन 113KG उठाने में सफल हो पाईं।

मीरा टोक्यो ओलिंपिक के अपने प्रदर्शन को दोहराने में करीब-करीब कामयाब रहीं। टोक्यो में उन्होंने 202 KG वेट उठाकर सिल्वर हासिल किया था।

वर्ल्ड लेवल पर मीरा के सामने सिर्फ एक बड़ी चुनौती
49 KG वेट कैटेगरी का वर्ल्ड रिकॉर्ड 213KG है। चीन की होउ जिहुई ने 2021 में यह रकॉर्ड बनाथा था। इसी चाइनीज वेटलिफ्टर ने टोक्यो में भी गोल्ड जीता था। मीरा अब पेरिस ओलिंपिक में उन्हें पीछे छोड़ने की कोशिश करेंगी।

गुरुराजा ने जीता लगातार दूसरा कॉमनवेल्थ मेडल
पिछली बार 55KG में सिल्वर जीतने वाले भारत के गुरुराजा पुजारी ने इस बार 54KG में हिस्सा लिया। उन्हें ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा। उन्होंने स्नैच में 118 और क्लीन एंड जर्क में 151 KG वेट उठाया। यानी उन्होंने कुल 269 KG वेट उठाया।

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पिछली बार मेंस 62KG में कोई मेडल नहीं मिला था। इस बार मेंस 61KG में संकेत ने सिल्वर जीता। उन्होंने 248 KG (113+135) KG वेट उठाया और गोल्ड जीतने वाले मलेशिया के अनिक कासदान से सिर्फ 1KG पीछे रहे।

पान बेचने वाले ने भारत को दिलाया पहला मेडल

2018 में विमेंस 53 KG में के. संजीता चानू ने गोल्ड जीता था। इस बार विमेंस 55KG में बिंदिया रानी देवी सिल्वर जीता है। उन्होंने 202 KG (86+116 KG) वेट उठाया। बिंदिया भी गोल्ड जीतने वाली नाइजीरिया की अदजात ओलारिनोय से सिर्फ 1 KG कम वेट उठाया। क्लीन एंड जर्क में बिंदिया ने गेम्स रिकॉर्ड बनाया है।

आगे क्या उम्मीद रखें
अभी वेटलिफ्टिंग में 12 और कैटेगरी के मुकाबले होने हैं लिहाजा इस खेल में भारत के मेडल की संख्या में और भी इजाफा होना पक्का है। अब वेटलिफ्टिंग की टैली 2018 से बेहतर होगी या नहीं इसका जवाब 3 अगस्त की देर रात हो मिलेगा। उस दिन वेटलिफ्टिंग इऴेंट की समाप्ति होगी। इसलिए अगले तीन दिनों तक वेटलिफ्टिंग से लगातार अच्छी खबरों की उम्मीद आप कर सकते हैं।

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