IPL में चौकों-छक्कों का तूफान लाएगा इंडियन गेल: महिपाल का फिटनेस पर जोर, प्रिपेयर किए इंप्रोवइजिंग शॉट्स, पिता बोले- कोहली के साथ से निखरेगा खेल
नागौरएक मिनट पहले
IPL का सीजन 15 चल रहा है। इस सीजन में एक प्लेयर ऐसा है, जिसकी चर्चा हर कोई कर रहा है, वह है महिपाल लोमरोर। महिपाल का जन्म नागौर के मूंडवा तहसील के ढाढरिया खुर्द गांव में हुआ था। उन्हें भारतीय क्रिकेट में जूनियर गेल के नाम से जाना जाता है। IPL के पांच सीजन खेल चुके महिपाल इस बार अपना छठा IPL सीजन क्रिस गेल की ही पुरानी टीम RCB से खेल रहे हैं।
फिटनेस पर फोकस, आज मैच
खड़े-खड़े छक्के मारने में माहिर महिपाल ने इस सीजन अपनी फिटनेस पर विशेष काम किया है। वहीं इस बार उन्होंने कई नए शॉट्स भी इम्प्रोवाइज किए हैं। इनकी बदौलत अब महिपाल IPL में चौको-छक्कों का तूफान लाने को तैयार हैं। IPL टूर्नामेंट का तीसरा मुकाबला पंजाब किंग्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच आज शाम को खेला जाएगा। ऑलराउंडर महिपाल की RCB प्लेइंग इलेवन में जगह तय भी मानी जा रही है।
शानदार रहा पिछला सीजन
पिछले सीजन में राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलते हुए महिपाल ने पंजाब किंग्स के खिलाफ हुए मैच से ही फेज 2 की धमाकेदार शुरुआत की थी। उस मैच में 12 वें ओवर में बल्लेबाजी करने उतरे महिपाल के तूफान में पंजाब किंग्स के बॉलर धराशायी हो गए थे। उन्होंने इंग्लैंड के टॉप स्पिनर आदिल रशीद को लगातार दो छक्के मारे तो अगले ओवर में दीपक हुड्डा की 6 गेंदों पर 2 छक्कों और 2 चौकों से 24 रन बना डाले थे। मैच में 17 गेंदों पर 252.94 के स्ट्राइक रेट से 43 रन बनाकर आउट हुए। तब तक रॉयल्स की जीत तय हो गई थी।
आरबीसी से जुड़े महिपाल लोमरोर। इस बार फिटनेस पर फोकस।
दादा ने थमाया था किक्रेट बैट
पुलिस में SI महिपाल के दादा उम्मेद सिंह लोमरोर ने मात्र 2 वर्ष की उम्र में ही महिपाल को बैट थमा दिया था। महिपाल ने भी दादा को निराश नहीं किया। क्रिकेटर बनने को ही जीवन का लक्ष्य बना लिया। महिपाल ने क्रिकेट के शुरुआती गुर नागौर में ही सीखे। नागौर में उनका मकान स्टेडियम के पास है। वहां एक क्रिकेट एकेडमी चलती थी। महिपाल के शौक को देखते हुए पिता ने उन्हें एकेडमी में भेजना शुरू कर दिया। 3-4 महीने में ही एकेडमी के कोच मुकेश प्रजापत और कमल पुरोहित ने महिपाल की प्रतिभा को पहचान लिया। दोनों कोच ने महिपाल के पिता को सलाह दी कि वे बेटे को जयपुर या दिल्ली शिफ्ट करें। ताकि खेल में और सुधार हो सके।
दादी ने महिपाल के लिए छोड़ा गांव
महिपाल के पिता कृष्ण कुमार लोमरोर ने बताया कि हमारा पूरा परिवार नागौर में रहता था। ऐसे में महिपाल को छोटी उम्र में अकेले जयपुर भेजना संभव नहीं हो रहा था। उस समय महिपाल की दादी सिणगारी देवी ने कहा, ‘मैं जाऊंगी महिपाल के साथ। मैं बनाऊंगी इसे क्रिकेटर।’ दादी की जिद, महिपाल की ललक और दादा की इच्छाशक्ति से दादी-पोते 2012 में जयपुर शिफ्ट हो गए। वहां सुराणा एकेडमी में उन्हें एडमिशन दिलाया गया। यहां दादी ने पोते को खेल के लिए लगातार मोटिवेट किया।
