104 किलो के वैशाक को कोच ने रिजेक्ट किया था: अब IPL में विराट के साथ खेल रहे, 145 की स्पीड से गेंदबाजी
बेंगलुरु6 मिनट पहले
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विजयकुमार वैशाक…इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का तेजी से उभरता हुआ तेज गेंदबाज। वैशाक ने डेब्यू मैच में 20 रन देकर 3 विकेट लेकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। वे रजत पाटीदार के चोटिल होने के बाद टीम में शामिल हुए थे।
26 साल के वैशाक अपनी सटीक लेंथ गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। वे लगातार 145+ KMPH की स्पीड से बॉलिंग कर सकते हैं। इस समय वे अपना IPL ड्रीम जी रहे हैं। इस सफलता को हासिल करने के लिए उन्होंने खुद को ट्रांसफॉर्म कर डाला।
7 साल पहले वैशाक 104 किलो वजनी थे। उनके दोस्त उन्हें बबली (मोटू) कहकर चिढ़ाते थे। कोच रमन्ना ने यहां तक कह दिया था कि तुम कभी तेज गेंदबाज नहीं बन सकते हो। वैशाक का जुनून देखिए उन्होंने खुद को पूरी तरह बदल डाला।
वैशाक की जिद से जीत तक की कहानी दैनिक भास्कर से साझा की उनके पिता विजय कुमार ने।
स्कूल सर्टिफिकेट में गलती की वजह से नाम ही बदल गया था.
तेज गेंदबाज के पिता ने बताया कि वैशाक का पूरा नाम वैशाक कुमार विजय है। लेकिन, सर्टिफिकेट पे उनका नाम विजय कुमार वैशाक लिखा आया। अब हम दोनों बाप-बेटे एक ही नाम से पुकारे जा रहे हैं। मेरे बेटे का नाम वैशाक है।
वैशाक के पिता के साथ पूरी बातचीत आप आगे पढ़ेंगे, उससे पहले यंग सेंसेशन का डोमेस्टिक क्रिकेट में ट्रैक रिकॉर्ड देख लेते हैं।
अब रुख करते हैं सवाल-जवाब का…
सवाल: वैशाक के करियर की शुरुआत कैसे हुई?
वैशाक के पिता: क्रिकेट से मेरा भी जुड़ाव रहा है। मैं भी क्लब स्तर पर क्रिकेट खेल चुका हूं। मैंने कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के क्रिकेट क्लब टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और KCA के 2 ग्राउंड का क्यूरेटर हूं। शुरुआत में मैं खाली समय में बेंगलुरु में राजनगर में स्पोर्ट्स क्लब क्रिकेट एकेडमी में कोचिंग देने जाता था।
उस समय मेरे साथ मेरा बेटा वैशाक भी जाता था। तब वह 7 साल का था। उस दौरान एनजीएफ क्रिकेट क्लब के विकेटकीपर बल्लेबाज और कोच देवनाथ ने बेटे को देखा और कहा कि विजयकुमार इसे क्रिकेटर बनाओ। इस पर फोकस करो। इस तरह से बेटे के क्रिकेट करियर की शुरुआत हुई। मैं पूरा फोकस करने लगा और नौकरी छोड़ दिया।
सवाल: नौकरी छोड़ने के बाद घर का खर्चा फिर कैसे चलता था?
वैशाक के पिता: मैं प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था। मैंने जब अपनी पत्नी को कोच देवानाथ की बात बताई, तो पत्नी ने कहा की आप नौकरी से रिजाइन दे दो और वैशाक की कोचिंग पर ध्यान दो। मैं जॉब करूंगी। पत्नी ने कनाडा की एक प्राइवेट कंपनी में काम करना शुरू कर दिया। वह एचआर थीं और अब उस कंपनी की डायरेक्टर हैं।
मैं सुबह वैशाक को स्कूल और ट्रेनिंग के लिए ले जाता था। फिर शाम को उसे घर लाता था। हमेशा मैं उसके साथ रहता था। मैं उसकी पढ़ाई में भी मदद करता था।
सवाल: वैशाक का टैलेंट कब पहचाना?
