हिमाचल में रेणुका ठाकुर के घर जश्न: पिता के निधन के बाद बेटी ने पूरा किया सपना, लड़कों के साथ खेलती थी क्रिकेट
नरेंद्र चौहान, रोहड़ू4 मिनट पहले
हिमाचल की तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर के पिता का सपना था कि उनके बच्चे भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलें। वह तो रहे नहीं, लेकिन बेटी ने अपने पिता का सपना पूरा किया। आज वह जो नाम कमा रही हैं, हम सबको उस पर गर्व है। यह कहना है रेणुका ठाकुर की माता सुनीता ठाकुर का।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में रोहड़ू ब्लॉक के छोटे से पारसा गांव की बेटी रेणुका ठाकुर का चयन विमेंस IPL की RCB टीम में हुआ है। आज टीम की नीलामी में रेणुका को डेढ़ करोड़ मिले हैं। उनकी इस उपलब्धि पर पूरा गांव खुश है। मिठाई बांटकर गांव के लोग अपनी बेटी के अच्छे खेल के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं।
इस अवसर पर भास्कर ने पारसा गांव जाकर उनकी माता और अन्य लोगों से बातचीत की। गांव में खुशी का माहौल है। जिस ग्राउंड में और जिन लोगों के साथ खेलकर रेणुका इस मुकाम तक पहुंची हैं, वह सभी उनके उज्जवल भविष्य की कामना कर रहे हैं।
क्रिकेटर रेणुका ठाकुर।
क्रिकेट के फैन थे रेणुका के पिता
रेणुका ठाकुर की माता सुनीता ठाकुर ने बताया कि वह 3 साल की ही थी, जब पिता केहर सिंह का निधन हो गया। वह क्रिकेट के बड़े शौकीन थे और सचिन तेंदुलकर व विनोद कांबली के बड़े फैन। सुनीता बताती हैं कि बेटी के पिता ने क्रिकेट के प्रति अपनी दीवानगी के चलते ही अपने बेटे का नाम विनोद कांबली रख दिया। साथ ही जेठ के बेटे का नाम सचिन तेंदुलकर।
रुंधे गले से सुनीता ने कहा कि वह और पूरा परिवार खुश है कि रेणुका ने आज यह उपलब्धि हासिल की। हमें बहुत गर्व हो रहा है, हम चाहते हैं कि वह और नाम कमाए। अपने पति के निधन के बाद सुनीता ने कड़ी मेहनत करके बच्चों का लालन-पालन किया। उन्होंने बताया कि बहुतेरा स्ट्रगल करके और यहां-वहां से पैसे लेकर बच्चों को यहां तक पहुंचाया।
बॉलिंग करती थी रेणुका : चेतन
रेणुका ठाकुर बचपन में जिस चेतन के साथ क्रिकेट खेला करती थी, उन्होंने कहा कि वह हमेशा बॉलिंग करना पसंद करती थी। चेतन के मुताबिक आज बहुत अच्छा लगा कि रेणुका को उनका स्थान मिल गया। हम सब लोग उनके अच्छे भविष्य की कामना करते हैं।
रेणुका की मां सुनीता ठाकुर को मिठाई खिलाते ग्रामीण।
लड़कों के साथ ही खेलती थी रेणुका : कमलेश
रेणुका ठाकुर की चाची और पंचायत की प्रधान रही कमलेश कहती हैं कि वह बचपन से लड़कों के साथ ही खेला करती थी। इसी ग्राउंड में वह पली-बड़ी और आज जिस जगह पहुंची, उनके पूरे गांव के लिए गर्व की बात है।
छोटे बच्चे भी बनना चाहते हैं रेणुका दीदी की तरह
रेणुका ठाकुर ने अपने गांव के जिस मैदान में क्रिकेट की शुरुआत की, आज वहां के छोटे-छोटे बच्चे भी अपनी दीदी की तरह बनना चाहते हैं। छोटी सी बच्ची रिजुल कहती हैं कि दीदी के इतने बड़े क्रिकेटर बनने से खुश हैं। वह भी क्रिकेटर बनना चाहती हैं और बेटिंग पसंद है। दूसरी बच्ची भी ऑल राउंडर क्रिकेटर बनना चाहती हैं। गांव के ही कार्तिक शर्मा बोले कि रेणुका दीदी ने गांव का नाम रोशन किया है।
वह भी उनकी तरह बनकर अपने गांव का नाम रोशन करना चाहता है।
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