BCCI पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला आज: कूलिंग ऑफ पीरियड पर SC लेगा निर्णय, गांगुली, जय शाह समेत 5 सदस्यों का भविष्य तय होगा
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नई दिल्ली5 मिनट पहले
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली बने रहेंगे या नहीं, इस पर आज फैसला आ सकता है। मंगलवार को कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि पदाधिकारियों के बीच कूलिंग ऑफ अवधि को समाप्त नहीं किया जाएगा। क्योंकि कूलिंग ऑफ अवधि इसलिए जरूरी है कि लगातार पद पर बने रहने से निजी हित हावी न हो सके। कोर्ट सौरव गांगुली सहित 6 पदाधिकारियों के भविष्य को लेकर आज फैसला सुनाएगी।
दरअसल 2019 में BCCI के नए ऑफिशियल्स का चुनाव किया गया था। सौरव गांगुली को अध्यक्ष, जय शाह को सचिव, अरुण धूमल को कोषाध्यक्ष और जयेश जॉर्ज को संयुक्त सचिव चुना गया था। गांगुली की नेतृत्व वाली BCCI ने दो महीने के अंदर ही कूलिंग ऑफ पीरियड के खिलाफ कोर्ट में चला गया था। वे चाहते थे कि कूलिंग ऑफ़ पीरियड किसी सदस्य के एक ही स्थान पर लगातार छह साल तक पद संभालने के बाद आना चाहिए ना कि राज्य संघ या BCCI या दोनों को मिलाकर। अभी के संविधान के मुताबिक पदाधिकारी अगर राज्य संघ या बीसीसीआई या इन दोनों को मिलाकर छह साल का कार्यकाल पूरा करता है तो उसे कूलिंग ऑफ़ पीरियड में जाना होगा।
क्या है कूलिंग ऑफ पीरियड
लोढ़ा कमिटी के सिफारिश के बाद 2018 में लागू हुए BCCI के संविधान के अनुसार कोई भी पदाधिकारी या अधिकारी को छह साल लगातार दो बार पद पर रहने के बाद उसे 3 साल के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा। चाहे वह लगातार 6 साल स्टेट बॉडी या में BCCI में रहा हो या दोनों जगह मिलाकर 6 साल रहा हो। उसे 3 साल का गैप लेना ही होगा। संविधान के अनुसार 6 साल पूरा होने के बाद पदाधिकारी खुद ही किसी भी पद पर बने और चुनाव लड़ने के अयोग्य हो जाता है।
बाये से BCCI संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज, अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह और कोषाध्यक्ष अरुण धूमल।
मौजूदा समय में गांगुली समेत 5 सदस्यों के 6 साल पूरे
वर्तमान समय में BCCI में प्रेसिडेंट सौरव गांगुली सहित पांच पदाधिकारियों ने 6 साल पूरे कर लिए हैं।गांगुली का कूलिंग ऑफ़ पीरियड जुलाई 2020 के बाद से शुरू हो गया है, वह 2014 में बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव बने थे जबकि 2015 में वह अध्यक्ष बने और सितंबर 2019 में उन्हें दोबारा अध्यक्ष चुना गया लेकिन इसके बाद वह BCCIमें अध्यक्ष बने।
जय शाह 2014 में गुजरात क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव बने थे। कुछ अंदरूनी रिकॉर्ड बताते हैं कि उनका यह कार्यकाल आठ सितंबर 2013 से शुरू हुआ था। यानि सितंबर 2013 से अक्तूबर 2019 में BCCI सेक्रेटरी बनने से पहले उन्होंने पांच साल अपने पूरे कर लिए थे। जबकि अगले महीने वह BCCI में भी तीन साल पूरे गए लेंगे, यानि के पूरे आठ साल।
राजीव शुक्ला यूपी स्टेट और BCCĪ को मिलाकर 6 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं।
वाइस प्रेसिडेंट राजीव शुक्ला सांसद होने की वजह से BCCI पदाधिकारी बनने के अयोग्य हैं, क्योंकि बोर्ड के संविधान के मुताबिक कोई नेता पदाधिकारी नहीं हो सकता है। उनके भी 6 साल पूरे हो चुके हैं। वहीं कोषाध्यक्ष अरुण धूमल और संयुक्त सचिव जयेश जॉर्ज के भी स्टेट बॉडी और BCCI को मिलाकर 6 साल पूरे हो चुके हैं।
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