Site icon News Update

10 भारतीय खिलाड़ियों की कीमत बाबर आजम से ज्यादा: मंधाना ने समाज के तानों को अपनी मजबूती बनाया, पूजा के पास पहनने के लिए जूते तक नहीं थे

मुंबई2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

दुनिया की सबसे बड़ी विमेंस क्रिकेट लीग का रुतबा हासिल कर चुकी विमेंस प्रीमियर लीग के पहले सीजन के लिए खिलाड़ियों की नीलामी हो चुकी है। यह लीग कई महिला खिलाड़ियों के जिंदगी बदलकर रख देगी। इस लीग से अधिकांश क्रिकेटर्स को अपने करियर को चमकाने और अच्छा पैसा कमाने का मौका मिलेगा, क्योंकि भारत की अधिकांश महिला क्रिकेट या तो अपने घर-समाज से लड़कर आई हैं। या फिर कड़े संघर्ष का सामना किया है।

नई-नवेली खिलाड़ियों की बात दूर…नीलामी की सबसे महंगी टॉप-10 भारतीय खिलाड़ी भी उतार-चढ़ाव भरे सफर के साथ इस मुकाम तक पहुंची हैं। नीलामी की सबसे महंगी स्मृति मंघाना ने समाज के तानों को अपनी मजबूती बनाया, तो पूजा वस्त्राकर फटे जूतों के साथ अभ्यास करते यहां तक पहुंचीं। इन सभी की कीमत पाकिस्तान के कप्तान बाबर आजम से ज्यादा है।

इस स्टोरी में आप कुछ ऐसी ही संघर्ष की कहानियां पढ़ेंगे। शुरुआत करते हैं सबसे महंगी खिलाड़ी स्मृति मंघाना से…

1. स्मृति मंधाना : लोग कहते थे- दिन-दिन भर खेलेगी, तो काली हो जाएगी…फिर शादी कौन करेगा
मुंबई की स्मृति मंधाना ने घर-परिवार और समाज से लड़कर यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने लोगों के तानों को अपनी मजबूती बनाया। 26 साल की मंधाना ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक समय मेरी मां चहती थीं कि मैं क्रिकेट की जगह टेनिस जैसा कोई इंडिविजुअल गेम खेलूं। वे चाहती थीं कि मैं टेनिस खेलूं। बाद में उन्हें अहसास हुआ कि मैं क्रिकेट को लेकर पागल हूं और तब जाकर हमने क्रिकेट को लेकर फैसला किया। इसके बाद मेरे माता-पिता पूरी तरह मेरे साथ रहे।
उसके बावजूद मंघाना को समाज की छींटाकशी का भी सामना करना पड़ा। शुरू में लोग कहते थे कि लड़की है और दिन-दिन भर खेलेगी, तो काली हो जाएगी और फिर इससे शादी कौन करेगा।

देविका वैद्य : क्लब में लड़कियों का खेलना मना था, इसलिए 2 साल तक टोपी में बॉल छिपाकर ट्रेनिंग करती रहीं
पुणे की देविका वैद्य ने छह साल की उम्र से क्रिकेट की शुरुआत की थी। मां-पापा दोनों क्रिकेट लवर्स थे। घर में सभी एक साथ मैच देखते थे। एक दिन देविका ने पिता से क्रिकेट खेलने की बात कही। वे मान गए और देविका को ट्रेनिंग के लिए पास के एक क्लब में लेकर गए, लेकिन वहां लड़कियों के क्रिकेट खेलने पर पाबंदी थी, पर कोच ट्रेनिंग देने के लिए राजी थे। क्लब का सिक्रेटरी देख न ले। इसलिए देविका टोपी में अपने बॉल छिपाकर खेलती थीं। दो सालों तक देविका ने अपने बॉल छिपाकर शुरुआती ट्रेनिंग की।

देविका को 2-3 ग्राउंड से यह कहकर निकाल दिया गया था कि तुम लड़की हो क्रिकेट नहीं खेल सकती हो। ऐसे में निराश देविका क्रिकेट छोड़ने का मन बना चुकी थीं, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उनकी मुलाकात महाराष्ट्र टीम के कोच अतुल से हुई। अतुल ने देविका को ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। देविका ने 17 साल की उम्र में इंडिया डेब्यू किया था। वे 2017 के वनडे वर्ल्ड कप टीम में भी रहीं। फिर एक इंजरी के चलते उन्हें भारतीय टीम से बाहर कर दिया गया। अब वे वापसी कर रही हैं।

पूजा वस्त्राकर : एक समय पहलने के लिए जूते नहीं थे, अब करोड़पति
मप्र की तेज गेंदबाज पूजा वस्त्राकर के पास शुरुआती दिनों में पहनने के लिए जूते तक नहीं थे, वे नंगे पांव बॉलिंग करती थी। भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में पूजा ने बताया था कि एक टाइम ऐसा था कि मेरे पास जूते खरीदने के पैसे नहीं होते थे। घर की माली हालत ठीक नहीं थी, इसलिए मैं पापा से पैसे नहीं मांग सकती थी। 13 साल की उम्र में मैं पहली बार मध्यप्रदेश टीम के लिए खेली। तब मैंने खेलने से मिले पैसे से जूते खरीदे थे।

शहडोल की रहने वाली पूजा के पिता बंधनराम वस्त्राकर BSNL के रिटायर्ड क्लर्क हैं। उनकी मां गृहिणी हैं। घर में 5 बहन 2 भाई हैं। सभी दो कमरे के मकान में रहते हैं। कोरोना काल में पूजा ने अपने छत को ही प्रैक्टिस ग्राउंड बना लिया था। वे गैस के सिलेंडर से वेट ट्रेनिंग करती थी।

शेफाली वर्मा : क्रिकेट के लिए कटवाए बाल, ताने भी सुने
पिछले महीने भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने वाली कप्तान शेफाली वर्मा के पिता ने उन्हें क्रिकेट खिलाने के लिए उनके बाल कटवा दिए। रोहतक की शेफाली को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था, उनके पिता पिता संजीव वर्मा क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हो सका। ऐसे में संजीव ने शेफाली को घर पर ही ट्रेनिंग देनी शुरु कर दी। कुछ समय के बाद वे अपनी बेटी का दाखिला क्रिकेट एकेडमी में कराने गए, लेकिन शेफाली को किसी एकेडमी में एडमिशन नहीं मिला, क्योंकि वह एक लड़की थी।

बेटी को एकेडमी में एडमिशन नहीं मिलने से संजीव काफी निराश हुए, लेकिन हार नहीं मानी। उन्होंने क्रिकेट सिखाने के लिए 9 साल की उम्र में शेफाली के बाल कटवा दिए। अब शेफाली लड़कों की तरह देखने लगी थी।उन्हें एकेडमी में दाखिला भी मिल गया। बाद वे शेफाली सबसे छोटी उम्र में इंडिया डेब्यू करने वाली महिला क्रिकेटर बनीं। उन्होंने 15 साल की उम्र में इंटरनेशनल डेब्यू किया।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsUpdate is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – abuse@newsupdate.uk. The content will be deleted within 24 hours.
Exit mobile version