ब्रॉन्ज को गोल्ड में बदलने क्वालिटी ट्रेनिंग करेगी भारतीय टीम: हॉकी इंडिया नए अध्यक्ष दिलिप तिर्की बोले- हॉकी में क्वालिटी ट्रेनिंग की कमी है, उसे दूर करेंगे
रामकृष्ण यदुवंशी/एकनाथ पाठक, भुवनेश्वर2 मिनट पहले
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भारतीय टीम के पूर्व कप्तान दिलीप तिर्की हॉकी इंडिया के अध्यक्ष चुने गए। पहली बार भारतीय हॉकी की कमान किसी इंटरनेशनल खिलाड़ी और ओलिंपियन को सौंपी गई है।
44 साल के तिर्की का पहला लक्ष्य अगले साल जनवरी में भारत में होने वाला वर्ल्ड कप है। उन्होंने कहा, ‘वर्ल्ड कप के सफल आयोजन के लिए हम काम कर रहे हैं। इससे देश में हॉकी के लिए अच्छा माहौल तैयार होगा। साथ ही युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी।
वर्ल्ड कप के बाद सरकार के साथ मिलकर एक-एक कदम आगे बढ़ाएंगे। देश में हॉस्टल और एकेडमी बहुत हैं, लेकिन क्वालिटी ट्रेनिंग की कमी है। उस कमी को दूर करना होगा। मैं वर्ल्ड कप के बाद पूरे देश में क्वालिटी ट्रेनिंग पर फोकस करने जा रहा हूं, ताकि टोक्यो का ब्रॉन्ज पेरिस 2024 में गोल्ड में बदल सके।’
घरेलू हॉकी पर होगा फोकस
412 इंटरनेशनल मैच खेल चुके तिर्की ने कहा- ‘देश में वर्ल्ड क्लास हॉकी स्टेडियम तैयार किए जाएंगे। साथ ही युवा खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग के लिए अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुविधा देने का प्रयास कर रहे हैं। हमारी योजना घरेलू हॉकी टूर्नामेंट के आयोजन की है। इसके लिए हॉकी इंडिया राज्य एसोसिएशन से चर्चा करेगी। ताकि ग्रास रूट लेवल पर खिलाड़ियों को अच्छा प्लेटफार्म मिल सके।
हम राज्य सरकार और वहां के खेल विभाग से चर्चा कर हॉकी प्रोग्राम चलाएंगे। ताकि देश के कोन-कोन से खिलाड़ी आने लगे। लेकिन इसके लिए कुछ समय लगेगा। मैं सभी राज्यों के खेल मंत्री से संपर्क करूंगा।’
ड्रैग फ्लिकर और गोलकीपर तैयार करेंगे
युवा खिलाड़ियों के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसमें अगली पीढ़ी के ड्रैग फ्लिकर और गोलकीपर तैयार किए जाएंगे। साथ ही फिटनेस पर भी फोकस रहेगा।’ तिर्की की आईपीएल की तर्ज पर शुरू हुई हॉकी इंडिया लीग भी दोबारा आयोजित कराने की योजना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए इंटरनेशनल फेडरेशन से बात करके शेड्यूल तैयार करेंगे, ताकि दुनिया के अच्छे खिलाड़ी उसमें भागीदारी कर सकें।
बीसीसीआई से तुलना नहीं
बीसीसीआई घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस देती है जबकि हॉकी में ऐसा नहीं है। इस पर उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई और हॉकी इंडिया की तुलना नहीं कर सकते। बीसीसीआई की आर्थिक ताकत दुनिया जानती है। वैसी स्थिति हॉकी की नहीं है। अगर हमारी आर्थिक स्थिति सुधरती है तो निश्चित ही हम अपने खिलाड़ियों के लिए कुछ करेंगे।’
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