विश्व की सिरमौर देश की मान कौर: देश की सबसे बुजुर्ग एथलीट व मिरेकल ऑफ चंडीगढ़ मान कौर की तबीयत बिगड़ी,पंचकर्मा पद्दति से करवाया जा रहा इलाज
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चंडीगढ़2 मिनट पहले
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देश की मान कौर और उनके बेटे गुरदेव सिंह ने देश के लिए कई मैडल जीते। फाइल फोटो
- मान कौर के 82 साल के बेटे ने कहा अभी वे लिक्विड डाइट ले रही,एक्सरसाइज करवाया जा रहा
- 93 साल की उम्र में दौड़ना शुरु किया अपने बेटे के कहने पर, बेटे को बनाया ट्रेनर
देश की सबसे बुजुर्ग एथलीट और मिरेकल ऑफ चंडीगढ़ के नाम से मशहूर दिग्गज 105 साल की मान कौर की तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब चल रही है। उनके 82 साल के बेटे गुरदेव सिंह जो खूद एथलीट है उनके इलाज में लगे हुए है। गुरदेव सिंह का कहना है कि अभी उनकी माता लिक्विड डाइट ही ले पा रही है।
एथलीट की विभिन्न इवेंट में वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर गॉल ब्लेडर के कैंसर से जूझ रही है और खाने पीने में असमर्थ है। जिसके कारण उनके शरीर में कमजोरी बढ़ती जा रही है। गुरदेव सिंह ने बताया कि वे एक जुलाई से ही कुछ खा नहीं पा रही हैं, शरीर में काफी कमजोरी है क्योंकि जबरन भी कुछ खिलाया नहीं जा सकता। उन्होंने एपल जूस और नारियल पानी ही पिया है, इसके अलावा वे कुछ खा नहीं सकीं। इस समय वे लिक्विड डाइट भी मुश्किल से ही ले पा रही हैं।
अभी मान कौर का इलाज डेराबस्सी के शुद्धि आयुर्वेद पंचकर्मा अस्पताल में पंचकर्मा तरीके से किया जा रहा है। गुरदेव सिंह ने बताया कि गुरुवार को लिक्विड डाइट दी गई थी लेकिन आज चपाती और दाल दी जाएगी ताकि वे खाना खा सके और उन्हें ताकत आ सके।
गुरदेव सिंह ने बताया कि कैंसर गॉल ब्लेडर से होते हुए अब लीवर तक फैल गया है। इस उम्र में ऑपरेशन होना बहुत मुश्किल है इसलिए होमियोपैथी मेडिसिन ही उन्हें दे रहे हैं। इससे पहले चंडीगढ़ पीजीआई में उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया था। जहां इलाज के बाद उन्हें घर भेज दिया गया था और वहीं पर इलाज का इंतजाम किया गया था।
बुजुर्ग एथलीट मान कौर इंटरनेशनल लेबल पर 35 से अधिक विभिन्न इवेंट में मैडल जीत चुकी है। कोविड-19 से पहले तक लगातार मैडल जीतकर वह तिरंगे की शान बढ़ाती रही हैं। मान कौर की उपलब्धियों को देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वर्ष 2019 में उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था। राष्ट्रपति भवन में सम्मान लेने के लिए मान कौर जिस फुर्ती से स्टेज पर पहुंची थी, उसे देखकर राष्ट्रपति भी चकित रह गए थे। वहीं, प्रधानमंत्री आवास पर एक मुलाकात के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी उनके आगे दोनों हाथ जोड़कर खड़े हो गए थे। इसके अलावा वह देश दुनिया के एथलीटस के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
93 साल की उम्र में बेटे के कहने पर दौड़ना शुरू किया
देश की सबसे बुजुर्ग एथलीट मान कौर के नाम कई वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने उस उम्र में दौड़ना शुरु किया जब सब लोग थक कर चारपाई पकड़ लेते है। मान कौर ने अपने बेटे के कहने पर 93 साल की उम्र में दौड़ना शुरू किया और उसके बाद पीछे नहीं मुड़ कर देखा। विश्व के कई देशों में हिस्सा लेने गई मान कौर मैडल जीतने के बाद ही वापस आई।
मान कौर ने 60 मीटर और 200 मीटर रेस के साथ साथ शॉटपुट और जेवेलिन थ्रो में भी कई मैडल जीते। मान कौर ने 2017 वर्ल्ड मास्टर गेम्स में उन्होंने देश के लिए चार गोल्ड मैडल जीते थे जबकि 2018 स्पेन वर्ल्ड मास्टर गेम्स में उन्होंने दो गोल्ड मैडल पर कब्जा किया था। मान कौर ने 102 साल की उम्र में न्यूजीलैंड के ऑकलैंड में 100 मीटर स्प्रिंट का गोल्ड मैडल जीतकर सभी को हैरान किया था।
इसके बाद उन्होंने ऑकलैंड में स्काई टॉवर पर ‘स्काई वॉक’ कर रिकॉर्ड बनाया था, उस समय उनकी उम्र 102 साल की थी। यह स्काई टॉवर शहर से 192 मीटर की ऊंचाई पर था। इस विश्व रिकॉर्ड को तोड़ने में मान कौर के 80 साल के बेटे गुरदेव सिंह ने उनका साथ दिया। मान ने अपने बेटे का हाथ पकड़कर यह ‘स्काई वॉक’ की।
ऑकलैंड में मान कौर ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी अपना नाम दर्ज कराया था। यहां उन्होंने जेवेलिन थ्रो में 5 मीटर का स्कोर लगाकर गोल्ड मैडल जीता। उन्होंने सैकरामेंटो में पहली बार वर्ल्ड मास्टर गेम्स में हिस्सा लिया था। 100 और 200 मीटर में दो गोल्ड जीतकर उन्होंने रिकॉर्ड बुक में पहली बार इंडिया का नाम दर्ज कराया था। 2011 में ही उन्हें एथलीट ऑफ द ईयर चुना गया। मान कौर को एथलेटिक्स में लेकर आने वाला उनका बेटा ही है,उन्हीं के साथ मान कौर ने ट्रेनिंग शुरू की थी। कोरोना संक्रमण के कारण मान कौर कनाडा और जापान में हाेने वाली मास्टर गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाई।
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