IPL की अहमदाबाद फ्रेंचाइजी चर्चा में: अब भी अडाणी को मिल सकती है अहमदाबाद की टीम, सट्टेबाजी में शामिल CVC केपिटल शक के दायरे में
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गांधीनगरएक मिनट पहले
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दो टीमों को खरीदने के लिए कुल 22 बिजनेस घरानों ने दिलचस्पी दिखाई थी।
यूएई में आयोजित ऑक्शन की प्रक्रिया के बाद रविवार को दो नई फ्रेंचाइजी का नाम सामने आ गया है। लखनऊ की आईपीएल टीम को आरपीएसजी ग्रुप ने अपने नाम किया है, जबकि अहमदाबाद की टीम पर युरोप की इक्विटी फर्म सीवीसी कैपिटल्स ने कब्जा किया। अहमदाबाद की टीम के लिए दूसरी बड़ी बोली अडाणी ग्रुप ने लगाई थी, लेकिन लेकिन सीवीसी कैपिटल ने सबसे बड़ी बोली (5600 करोड़ रुपये) लगाकर टीम अपने नाम कर ली थी।
अब इस मामले में नया मोड़ आने के संकेत मिल रहे हैं, क्योंकि, सट्टेबाजी कंपनियों के साथ अपने संबंधों के लिए CVC कैपिटल मुश्किल में पड़ सकती है। क्योंकि, CVC ने मलेशिया में लॉटरी ऑपरेटर मैग्नम कॉर्पोरेशन में निवेश किया है। जिससे बीसीसीआई द्वारा सीवीसी को अयोग्य करार दिए जाने की चर्चा जोरों पर है।
इंडियन प्रीमियर लीग-आईपीएल में अब अहमदाबाद और लखनऊ की टीमें भी जुड़ी चुकी हैं।
बीसीसीआई के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, बीसीसीआई के प्रमुख सीवीसी कैपिटल के अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं। इसके साथ ही अहमदाबाद के लिए फ्रेंजाइजी अडाणी समूह भी आगामी विकल्पों पर विचार कर रहा है। बता दें, अहमदाबाद फ्रेंजाइजी जीतने के लिए अडाणी ग्रुप ने 5100 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। ऐसे में अडाणी ग्रुप अहमदाबाद की आईपीएल टीम के लिए दूसरी बोली लगाने का पात्र हो सकता है।
ललित मोदी ने किया था ट्वीट
बीसीसीआई को दी गई रिपोर्ट में ललित मोदी के ट्वीट का विवरण दिया गया है। इसमें ललित मोदी ने बीसीसीआई पर तंज कसते हुए कहा कि सट्टेबाजी में लिप्त एक कंपनी को आईपीएल की टीम मिली है. ऐसे में एंटी-कैप्शन ब्यूरो क्या करेगा, इस पर बीसीसीआई ने पर्याप्त होमवर्क नहीं किया है।
सट्टेबाजी के आरोप में आईपीएल की दो टीमों पर दो साल का प्रतिबंध भी लग चुका है।
सीवीसी कैपिटल्स युरोप की कंपनी है और कंपनी के चेयरमैन स्टीव कोल्टेस हैं। सिटी बैंक के स्वामित्व वाले सिटी कॉर्प से निकलकर सीवीसी कैपिटल्स का जन्म 80 के दशक में हुआ था। कंपनी का हेडक्वार्टर लक्समबर्ग में है। ये मूल रूप से इक्विटी फर्म है। कंपनी इंवेस्टमेंट बैंकिंग और ब्रोकरेज में डील करती है। एक समय कंपनी की फॉर्मूला वन ग्रुप में भी हिस्सेदारी थी, लेकिन साल 2016 में कपंनी पूरी तरह से इस बिजनेस से अलग हो गई थी। साल 2015 में सीवीसी ग्रुप ने यूके की बेटिंग कंपनी स्कॉय बेटिंग एंड गैंबलिंग की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली थी।
सट्टेबाजी के चलते विवादों में रहा है आईपीएल
बता दें, सट्टेबाजी के आरोप में आईपीएल की दो टीमों पर दो साल का प्रतिबंध भी लग चुका है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप के बाद चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स को उनके कुछ शीर्ष अधिकारियों और टीम द्वारा दो सत्रों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था। इन परिस्थितियों में, सट्टेबाजी और जुए में बड़ी रुचि रखने वाली विदेशी कंपनी को नई टीम सौंपना बीसीसीआई के लिए मुश्किल हो सकता है क्योंकि भारतीय कानून के तहत जुआ और सट्टेबाजी प्रतिबंधित है।
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