विम्बलडन 2022: इस साल रूस और बेलारूस के प्लेयर्स नहीं ले सकेंगे हिस्सा, यूक्रेन पर हमले की वजह से लिया फैसला
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लंदन3 मिनट पहले
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बेलारूस की फीमेल नंबर चार टेनिस स्टार अर्नया सबालेंका इस साल विम्बलडन में शिरकत नहीं कर सकेंगी। (फाइल)
रूस और बेलारूस के टेनिस प्लेयर्स इस साल विम्बलडन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। विम्बलडन टूर्नामेंट के ऑर्गनाइजर्स ने इन दोनों देशों पर बैन लगा दिया है। लिहाजा, इस साल तो इन दोनों देशों के प्लेयर्स इस अहम टूर्नामेंट में नजर नहीं आएंगे। विम्बलडन के ऑर्गनाइजर्स ने यह फैसला रूस के यूक्रेन पर हमले के विरोध में लिया है। बेलारूस पर बैन इसलिए लगाया गया है, क्योंकि वो जंग में रूस का साथ दे रहा है। इस साल विम्बलडन 27 जून से 10 जुलाई के बीच खेला जाएगा।
दो खास प्लेयर्स नहीं आएंगे नजर
रूस के वर्ल्ड नंबर वन डेनिल मेदवेदेव और बेलारूस की फीमेल नंबर चार टेनिस स्टार अर्नया सबालेंका इस साल विम्बलडन में शिरकत नहीं कर सकेंगे। ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस क्लब ने एक बयान में कहा- हम रूस की यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई को घुसपैठ और हमला मानते हैं। इसलिए इन देशों के खिलाड़ियों को विम्बलडन में हिस्सा नहीं लेने दिया जाएगा। हमें इस बात का अफसोस है कि यह कदम उठाना पड़ रहा है। विरोध दर्ज कराने के लिए रूस और बेलारूस के प्लेयर्स को इस टूर्नामेंट से दूर रखना जरूरी है।
डेनिल मेदवेदेव विम्बलडन में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। वे फ्रेंच ओपन में नजर जरूर आएंगे।
हम दुनिया के साथ
ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस क्लब ने कहा- हमने यह फैसला कमेटी और मैनेजमेंट के बीच हुई लंबी बातचीत के बाद लिया है। इस मुश्किल वक्त में हम यूक्रेन के लोगों के साथ खड़े रहना चाहते हैं। दुनिया रूस के इस गैरकानूनी कदम का विरोध कर रही है। ब्रिटेन के लोग और स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूशन भी दुनिया के साथ रूस के खिलाफ विरोध दर्ज कराना चाहते हैं। हमने इस बारे में ब्रिटेन सरकार से भी सलाह ली है।
खिलाड़ियों ने भी किया हमले का विरोध
रूस की वर्ल्ड नंबर 15 एनास्तेसिया और वर्ल्ड नंबर 18 विक्टोरिया एजेरेंका ने कुछ दिन पहले रूसी सरकार से कहा था कि यूक्रेन पर हमले फौरन बंद किए जाने चाहिए। इन दोनों के अलावा कई और प्लेयर्स ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से अपील में कहा था कि बातचीत के जरिए मसले का हल निकालें, क्योंकि जंग से मुश्किलें दोनों देशों की बढ़ेंगी।
इस बैन का असर सिर्फ खिलाड़ियों पर नहीं पड़ेगा। कोच, अम्पायर और फिजियोथेरेपिस्ट भी इसकी जद में आएंगे। यह बैन ग्रास कोर्ट टूर्नामेंट्स पर भी लागू होगा। हालांकि, बैन फ्रेंच ओपन के लिए नहीं है, जो मई में शुरू होगा। यहां दिक्कत दूसरी तरह की है। दरअसल, दोनों देशों के प्लेयर्स व्यक्तिगत तौर पर ही हिस्सा ले सकेंगे। उन्हें देश का झंडा लगाने की मंजूरी नहीं दी गई है।
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