Updated News Around the World

10 PHOTOS में पैरालिंपियन देवेंद्र के संघर्ष की कहानी: 8 साल की उम्र में काटना पड़ा था हाथ, मां के मोटिवेशन के बाद किया खेलना शुरू; अब 3 पदक जीतने वाले देश के एकमात्र खिलाड़ी

  • Hindi News
  • Local
  • Rajasthan
  • Jaipur
  • At The Age Of 8, The Hand Had To Be Amputated, Started Playing After The Mother’s Motivation; Now The Only Player In The Country To Win 3 Medals In The Foot Olympics

जयपुर2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

टोक्यो पैरालिंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर जयपुर लौटे देवेंद्र झाझड़िया का खेल प्रेमियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। एयरपोर्ट से लेकर चित्रकूट नगर स्थित घर तक देवेंद्र का जगह-जगह स्वागत किया गया। इस दौरान कहीं आतिशबाजी कर, तो कहीं देवेंद्र को फूल मालाओं से लाद लोगों ने अपनी खुशी का इजहार किया।

वहीं देवेंद्र ने भी जनता के प्यार को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि अपने प्रदेश में लौट इतना प्यार देख मेडल जीतने की खुशी दोगुनी हो गई है। क्योंकि यह मेडल सिर्फ मेरा नहीं बल्कि भारत का और हम सब का है।

देवेंद्र झाझड़िया का जन्म 10 जून 1981 को राजस्थान के चूरु जिले में राम सिंह जाट के घर हुआ था।

देवेंद्र झाझड़िया का जन्म 10 जून 1981 को राजस्थान के चूरु जिले में राम सिंह जाट के घर हुआ था।

देवेंद्र झाझड़िया जब 8 साल के थे। तब वह अपने गांव में पेड़ पर चढ़ रहे थे। तभी हाई टेंशन लाइन की चपेट में आने से देवेंद्र के बाएं हाथ में दिक्कत हो गई। हाथ कोहनी से काटना पड़ा था।

देवेंद्र झाझड़िया जब 8 साल के थे। तब वह अपने गांव में पेड़ पर चढ़ रहे थे। तभी हाई टेंशन लाइन की चपेट में आने से देवेंद्र के बाएं हाथ में दिक्कत हो गई। हाथ कोहनी से काटना पड़ा था।

देवेंद्र ने अपने साथ हुए हादसे के बाद घर से बाहर निकलना बंद कर दिया। लेकिन मां जीवनी देवी ने उन्हें मोटिवेट किया। देवेंद्र ने धीरे-धीरे पढ़ाई के साथ जेवलिन थ्रो खेलना शुरू किया, और अब तीन पैरालिंपिक मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन चुके हैं।

देवेंद्र ने अपने साथ हुए हादसे के बाद घर से बाहर निकलना बंद कर दिया। लेकिन मां जीवनी देवी ने उन्हें मोटिवेट किया। देवेंद्र ने धीरे-धीरे पढ़ाई के साथ जेवलिन थ्रो खेलना शुरू किया, और अब तीन पैरालिंपिक मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन चुके हैं।

बचपन से ही देवेंद्र की पढ़ने के साथ खेलने में भी रुचि थी। जिसको देखते हुए देवेंद्र के कोच ने उन्हें अजमेर यूनिवर्सिटी दाखिला दिलवाया। जहां देवेंद्र ने पढ़ाई के साथ अपनी प्रैक्टिस भी जारी रखी और साल 1995 में आयोजित नेशनल पैरा एथलेटिक्स खेलों में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में देवेंद्र ने पहला मेडल भी जीता।

बचपन से ही देवेंद्र की पढ़ने के साथ खेलने में भी रुचि थी। जिसको देखते हुए देवेंद्र के कोच ने उन्हें अजमेर यूनिवर्सिटी दाखिला दिलवाया। जहां देवेंद्र ने पढ़ाई के साथ अपनी प्रैक्टिस भी जारी रखी और साल 1995 में आयोजित नेशनल पैरा एथलेटिक्स खेलों में भाग लिया। इस प्रतियोगिता में देवेंद्र ने पहला मेडल भी जीता।

टोक्यो पैरालिंपिक में जेवलियन थ्रोअर देवेंद्र झाझड़िया ने सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने F46 कैटेगरी में 64.35 मीटर दूर भाला फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया। यह उनके करियर का तीसरा पैरालिंपिक मेडल है।