महिपाल का यह छठा सीजन है। पहली बार दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीदा था।
बदल गई जिंदगी, जब पहला मौका मिला
दादा के फैसले और दादी के समर्पण से महिपाल की जिंदगी उस समय बदल गई, जब नागौर जिले की तरफ से खेलने का मौका मिला। शानदार प्रदर्शन के बूते महिपाल का राजस्थान से अंडर-14 की टीम में चयन हो गया। यह मैच मुंबई में हुआ था। वहां महिपाल ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 250 रन की नाबाद पारी खेली। फिर अंडर-16, रणजी और भारत की अंडर-19 की क्रिकेट टीम में शानदार पारियां खेलते हुए उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
2016 में शुरू हुआ IPL का सफर
2016 में बांग्लादेश में हुए फाइनल मैच में इंडिया रनरअप रहा था। इस वर्ल्ड कप के बाद T-20 दुनिया में कदम रखने वाले महिपाल इससे पहले IPL के पांच सीजन खेल चुके हैं। साल 2016 में महिपाल का IPL सफर शुरू हुआ। पहली बार दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए वे बेस प्राइस 10 लाख में खरीदे गए। पहला IPL दिल्ली डेयरडेविल्स से खेलने के बाद अगले साल राजस्थान रॉयल्स में बेस प्राइस 20 लाख में खरीदा गया। तब से लगातार चार बार राजस्थान रॉयल्स से IPL खेले।
अब IPL-15 में महिपाल अपनी नई टीम RCB के लिए खेल रहे हैं। राजस्थान क्रिकेट टीम के कप्तान भी बन चुके हैं। एडम गिलक्रिस्ट को महिपाल अपना आदर्श मानते हैं। गेंदबाजी में रविंद्र जडेजा उनके आइडल हैं।
बहनों के साथ महिपाल लोमरोर।
ऐसे मिला जूनियर क्रिस गेल का नाम
महिपाल एक बार 2011 में मुंबई में मैच खेलने गए थे। तब वहां पूर्व क्रिकेटर चंद्रकांत पंडित भी पहुंचे थे। पंडित ने उन्हें जूनियर गेल और भारत का क्रिस गेल कहकर बुलाया था। तब से दोस्त उन्हें जूनियर गेल ही कहने लगे।
पिछले साल पूरा किया ग्रेजुएशन
महिपाल ने सातवीं तक की पढ़ाई नागौर में ग्रामोत्थान विद्यापीठ से की। इसके बाद 8वीं से 12वीं की पढ़ाई जयपुर में रवीन्द्र भारती स्कूल से की। पिछले साल उन्होंने नागौर के मिर्धा कॉलेज से प्राइवेट बीए पूरा किया। पिता कृष्ण कुमार बताते हैं कि उन्होंने सोचा था कि रणजी तक भी खेल लेगा तो उनके लिए बहुत है, लेकिन महिपाल ने इतना आगे बढ़कर परिवार, गांव और राजस्थान का नाम ऊंचा किया है। यह उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि RCB में विराट कोहली के साथ और गाइडेंस से महिपाल के खेल में निखार भी आएगा।
महिपाल के पिता कृष्ण कुमार लोमरोर RSBCL जयपुर में सुपरवाइजर के पद पर तैनात हैं। उनकी दो बहनें हैं। इनमें बड़ी बहन प्रीति शादीशुदा है और छोटी बहन स्नेहा अभी ग्रेजुएशन कर रही है। मां राजू देवी गृहिणी हैं। परिवार के अन्य लोग खेती-बाड़ी ही करते हैं।
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