IPL के 15 सालों की कहानी: टीम इंडिया का सक्सेस रेट 20% और BCCI का रेवेन्यू 18 गुना बढ़ा; भारत में बदल दिया एंटरटेनमेंट का मतलब
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28 मिनट पहलेलेखक: हिमांशु पारीक
जब भारतीय टीम 1983 वर्ल्डकप जीतकर आई, तो उस वक्त BCCI अध्यक्ष एनकेपी साल्वे खिलाड़ियों को पुरस्कार देना चाहते थे। बोर्ड के पास ईनाम देने तक के पैसे नहीं थे। साल्वे के निवेदन पर लता मंगेशकर ने दिल्ली में एक कॉन्सर्ट किया, जिससे 20 लाख रुपए की कमाई हुई। इस रकम को खिलाड़ियों में बांटा गया।
आज भारतीय क्रिकेट में परिस्थितियां बिल्कुल बदल गई हैं। IPL में सेलेब्रिटीज के डांस के लिए बोर्ड खुद करोड़ों रुपए देता है। क्रिकेट में इस बदलाव की शुरुआत हुई 18 अप्रैल 2008 यानी ठीक 15 साल पहले। हम यहां IPL के 15 सालों की पूरी कहानी और क्रिकेट को हमेशा के लिए बदलने में इसके रोल को जानेंगे।
कॉन्सेप्टः टी-20 की पॉपुलैरिटी और NBA की तर्ज
IPL आने से पहले जी एंटरटेनमेंट कंपनी ने श्रीलंका, बांग्लादेश और पाकिस्तान के खिलाड़ियों को लेकर इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) शुरू की, लेकिन BCCI और ICC ने इसे मान्यता नहीं दी और इसमें भाग लेने वाले खिलाड़ियों को बैन कर दिया। 2008 में ये लीग बंद हो गई।
2007 में भारत के T20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद देश में T20 की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। इसी लोकप्रियता का फायदा उठाते हुए BCCI ने सचिन, सौरव, कुंबले, युवराज जैसे नामी खिलाड़ियों के साथ IPL नाम की अपनी डोमेस्टिक T-20 क्रिकेट लीग शुरू करने की घोषणा की। माना गया कि ये BCCI का ICL के खिलाफ एक रिएक्शन था, पर उस समय के IPL चेयरमैन ललित मोदी ने ये साफ कर दिया कि ये आइडिया बास्केटबॉल और फुटबॉल की NBA और EPL लीग से इन्सपायर था।
मॉडलः खिलाड़ियों को सेलेक्शन से ऑक्शन तक पहुंचाया
BCCI ने सिटी बेस्ड फ्रेंचाइजी मॉडल अपनाया। भारत के 8 बड़े शहरों, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, जयपुर, चेन्नई, बेंगलूरु, हैदराबाद और पंजाब की टीमों को बिक्री के लिए रखा गया। शाहरुख खान, प्रीति जिंटा, विजय माल्या, अंबानी ग्रुप, और शिल्पा शेट्टी जैसे देश के जाने-माने रईसों ने इन टीमों को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखाई और BCCI ने इन टीमों को बेचकर कुल 723 मिलियन डॉलर की कमाई की।
इन टीमों में खिलाड़ी लाने के लिए नीलामी प्रक्रिया हुई। दुनियाभर से बड़े-बड़े खिलाड़ियों समेत कुल 77 खिलाड़ी नीलामी में शामिल हुए और करोड़ों में बिके। लीग की लोकप्रियता का अंदाजा लगाते हुए सोनी ने भी 10 साल के प्रसारण अधिकार 8200 करोड़ रुपए में खरीद लिए।
18 अप्रैल 2008 को बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम में मंच सजा और ब्रेंडन मैकुलम ने 158 रनों की पारी खेलकर टूर्नामेंट की धमाकेदार शुरुआत की। IPL का हिट होना तय हो गया। BCCI ने IPL के पहले सीजन से 300 करोड़ रुपए कमाए, जबकि 2007 में उसका कुल रेवेन्यू ही 225 करोड़ रुपए का था। तब से अब तक IPL के 15 सीजन आ चुके हैं।
इम्पैक्टः IPL ने भारत में बदल दिया एंटरटेनमेंट
IPLने भारत में “स्पोर्टस्टेनमेंट” की शुरुआत की। लंबे-लंबे बोरिंग क्रिकेट मैच 3.30 घंटे के थ्रिलर एंटरटेनमेंट में बदल गए। दिनभर की थकान के बाद लोग फैमिली के साथ बैठकर आराम से हर रोज एक नया गेम एन्जॉय कर सकते थे। अलग-अलग शहरों की फ्रेंचाइजी ने गेम में लोकल फैक्टर डालकर एक नया फैनबेस तैयार किया जिसमें इस बार महिलाएं भी शामिल थी।
