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IPL की गुमनाम कहानी: KKR को खिताब दिलाने वाले बिस्ला अब कोचिंग और कमेंट्री में हाथ आजमा रहे; जानिए 6 साल से कहां थे

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गुड़गांव5 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर

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साल 2012 के IPL फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ 48 गेंदों में 89 रनों की मैच विनिंग पारी खेलकर कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) को पहली बार ट्रॉफी दिलाने में मनविंद्र बिस्ला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड भी मिला। अगले सीजन में वो अपना फॉर्म बरकरार रखने में विफल रहे, फिर KKR ने उन्हें रिलीज कर दिया।

साल 2015 में बिस्ला RCB से जुड़े, लेकिन उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिला। 6 साल से वे IPL से दूर रहे। हालांकि पिछले साल यह भी खबर आई कि बिस्ला ने IPL में वापसी की उम्मीद को छोड़ दिया है, वे श्रीलंका प्रीमियर लीग में खेलेंगे। दैनिक भास्कर ने बिस्ला से बातचीत कर यह जानने का प्रयास किया कि उनकी भविष्य की क्या योजना है और 2015 बाद से उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

इस साल घरेलू टूर्नामेंट और IPL में कमेंट्री के लिए स्पोर्ट्स चैनल से किया करार
बिस्ला ने भास्कर को बताया कि 6 साल IPL में वापसी का इंतजार करने के साथ ही वे एयर इंडिया के लिए भी खेलते रहे। वहीं इस साल उन्होंने घरेलू टूर्नामेंट और IPL में कमेंट्री के लिए एक स्पोर्ट्स चैनल के साथ करार किया है। वे अब अपना पूरा फोकस कोचिंग के साथ कमेंट्री में करना चाहते हैं।

उन्होंने बताया कि गुड़गांव में स्पोर्ट्स क्यूब में वे क्रिकेटरों को कोचिंग दे रहे हैं। भविष्य में वे कोचिंग और कमेंट्री में ही अपना करियर बनाना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने कोचिंग को जारी रखा है। IPL में वापसी का इंतजार करने के दौरान भी वे स्पोर्ट्स क्यूब से जुड़े रहे और नए खिलाड़ियों को तैयार करने में अपना योगदान देते रहे।

पूरे परिवार के साथ गुड़गांव में रहते हैं
बिस्ला ने बताया कि वे पूरे परिवार के साथ गुड़गांव में रह रहे हैं। परिवार में मम्मी और पापा के अलावा उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है।

कई मौके मिले, पर भुना नहीं पाए
बिस्ला ने कहा कि मुझे काफी मौके मिले। IPL हो या घरेलू टूर्नामेंट, सभी ने मेरा साथ दिया। पर मैं प्रदर्शन को स्थायी नहीं रख पाया। यही वजह है कि मुझे टीम से बाहर भी होना पड़ा। मुझे लगता है कि कई बार आप मेहनत करते हैं, पर मैच में परिस्थिति आपके अनुकूल नहीं होती, इसलिए आप बेहतर नहीं कर पाते। मुझे क्रिकेट और गुरुजनों से जो कुछ मिला, उससे मैं संतुष्ट हूं।

पेरेंट्स का पूरा सपोर्ट मिला
बिस्ला ने कहा कि मेरे यहां तक के करियर में मेरे माता-पिता का काफी योगदान रहा। मेरे पापा वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। वे सरकारी जॉब में थे। ऐसे में मुझे शुरुआती स्तर पर किसी तरह की आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा। हम दो भाई-बहन थे। पापा ने खेलने से कभी नहीं रोका।

मुझे अन्य बच्चों की तरह ही क्रिकेट खेलने का शौक था। मैं चौथी क्लास में था, तब जवाहर नगर में अनुराग हुड्‌डा की क्रिकेट एकेडमी में क्रिकेट सीखना शुरू किया था।

दसवीं तक सफल नहीं हो पाता, तो क्रिकेट को कंटीन्यू नहीं कर पाता
बिस्ला बताते हैं कि अगर मैं दसवीं तक क्रिकेट में ज्यादा सफल नहीं होता, तो शायद मुझे पढ़ाई की ओर ध्यान देना पड़ता। पर मैं अपने कोच राजकुमार शर्मा और अनुराग हुड्‌डा और भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि मैं जब दसवीं क्लास में था, तभी मुझे वर्ल्ड स्कूल टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला।

सातवीं क्लास में हरियाणा क्रिकेट एकेडमी में हो गया था दाखिला
बिस्ला ने कहा कि हिसार में मेरे शुरुआती कोच अनुराग हुड्‌डा थे। जब मैं सातवीं क्लास में था, तो मेरा सिलेक्शन हरियाणा क्रिकेट एकेडमी फरीदाबाद में हो गया था। वहां पर कोच राजकुमार शर्मा ने मेरा मार्गदर्शन किया और आज मैं क्रिकेट में जो कुछ हासिल कर पाया, उसमें राजकुमार सर और अनुराग सर का महत्वपूर्ण रोल है।

राजकुमार सर हॉस्टल इंचार्ज भी थे। ऐसे में उन्होंने हमेशा पेरेंट्स की तरह गाइड किया। हमें यह एहसास ही नहीं होने दिया कि हम हॉस्टल में है। उन्होंने पेरेंट्स की तरह हमें डिसीजन लेने में हेल्प की।

2002 में अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम के सदस्य
बिस्ला के मुताबिक, मुझे 2002 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया में जगह मिली थी। इस टीम में मुझे बल्लेबाज के तौर पर शामिल किया गया था। टीम के कप्तान पार्थिव पटेल थे। मैं तीन मैचों में मैन ऑफ द मैच रहा। इसी साल मुझे हरियाणा की तरफ से रणजी खेलने का मौका मिला।

टीम में अजय रतड़ा बतौर विकेटकीपर शामिल थे। यहां पर भी मुझे बतौर बल्लेबाज ही शामिल किया गया था। 2004 में मैं देवधर ट्रॉफी खेला। 2004 से 2006 तक नॉर्थ जोन की तरफ से दलीप ट्रॉफी भी खेला।

पांचों सालों तक हिमाचल से खेला
पांच सालों तक मैं हिमाचल की ओर से खेला। क्योंकि मुझे लगा कि अजय रतड़ा भैया के रहते कीपिंग का मौका मिलना मुश्किल है। मैं कीपिंग के बिना अपने को अधूरा समझता था।

मनविंद्र बिस्ला IPL 2010 में किंग्स इलेवन पंजाब में शामिल थे।

मनविंद्र बिस्ला IPL 2010 में किंग्स इलेवन पंजाब में शामिल थे।

IPL में तीन टीमों में रहे शामिल
बिस्ला ने कहा कि मैं IPL 2010 में किंग्‍स इलेवन पंजाब की तरफ से खेला। 2011 से 2014 तक मैं कोलकाता नाइटराइडर्स टीम का हिस्सा रहा। उसके बाद 2015 में मैं रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के साथ जुड़ा। हालांकि मुझे ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला। फिर मैं IPL में वापसी का इंतजार करता रहा।

श्रीलंका प्रीमियर लीग के लिए मौका मिला, पर मैं नहीं गया
बिस्ला बताते हैं कि जब मुझे IPL से मौका नहीं मिला, तो मैंने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से एनओसी लेकर 2020 में श्रीलंका प्रीमियर लीग में खेलने की योजना बनाई। मुझे वहां की टीम ने खरीद भी लिया, पर मैं लीग में क्वारैंटाइन नियमों की वजह से नहीं गया।

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