टोक्यो पैरालिंपिक में जेवलियन थ्रोअर देवेंद्र झाझड़िया ने सिल्वर मेडल जीता। उन्होंने F46 कैटेगरी में 64.35 मीटर दूर भाला फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया। यह उनके करियर का तीसरा पैरालिंपिक मेडल है।

देवेंद्र भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने तीन बार पैरालिंपिक में मेडल जीता है। इससे पहले देवेंद्र साल 2004 एथेंस ओलिंपिक में गोल्ड और 2016 रियो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

देवेंद्र भारत के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने तीन बार पैरालिंपिक में मेडल जीता है। इससे पहले देवेंद्र साल 2004 एथेंस ओलिंपिक में गोल्ड और 2016 रियो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

जयपुर पहुंचने के बाद देवेंद्र ने कहा कि अपने परिवार के पास और प्रदेश में पहुंचने के बाद मेडल जीत की खुशी दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि देश के लिए मैंने मेडल की हैट्रिक बनाई है। इससे बड़ी बात मेरे लिए नहीं हो सकती। इस मेडल के लिए मैंने और मेरे परिवार ने काफी मेहनत की है। परिवार के बिना यह मेडल संभव नहीं था।

जयपुर पहुंचने के बाद देवेंद्र ने कहा कि अपने परिवार के पास और प्रदेश में पहुंचने के बाद मेडल जीत की खुशी दोगुनी हो गई है। उन्होंने कहा कि देश के लिए मैंने मेडल की हैट्रिक बनाई है। इससे बड़ी बात मेरे लिए नहीं हो सकती। इस मेडल के लिए मैंने और मेरे परिवार ने काफी मेहनत की है। परिवार के बिना यह मेडल संभव नहीं था।

देवेंद्र झाझड़िया की पत्नी मंजू ने बताया कि वे पिछले 1 साल से सिर्फ एक बार घर आए थे। कोरोना संक्रमण की वजह से पैरालिंपिक केंसिल होने की खबर ने देवेंद्र को डीमोरोलाइज कर दिया था। इसके बाद परिवार के सदस्यों और देवेंद्र के कोच ने उन्हें लगातार मोटिवेट किया। इसके बाद देवेंद्र फिर से तैयारियों में जुट गए।

देवेंद्र झाझड़िया की पत्नी मंजू ने बताया कि वे पिछले 1 साल से सिर्फ एक बार घर आए थे। कोरोना संक्रमण की वजह से पैरालिंपिक केंसिल होने की खबर ने देवेंद्र को डीमोरोलाइज कर दिया था। इसके बाद परिवार के सदस्यों और देवेंद्र के कोच ने उन्हें लगातार मोटिवेट किया। इसके बाद देवेंद्र फिर से तैयारियों में जुट गए।

देवेंद्र झाझड़िया की पत्नी मंजू खुद भी कबड्डी प्लेयर रही हैं। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। कहती हैं, कभी भी मेरे मन में ऐसा विचार नहीं आया कि इनके एक हाथ नहीं है। उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की है, वह हजारों हाथों के बराबर है। 2007 में जब मुझे पता चला कि इनके साथ मेरी शादी हो रही है तो मैं खुशी-खुशी राजी हो गई थी।

देवेंद्र झाझड़िया की पत्नी मंजू खुद भी कबड्डी प्लेयर रही हैं। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे। कहती हैं, कभी भी मेरे मन में ऐसा विचार नहीं आया कि इनके एक हाथ नहीं है। उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की है, वह हजारों हाथों के बराबर है। 2007 में जब मुझे पता चला कि इनके साथ मेरी शादी हो रही है तो मैं खुशी-खुशी राजी हो गई थी।

देवेंद्र की जीत पर उनकी मां भी काफी खुश है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र ने न सिर्फ परिवार बल्कि राजस्थान का नाम दुनिया भर में रोशन किया है। ऐसे में मुझे लगता है कि अगले ओलिंपिक में भी देवेंद्र फिर से मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन करेगा।

देवेंद्र की जीत पर उनकी मां भी काफी खुश है। उन्होंने कहा कि देवेंद्र ने न सिर्फ परिवार बल्कि राजस्थान का नाम दुनिया भर में रोशन किया है। ऐसे में मुझे लगता है कि अगले ओलिंपिक में भी देवेंद्र फिर से मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन करेगा।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsUpdate is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.