पॉपुलैरिटीः 41 करोड़ लोग देखते हैं IPL
- T20 फॉर्मेट होने से अधिकतर मैच 3.30 घंटे में खत्म हो जाते हैं। गर्मी की छुट्टियों के आस-पास शेड्यूल रहने से व्यूअरशिप बनी रहती है। मैचों का समय रात को 7 से 11 के प्राइम टाइम में होता है जिससे दर्शक दिनभर की थकान के बाद मैच देखकर रिफ्रेश फील करते हैं।
- कोरोना से पहले तक IPL में जयपुर, मोहाली, राजकोट जैसे छोटे शहरों में भी हर सीजन में 7 मैच तक खेले जाते थे। इससे दर्शक स्टेडियम में पहुंचकर भी अपने फेवरेट स्टार्स को देख सकते थे।
- फ्रेंचाइजी बेस्ड टूर्नामेंट होने से “माई सिटी, माई टीम” की भावना लोगों में हमेशा से रही। महिलाएं भी क्रिकेट में ज्यादा रुचि लेने लगीं।
- ब्रॉडकास्टर्स और BCCI ने स्पाइडर कैम, हॉक आई, लाइटिंग विकेट जैसे नए प्रयोग किए। इससे ब्रॉडकास्टिंग क्वालिटी बढ़ी, आम जनता क्रिकेट की बारीक चीजों को अच्छे से समझ पाई।
- खेल के साथ ग्लैमर का तड़का भी लगा। शाहरुख, प्रीति जिंटा जैसे सितारों की टीमें होने से फिल्मों का फैनबेस भी क्रिकेट की ओर आकर्षित हुआ। चीयरलीडर्स और फैनपार्क जैसे प्रयोगों ने भी अपना काम किया।
मीडिया राइट्सः स्टार एक गेंद दिखाने के 22 लाख रुपए दे रहा
IPL से होने वाली कमाई का अंदाजा लगाते हुए सोनी ने 10 साल के मीडिया राइट्स 8200 करोड़ रुपए में खरीद लिए। सोनी को इससे जबरदस्त फायदा हुआ, जिसके बाद व्यूअरशिप को देखते हुए स्टार ने 5 साल के राइट्स के लिए दोगुनी बोली लगा दी। स्टार ने लगभग 16 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई जिसका मतलब लगभग हर बॉल दिखाने के लिए स्टार BCCI को 22 लाख रुपए दे रहा है। 2022 में ये राइट्स फिर से बिकने के लिए तैयार हैं। खरीदने की रेस में फेसबुक, जियो, सोनी, स्टार और अमेजन जैसी कंपनियां हैं और और इस बार कीमत तीन गुना तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनी ने हर साल IPL से 1000 करोड़ रुपए कमाए वहीं स्टार हर साल 3 हजार से 4 हजार करोड़ तक कमा रहा है।
इतने महंगे मीडिया राइट्स खरीदने के बाद स्टार स्पोर्ट्स ने पैसा कमाने की भी काफी तैयारी की। साल 2022 में टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के एड रेवेन्यू से स्टार लगभग 4800 करोड़ रुपए टारगेट कर रहा है। इसके लिए स्टार हर 10 सेकंड के एड के 15 लाख रुपए तक ले रहा है। FMCG, गेमिंग, ऑनलाइन पेमेंट, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स आदि को मिलाकर उसके पास 100 से ज्यादा एडवर्टाइजिंग डील्स हैं। IPL में इस बार 74 मैच खेले जाएंगे और स्टार के पास हर मैच में लगभग 3200 सेकेंड्स का एड स्पेस होगा, जिससे ये टारगेट काफी अचीवेबल भी लगता है।
परफॉर्मेंसः IPL के बाद कैसी बदली टीम इंडिया की परफॉर्मेंस
IPL ने भारत में एंटरटेनमेंट के साथ-साथ क्रिकेट को भी बदल दिया। IPL से पहले और IPL के आने के बाद से डोमेस्टिक प्लेयर्स को मिलने वाले एक्सपोजर में काफी अंतर था, जिसका नतीजा रहा कि एक बेहतरीन बेंच स्ट्रेंथ तैयार हुई।
IPL चाहे T20 फॉर्मेट में था पर इसका फायदा इंडियन क्रिकेट टीम को ODI और टेस्ट में भी हुआ। भारत की टेस्ट और वनडे परफॉर्मेंस काफी बेहतर हो गई। IPL से पहले जहां वनडे क्रिकेट में भारत का सफलता प्रतिशत 48% था वो IPL के बाद बढ़कर 62% हो गया। टेस्ट मे ये प्रतिशत 32 से बढ़कर 51 प्रतिशत तक पहुंच गया।