वैशाक के पिता: वह अंडर-19 तक ओपनर बल्लेबाज रहा है। उसने अंडर-16 में बतौर ओपनर कर्नाटक टीम का प्रतिनिधित्व किया है। जब वह 13-14 साल का था, तभी से ही उसका वजन सामान्य बच्चों से बहुत ज्यादा था। इसके साथ के लड़के बबली (मोटू) कहते थे। जब वह वसुंदरी क्रिकेट एकेडमी में कोचिंग के लिए जाता था। वहां पर कोच रमन्ना भी उसे बबली ही कहते थे।
जब वह अन्य बच्चों को देखकर गेंदबाजी करता था, तब उसे रमन्ना कहते थे कि तुमसे कुछ नहीं हो पाएगा। रहने दो गेंदबाजी मत किया करो। वैशाक जब 19 साल का हुआ, तो उसका वजन काफी ज्यादा बढ़ गया। तब वह 95* किलो का हो गया था। रमन्ना उसे और ज्यादा चिढ़ाने लगे। वे कहते थे कि तुम कभी तेज गेंदबाज नहीं बन पाओगे। वैशाक ने इसे चैलेंज के रूप में लिया।
हम भी उसके बढ़ते वजन से चिंतित थे। हमें लगा कि हम लोग चावल ज्यादा खाते हैं, इसलिए उसका वजन बढ़ रहा है। फिर हमने रोटी देना शुरू किया। इससे भी फर्क नहीं पड़ा तो हम डाइटिशियन के पास गए। जब इनका ब्लड टेस्ट हुआ, तो पता चला कि इनमें ग्लूटिन ज्यादा है, जो घी और गेंहूं के प्रोडेक्ट ज्यादा खाने की वजह से बढ़ा है। फिर उसने डाइटिशियन के सुझाव पर डाइट लेना शुरू किया। 2 साल में वैशाक का वजन 20 KG घटकर 76 KG हो गया। इस दौरान वह फिटनेस ट्रेनर के पास जाता था।
* वैशाक ने RCB के ऑफिशियल चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया है कि उनका वजन 104 किलो हो गया था।
सवाल: गेंदबाजी की ट्रेनिंग कहां से ली?
वैशाक के पिता: शुरुआत में रमन्ना ने ही ट्रेनिंग दी। जब सीनियर स्टेट टीम के लिए सिलेक्ट हुए तब अभिमन्यु मिथुन ने देखा। उन्होंने इन्हें ट्रेंड करना शुरू किया। 2 साल से अभिमन्यु मिथुन ही ट्रेंड कर रहे हैं। उन्होंने ही इसे स्लोअर बॉल डालने सहित गेंदबाजी के अन्य तकनीक को सीखाया।
सवाल: ऑक्शन में खरीददार नहीं मिला, रजत चोटिल हुए तो मौका मिला, इसे कैसे देखते है?
वैशाक के पिता: जब ईश्वर की मर्जी होती है, तब ही। मौका मिलता है। वैशाक मेहनत कर रहे थे। IPL में मौका नहीं मिल पा रहा था। अब मिला है और बेहतर कर रहे हैं, तो सबकी नजरें इन पर पड़ी हैं। अगर पिछले कुछ सालों से देखें तो IPL में बेहतर प्रदर्शन करने वाले टीम इंडिया में जगह मिल रही है। मैं वैशाक को ब्लू जर्सी में देखना चाहता हूं।
सवाल: वे किन क्रिकेटरों को ज्यादा फॉलो करते हैं।
वैशाक के पिता: पहले वह ग्लेन मैक ग्रा बाद में ब्रेट ली। कर्नाटक प्रीमियर लीग के दौरान इन क्रिकेटरों से बातचीत का भी मौका मिला है। साथ ही इनसे टिप्स भी मिले हैं। जिसका फायदा उन्हें मिला है।
सवाल: आपकी नजर में वैशाक में क्या कमी है और उनका क्या मजबूत पक्ष है?
वैशाक के पिता: कमजोरी की बात करूं तो पिच के हिसाब से किस तरह गेंदबाजी करनी है। परिस्थितियों के अनुसार गेंद करने को लेकर अभी काम करना होगा, वहीं मजबूत पक्ष की बात करूं, तो नेचुरल इनस्विंगर हैं। इनके पास स्पीड भी है। वह लगातार 140 से 145 किमी प्रति घंटा की स्पीड से गेंदबाजी कर रहे हैं। अगर इस तरह से ही वह गेंदबाजी करेंगे, तो मुझे लगता है कि उन्हें जल्द ही टीम इंडिया के लिए मौका मिल सकता है।
सवाल: वैशाक क्या डाइट फॉलो करते हैं?
वैशाक के पिता: हम पंडित हैं। नॉन वेज नहीं लेते हैं। वैशाक अंडा खाते हैं। वह भी वाइट वाला भाग खाते हैं। वह ज्वॉर की रोट खाते हैं। साथ ही ग्रीन वेजिटेबल और फल को भी ज्यादा से ज्यादा लेते हैं।
सवाल: वह कितने घंटे प्रैक्टिस करते है़?
वैशाक के पिता: स्कूल टाइम में वह 3 घंटे प्रैक्टिस करते थे। उसके बाद 6 घंटे प्रैक्टिस करने लगे। अभी भी 4 से 5 घंटे रोजाना प्रैक्टिस करते हैं।
आखिर में यह भी जानिए
वैशाक के लिए पिता ने जॉब छोड़ी, मां ने जॉब की
वैशाक की सफलता के पीछे पिता विजयकुमार और मां ….का अहम योगदान है। उनके करियर के लिए विजयकुमार ने अपनी नौकरी छोड़ दी, घर चलाने के लिए मां ने जॉब करना शुरू किया, जबकि विजयकुमार ने बेटे की ट्रेनिंग पर ध्यान देने के लिए ग्राउंड पर क्यूरेटर बन गए।
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