हालांकि, एक आंकड़ा ये भी है कि IPL आने के बाद से भारत ने 2011 में ICC वनडे वर्ल्ड कप और 2013 में ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीती, टीम टेस्ट में नंबर वन भी बनी, पर भारत एक बार भी T-20 वर्ल्ड कप नहीं जीत पाया। IPL आने के बाद से छह T-20 वर्ल्ड कप हुए, जिनमें से भारत सिर्फ एक बार 2014 में फाइनल तक पहुंच पाया।
टैलेंटः साल दर साल IPL भारत को देता गया युवा सितारे
भले ही टीम इंडिया IPL के अनुभव को T-20 वर्ल्ड कप की जीत में नहीं बदल पाई पर इसने लगभग हर साल भारत को एक से एक बेहतरीन खिलाड़ी दिए। IPL में यंग क्रिकेटर्स को प्रोमोट करने के लिए दिए जाने वाले एमर्जिंग प्लेयर ऑफ दी ईयर अवॉर्ड को 14 में से 13 बार भारतीय खिलाड़ी ने ही जीता। ये अवॉर्ड बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले उस खिलाड़ी को दिया जाता है जिसने सीजन की शुरुआत से पहले 5 टेस्ट, 20 ODI और 25 से कम IPL मैच खेले हों। कोई भी खिलाड़ी ये अवॉर्ड सिर्फ एक बार ही जीत सकता है।
जिन भारतीय खिलाड़ियों को ये अवॉर्ड अभी तक मिला है, उनमें से अधिकतर खेल की बुलंदियों पर पहुंचे। 2016 में SRH की ओर से खेलते हुए बांग्लादेश के युवा गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान ने 17 विकेट लेकर ये अवॉर्ड जीता था और आज वे बांग्लादेश टीम का अहम हिस्सा हैं।
दूसरे खेलों की ग्रोथ की जमीन भी तैयार करता गया IPL
जब IPL शुरू हुआ, तब ये भारत में अपनी तरह का पहला सफल फ्रेंचाइजी टूर्नामेंट था। पर इसके बाद देश में बाकी खेलों के लिए भी रास्ता तैयार हुआ और एक अलग तरह का स्पोर्टिंग कल्चर डेवलप हुआ। IPL के बाद से देश में अलग-अलग खेलों में फ्रेंचाइजी बेस्ड लीग्स शुरू हो चुकी हैं।
जिस तरह IPL में क्रिकेट खिलाड़ियों को डिस्ट्रिक्ट, स्टेट और नेशनल के तय रास्ते से अलग होकर टैलेंट के आधार पर भी टीम में मौके मिल रहे थे, ऐसा ही बाकी खेलों में भी होने लगा।
आइए अब नजर डालते हैं IPL से जुड़े कुछ बड़े विवादों पर…
IPL ने देश में क्रिकेट को तो उठाया, पर कई विवाद भी इससे जुड़े रहे जिन्होंने इसे अनचाही पब्लिसिटी दी:
- IPL नीलामी में खिलाड़ियों की खरीद-फरोख्त की राजनेताओं और पूर्व खिलाड़ियों ने की आलोचना।
- 2008 में मैच के बाद हरभजन ने अज्ञात कारण से श्रीसंत को जड़ा थप्पड़, पूरे सीजन के लिए भज्जी हुए बैन।
- 2010 में भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच IPL चेयरमैन ललित मोदी बर्खास्त, 2013 में BCCI ने पूरी तरह बैन किया।
- IPL 2011 के दौरान साउथ अफ्रीकन चीयरलीडर गेब्रिएला पास्क्यूलोटो ने ब्लॉग लिखकर खिलाड़ियों पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए, मुंबई इंडियंस ने चीयरलीडर को अपने ग्रुप से निकाला।
- IPL 2012 में शाहरुख खान पर नशे में वानखेड़े स्टेडियम के गार्ड से बदतमीजी के आरोप लगे, 5 साल के लिए वानखेड़े स्टेडियम में एंट्री बैन।
- 2012 में पुणे वॅारियर्स के दो खिलाड़ी, राहुल शर्मा और वेन पार्नेल, रेव पार्टी में पकड़े गए, ड्रग्स लेने की बात से इंकार करने के बावजूद दोनों के ड्रग्स टेस्ट पॉजिटिव रहे।
- 2013 में दिल्ली पुलिस ने राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों को स्पॉट फिक्सिंग के मामले में गिरफ्तार किया, जांच में RR और CSK के तार सट्टेबाजी से जुड़े मिले, दोनों टीमों पर दो साल का बैन लगा।
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